maharashtra politics
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MaharashtraBattle. महाराष्ट्र का सियासी रण अब तीखे वार और पलटवार पर चल रहा है. इसकी वजह कुल मिलाकर एक ही है लेकिन हर दिन किसी न किसी की तकरार सामने आती रहती है. इन सभी के तरकश से जुबानी जहरीले तीर एक दूसरे के लिए निकलते रहते हैं. एक पक्ष निशाने पर अजित पवार तो दूसरा गुट शरद पवार को इसका जिम्मेदार मानता है. दरअसल ये दोनों गुट अपने अपने अस्तित्व को बचाने की लड़ाई आपस में ही लड़ रहे हैं. वहीं शरद पवार गुट के नेता भारतीय जनता पार्टी और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर भी हमलावर है. बीजेपी पर पार्टी को तोड़ने के आरोप लगाए जा रहे हैं.

महाराष्ट्र में एनसीपी के बदले हुए परिदृश्य पर शरद पवार गुट के वरिष्ठ नेता अनिल देशमुख ने बिना नाम लिए बीजेपी पर निशाना साधा. यहां तक की उन्होंने बीजेपी पर भी शिवसेना के नेताओं को 50-50 करोड़ रुपए का ऑफर देने का आरोप तक जड़ दिया. वहीं बीजेपी के आशीष शेलार ने तत्कालीन महाविकास अघाड़ी सरकार के गठन पर सवाल उठाए और अपने राजनीतिक अनुभवों के चलते अजित पवार को गठबंधन के लिए उपयोगी बताया.

बीजेपी की मुंबई इकाई के अध्यक्ष आशीष शेलार ने एक मराठी चैनल को दिए गए साक्षात्कार में कहा कि महाराष्ट्र के उपमुख्यंत्री अजित पवार अपने व्यापक राजनीतिक और प्रशासनिक अनुभवों की वजह से सत्तारूढ़ गठबंधन के लिए उपयोगी साबित होंगे. एनसीपी के नेता अजित पवार के एकनाथ शिंदे-देवेंद्र फडणवीस सरकार में शामिल होने पर शेलार ने कहा कि जो हमसे नैतिक रूप से लड़ेगा, हम भी उसी तरह लड़ेंगे. लेकिन यदि कोई हमसे अनैतिक रूप से लड़ेगा तो हम भी वैसे ही लड़ेंगे.

वहीं पूर्व महाविकास अघाड़ी सरकार के गठन को अनैतिक बताते हुए बीजेपी नेता ने कहा कि एमवीए सरकार का नैतिक आधार क्या था. क्या इसे जनता का आशीर्वाद प्राप्त था. उन्होंने बताया कि तत्कालीन महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार का कोई नैतिक आधार नहीं था क्योंकि उसे मतदाताओं का आशीर्वाद प्राप्त नहीं था. साथ ही साथ उपमुख्यमंत्री अजित पवार और एनसीपी के आठ अन्य बागी विधायकों को सरकार में विभाग आवंटित किए जाने पर चर्चा जारी होने की बात कही. एनसीपी में हुई टूट और दोनों गुट के नेताओं के बयानों पर भी आशीष शेलार ने अपने विचार रखे. शेलार ने कहा कि ये नेता अपने अस्तित्व की लड़ाई में व्यस्त हैं जबकि शरद पवार ‘अधूरा सच’ बोल रहे हैं.

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वहीं दूसरी ओर, महाराष्ट्र में बदलते हुए परिदृश्य और सियासी उठापटक पर शरद पवार गुट के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री अनिल देशमुख ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और शिवसेना को तोड़ने के पीछे बीजेपी का हाथ होने का इशारा किया. देशमुख ने कहा कि बीते सवा डेढ़ साल से महाराष्ट्र में जो तोड़फोड़ की राजनीति हो रही है, प्रदेश की जनता उससे तंग आ चुकी है. पहले शिवसेना को तोड़ा गया, उद्धव ठाकरे के विधायकों को तोड़ा गया, उन्हें 50-50 करोड़ रुपये का ऑफर दिया गया. अभी एनसीपी में हमारे जो सीनियर नेता (अजित पवार) थे, उनको हमसे अलग किया गया.

गौरतलब है कि गौरतलब है कि अजित पवार की बगावत के बाद शरद पवार के सामने एनसीपी को बचाने की चुनौती है क्योंकि अजित पवार गुट ने पार्टी पर कानूनी दावा ठोक दिया हुआ है. अजित पवार को उनके गुट ने पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष भी चुन लिया है और साथ ही उनका गुट महाराष्ट्र और संगठन में बदलाव भी कर रहा है. शरद पवार के भतीजे अजित पवार के नेतृत्व में 2 जुलाई को राज्य के मंत्रिमंडल में शामिल होने वाले एनसीपी के नौ विधायकों में शामिल हैं. माना जा रहा है कि महाराष्ट्र में होने वाले कैबिनेट विस्तार में नेताओं को उनके विभाग दे दिए जाएंगे. वहीं सूत्रों के मुताबिक, केंद्रीय कैबिनेट में अजित पवार गुट के नेता प्रफुल्ल पटेल को जगह मिल सकती है. शरद पवार ने सु​प्रिया सूल के साथ प्रफुल्ल पटेल को एनसीपी का कार्यकारी अध्यक्ष घोषित किया था.

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