Wednesday, January 15, 2025
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मोदी सरकार का बड़ा फैसला: PNB, UBI & OBC बैंकों का होगा विलय, 7 अन्य बैंक भी होंगे मर्ज

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भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) की सुस्त चाल और विपक्ष के तीखे हमलों के बीच मोदी सरकार का बड़ा फैसला आया है. वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने शुक्रवार को मीडिया से मुखातिब होते हुए बैंकिंग सेक्‍टर के बारे में अहम फैसलों के बारे में बताया. वित्तमंत्री (Finance Minister of India) ने देश के तीन बड़े बैंकों पंजाब नेशनल बैंक (Punjab National Bank), यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया (United Bank of India) और ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स (Oriental Bank of Commerce) के विलय की घोषणा की. इस विलय के बाद पीएनबी स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के बाद देश का दूसरा सबसे बड़ा सरकारी बैंक बन जाएगा.

इसके साथ ही यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (Union Bank of India), आंध्रा बैंक (Andhra Bank) और कॉरपोरेशन बैंक (Corporation Bank) का भी विलय किया जाएगा. वित्तमंत्री निर्मला सीतारण ने केनरा बैंक (Canara Bank) और सिंडिकेट बैंक (Syndicate Bank) के विलय का भी ऐलान किया. साथ ही इंडियन बैंक (Indian Bank) में इलाहाबाद बैंक (Allahabad Bank) का मर्जन किया जाएगा. इस तरह कुल 10 बैंकों को विलय किया जाएगा. इन विलय के बाद देश को 5 बड़े बैंक मिलेंगे. सभी मर्जर के बाद देश में 27 की जगह केवल 12 पब्लिक सेक्टर के सरकारी बैंक रह जाएंगे. वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने विश्वास दिलाया कि विलय के दौरान बैंकों में किसी तरह की कोई छटनी नहीं होगी.

बड़ी खबर: अर्थव्यवस्था को लेकर सुरजेवाला का मोदी सरकार पर फिर तीखा हमला

निर्मला सीतारमण ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के प्रयास जारी हैं. 18 में से 14 सरकारी बैंक प्रॉफिट में हैं.  हमारी सरकार 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनाने के लिए प्रयास कर रही है.  उन्होंने बताया कि सरकार हाउसिंग फाइनेंस को बढ़ावा देने के लिए हाउसिंग फाइनेंस को 3300 करोड़ रुपये का सपोर्ट देगी. उन्‍होंने नीरव मोदी का जिक्र करते हुए कहा कि भगोड़ों की संपत्ति के जरिए रिकवरी जारी है.

पिछले शुक्रवार को मीडिया के सामने निर्मला सीतारमण ने अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए बड़े फैसले लेते हुए विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) पर लगाये गए बढ़े सरचार्ज को वापस ले लिया था. साथ ही बैंकों को जल्द ही 70,000 करोड़ रुपये की पूंजी उपलब्ध कराने का ऐलान किया. उन्होंने आरबीआई (RBI) द्वारा रेपो रेट में की गई कटौती का फायदा सीधे ग्राहकों को देने के लिए भी कहा था. इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर पर फोकस करते हुए 100 लाख करोड़ रुपये का पैकेज देने का ऐलान किया गया.

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