Politalks.News/UttarPradeshAssemblyElection. देश के 5 राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव (Assembly Election) को लेकर सभी राजनीतिक दल अपने अपने तरीके से आगे बढ़ रहे हैं. चुनाव हैं तो नेताओं का दल-बदल कार्यक्रम भी बदस्तूर जारी है. फिलहाल तो कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए चुनाव आयोग ने चुनावी रैलियों और सभाओं पर 22 जनवरी तक रोक लगा रखी है. लेकिन भारतीय जनता पार्टी (BJP) इससे भी आगे की रणनीति के तहत दौड़ रही है. भाजपा ने बुधवार को आगामी उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव (Uttarpradesh Assembly Election) को लेकर 30 नामों के साथ अपने स्टार प्रचारकों की सूची जारी कर दी है. लेकिन इस सूची में बीजेपी के फायरब्रांड नेता और पीलीभीत से भाजपा सांसद वरुण गांधी (Varun Gandhi) और मोदी सरकार में मंत्री रही उनकी मां व सुल्तानपुर सांसद मेनका गांधी (Menka Gandhi) का नाम ना होने से सियासी गलियारों में बड़ी सुगबुगाहट शुरू हो गई है.
उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए गांधी परिवार से मां-बेटे की जोड़ी और बीजेपी सांसद मेनका और वरुण गांधी को भारतीय जनता पार्टी द्वारा स्टार प्रचारकों की सूची से हटा दिया गया है. भाजपा द्वारा जारी की गई सूची में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ कई दिग्गजों को जगह दी गई है. लेकिन सबसे ज्यादा जो चौंकाने वाला कुछ है तो वो हैं मेनका गांधी और वरुण गांधी का इस लिस्ट में नाम ना होना. हालांकि कई सियासी दिग्गजों का मानना है कि भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारी समिति से हटाए जाने के बाद से ही भारतीय जनता पार्टी में दोनों नेताओं को ज्यादा तवज्जों नहीं दी जा रही है.
यह भी पढ़े: आम बजट बनेगा ब्रह्मास्त्र! 5 राज्यों में विधानसभा चुनावों से पहले भाजपा के पास चौका लगाने का मौका!
राजनीतिक हलकों में एक चर्चा यह भी है कि विधानसभा चुनाव की तारीखों के एलान के पहले से ही पीलीभीत से भाजपा सांसद वरुण गांधी अपनी ही सरकार को कई मौकों पर घेरते नजर आये थे. यहां तक कि वरुण गांधी भाजपा की जीत में सबसे बड़ा रोड़ा माने जा रहे किसान आंदोलन का भी कई मौकों पर समर्थन कर चुके हैं. वहीं गन्ना किसानों की मांगों को मजबूत करते हुए वरुण गांधी ने कई बार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र भी लिखा है. इन सभी कारणों को देखते हुए ये कयास लगाए जा रहे हैं कि बीजेपी ने दोनों नेताओं को स्टार प्रचारकों में शामिल नहीं क्योंकि वो तो खुद कई मौकों पर सरकार की खिलाफत करते नजर आएं हैं.
सियासी जानकारों का एक तबका इसे लखीमपुर खीरी में हुई घटना से भी जोड़कर देख रहा है. क्योंकि लखीमपुर खीरी हिंसा में मुख्य आरोपी भाजपा नेता और केंद्रीय राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा की गिरफ्तारी को लेकर भी वरुण गांधी अपनी आवाज बुलंद कर चुके हैं और आज भी वो अपनी इस बात पर कायम हैं. वरुण गांधी ने किसानों के इस मुद्दे पर अपनी पार्टी से सवाल करने के लिए ट्विटर का सहारा लिया और आरोप लगाया आशीष मिश्रा टेनी को गिरफ्तार करने के लिए पर्याप्त कार्रवाई नहीं करने के लिए भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र और राज्य सरकार जिम्मेदार है .
यह भी पढ़े: दोहरे झटके के बाद भी खुश नजर आये अखिलेश ने बीजेपी को दिया धन्यवाद, जानें क्या है मामला
इससे पहले नए साल के मौके पर मीडिया को दिए अपने एक इंटरव्यू में वरुण गांधी ने साफ़ कहा था कि, ‘मैं डर या व्यक्तिगत लाभ-हानि की दृष्टि से राजनीति नहीं करता. यदि जनसरोकार के मुद्दों को उठा ही नहीं सकते तो ऐसी राजनीति का कोई अर्थ ही नहीं है. जनता के हित में बोलूंगा तो कौन रोकेगा और कौन टोकेगा.’ अपने इस बागी तेवर के चलते वरुण गांधी और उनकी मां मेनका गांधी को स्टार प्रचारकों की सूची में भले ही शामिल ना किया हो लेकिन भाजपा को इसका क्या खामियाजा उठाना पड़ेगा, जो कि आने वाले चुनाव परिणाम में साफ़ होगा.