सियासी चर्चा: आप की ‘झूठी-सच्ची’ रायशुमारी में सिद्धू को कमतर दिखा केजरीवाल ने मारा पंच

केजरीवाल का पंजाब में पंच! सीएम फेस की रायशुमारी में केवल सिद्धू का किया जिक्र, सियासी चर्चा: आप के मंच से कांग्रेस के सीएम दावेदार का जिक्र क्यों? कैप्टन और बादलों का तो नहीं किया जिक्र, वोटों के प्रतिशत की जो दी गई जानकारी इसको लेकर जोरदार चर्चा, मान के सामने कमतर दिखाने के लिए आप की आंकड़ेबाजी, जाट सिख वोटर्स में सिद्धू की लोकप्रियता को देखते हुए आप का दांव

'झूठी-सच्ची' रायशुमारी!
'झूठी-सच्ची' रायशुमारी!

Politalks.News/Punjab. पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव (Assembly Election 2022) का घमासान चरम पर है. बात करें पंजाब (Punjab Assembly Election 2022) की तो आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) ने पंजाब में भगवंत मान को मुख्यमंत्री का चेहरा बनाया है. भगवंत मान (Bhagwant Maan) पंजाब में आम आदमी पार्टी के प्रधान हैं और लगातार दो लोकसभा चुनाव पार्टी के टिकट पर जीत चुके हैं. लेकिन सवाल यह है कि भगवंत मान को चेहरा बनाने से आम आदमी पार्टी को क्या फायदा होगा? इसको लेकर सियासी गुणा भाग तो लगाया जा रहा है. एक बात की चर्चा और हो रही है आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने पंजाब में अपनी पार्टी के मुख्यमंत्री के चेहरे पर रायशुमारी कराई तो उसमें नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) का नाम क्यों शामिल किया?

आप ने कांग्रेस के अध्यक्ष का नाम क्यों किया शामिल?
कोई भी पार्टी जब अपनी पार्टी की ओर से सीएम दावेदार के नाम पर लोगों की राय लेगी तो दूसरी पार्टी के किसी नेता का नाम उसमें क्यों शामिल करेगी? लेकिन आप ने अपनी पार्टी के सीएम दावेदार का नाम तय करने के लिए कराई गई रायशुमारी में सिद्धू का नाम शामिल किया. इसको लेकर कई सियासी चर्चाओं का दौर जारी है.

सिद्धू ही क्यों? कैप्टन और बादलों का जिक्र क्यों नहीं?
सियासी सवाल यह उठ रहा है कि जब आम आदमी पार्टी ने अपनी पार्टी की रायशुमारी में कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के नाम की ही जिक्र किया गया. मंच से केजरीवाल ने तीन लोगों के नाम का जिक्र किया जिसमें खुद केजरीवाल, दूसरे भगवंत मान और तीसरे सिद्धू थे. आम आदमी पार्टी के मंच से कैप्टेन अमरिंदर सिंह और बादल पिता-पुत्र का नाम क्यों नहीं शामिल किया? या संयुक्त समाज मोर्चा की ओर से चुनाव लड़ रहे किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल का नाम क्यों नहीं शामिल किया? अगर इन नामों को भी कुछ वोट मिले हैं तो वह बताया क्यों नहीं? क्यों सिर्फ मान और सिद्धू को मिले वोट का प्रतिशत जाहिर किया गया?

यह भी पढ़ें- सियासी चर्चा: आखिर बीजेपी स्टार प्रचारकों की लिस्ट से क्यों बाहर रखा गया गांधी परिवार को?

केजरीवाल ने बताया- मान को मिले 93.3 फीसदी वोट और मात्र सिद्धू को 3.6 फीसदी
रायशुमारी के मंच से दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने बताया कि, ‘पब्लिक वोटिंग में पंजाब के 21 लाख से ज्यादा लोगों ने वोट किया था. इसमें 93.3 फीसदी वोट भगवंत मान के फेवर में थे. वहीं दूसरे नंबर पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू का नाम था. केजरीवाल के मुताबिक, AAP के सर्वे में सिद्धू को मात्र 3.6 फीसदी वोट मिले थे. बता दें कि कांग्रेस में भी सीएम फेस को लेकर खींचतान जारी है. एक तरफ मौजूदा सीएम चरणजीत सिंह चन्नी अपनी मजबूत दावेदारी दिखा रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ सिद्धू और उनके समर्थक खड़े हैं. खुद केजरीवाल को भी कुछ लोगों ने वोट दिया था, लेकिन उन्होंने इसका खुलासा नहीं किया.

केजरीवाल का सियासी संदेश- मान सिद्धू से ज्यादा लोकप्रिय!
सियासी चर्चा है कि असल रायशुमारी में जिक्र करना और सिद्धू को मात्र साढ़े तीन फीसदी वोट दिखाने का एक मकसद तो उनको अपमानित करना था ही दूसरा राज्य के मतदाताओं को मैसेज देना था कि सिद्धू और मान दोनों भले कॉमेडी शो से जुड़े रहे हैं पर सिद्धू से ज्यादा लोकप्रिय मान हैं.

यह भी पढ़े: आम बजट बनेगा ब्रह्मास्त्र! 5 राज्यों में विधानसभा चुनावों से पहले भाजपा के पास चौका लगाने का मौका!

जाट सिख वोटर्स में खास संदेश देने की कोशिश
सियासी चर्चा यह भी है कि केजरीवाल ने आंकड़ों की जादूगरी जाट सिख मतदाताओं के लिए की है. केजरीवाल को लग रहा था कि उनके बीच सिद्धू की लोकप्रियता ज्यादा है और चूंकि कांग्रेस ने सीएम का दावेदार घोषित नहीं किया है इसलिए जाट सिख मतदाताओं का एक समूह सिद्धू के नाम पर कांग्रेस के साथ जा सकता है. सिद्धू एकदम जाट सिख मतदाताओं के मुताबिक डंके की चोट वाली राजनीति करते हैं और मुख्यमंत्री को अपने सामने कुछ नहीं मानते. उनकी यह ब्रांडिंग युवा जाट सिख मतदाताओं को आकर्षित कर सकती है. उसे कम करने के लिए झूठी-सच्ची रायशुमारी के जरिए सिद्धू का कद कमतर करने का प्रयास किया गया.

17 जनवरी को हुई थी आप की रायशुमारी
आपको बता दें कि आम आदमी पार्टी ने 17 जनवरी शाम 5 बजे तक लोगों से मुख्यमंत्री उम्मीदवार के बारे में राय मांगी थी. आप ने कहा था कि पंजाब में AAP का CM उम्मीदवार बनाने के लिए 21 लाख से ज्यादा लोगों ने अपनी राय भेजी है. दावे के मुताबिक 17 जनवरी तक 21.59 लाख लोगों ने व्हाट्सएप, कॉल और मैसेज पर सीएम उम्मीदवार के चेहरे पर सुझाव दिए थे.

Leave a Reply