राहुल का प्रधानमंत्री पर बड़ा हमला, कहा- जेएनयू-जामिया छात्रों के सामने खड़े होने की पीएम मोदी में हिम्मत नहीं

दिल्ली में हुई विपक्षी दलों की बैठक में शामिल हुए 20 दलों के प्रतिनिधि, सोनिया ने साधा सत्ता पक्ष पर तीखा निशाना, ममता, मायावती और केजरीवाल ने बनाई बैठक से दूरी

पॉलिटॉक्स ब्यूरो. राजधानी दिल्ली में कांग्रेस की अगुवाई में सोमवार को विपक्षी दलों की बैठक हुई. कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी की अगुवाई में बुलाई गई इस बैठक में एक दर्जन से अधिक विपक्षी दल शामिल हुए. सर्व दलीय बैठक में जेएनयू में हुई हिंसा, नागरिकता संशोधन एक्ट पर विरोध और देश के मौजूदा हालात पर चर्चा हुई. इस बैठक के बाद पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मीडिया से रुबरू होते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बड़ा हमला बोला. राहुल ने कहा, ‘मैं पीएम मोदी को चुनौती देता हूं कि वो बिनी किसी सुरक्षा के यूनिवर्सिटी में जाएं और छात्रों से बात करें. युवाओं की आवाज को दबाना नहीं चाहिए. प्रदर्शन कर रहे यूनिवर्सिटी के छात्रों के सामने खड़े होने की पीएम मोदी में हिम्मत नहीं है‘.

राहुल गांधी ने कहा कि युवाओं और किसानों में गुस्सा बढ़ता जा रहा है लेकिन उनसे बात करने की बजाय ध्यान बांटा जा रहा है. कांग्रेस के वायनाड सांसद ने गिरती जा रही अर्थव्यवस्था को लेकर भी निशाना साधा और सवालिया लहजे में पूछा कि हिंदुस्तान की अर्थव्यवस्था कैसे पटरी पर आएगी, इसका जवाब पीएम को देना चाहिए.

इसके बाद उन्होंने अपने अधिकारिक ट्वीट हैंडल पर एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा, ‘दिल्ली में हमारी विचारधारा से मिलती जुलती राजनीतिक पार्टियों के 20 नेता मिले. इस मुलाकात में देश के मौजूदा हालात पर चर्चा की गई. मोदी सरकार के जनता के खिलाफ लिए गए फैसलों पर रणनीति भी तैयार की गई. हम ऐसी घटनाओं का विरोध करेंगे’.

बैठक में सोनिया गांधी ने भी मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि सरकार ने नफरत फैलाई और लोगों को सांप्रदायिक आधार पर बांटने की कोशिश की. सोनिया ने कहा, ‘प्रधानमंत्री और गृहमंत्री ने लोगों को गुमराह किया। उन्होंने केवल हफ्तों पहले दिए गए अपने खुद के बयानों का खंडन किया और अपने भड़काऊ बयान जारी रखे. संविधान को कमजोर किया जा रहा है और शासन का दुरुपयोग हो रहा है. देशभर में युवा विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं जिनका कारण सीएए और एनआरसी है. यह व्यापक निराशा और क्रोध को दिखाता है’. कांग्रेस अध्यक्ष ने यूपी और दिल्ली में पुलिस की प्रतिक्रिया पक्षपातपूर्ण और क्रूर बताया.

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इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के नेतृत्व में हुई इस साक्षा विपक्षी दलों की बैठक में कांग्रेस के साथ राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी (एनसीपी), द्रविड़ा मुनेत्र कजगम (डीएमके), इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग, लेफ्ट, राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी), समाजवादी पार्टी (एसपी) समेत कई 20 दलों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया. इस बैठक में सीएए विरोधी प्रदर्शनों, जेएनयू, जामिया मिल्लिया इस्लामिया और कुछ अन्य विश्वविद्यालयों में हिंसा के साथ आर्थिक मंदी, बेरोजगारी और कृषि संकट पर भी लंबी चर्चा हुई.

मायावती की बसपा, ममता बनर्जी की तृणमूल पार्टी और दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने इस बैठक से दूरी बनाए रखी. ममता ने अपनी सीएए-एनआरसी पर अपनी लड़ाई खुद लड़ने तो मायावती ने राजस्थान में बसपा विधायकों को कांग्रेस में शामिल करने को लेकर सीएम अशोक गहलोत से नाराजगी के चलते बैठक में शरीक न होने का फैसला किया. महाराष्ट्र में कांग्रेस के साथ सरकार चला रही शिवसेना को इस बैठक के लिए न्योता नहीं दिया गया.

पार्लियामेंट एनेक्सी में हुई बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, राहुल गांधी, राकांपा प्रमुख शरद पवार, प्रफुल्ल पटेल, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल, ए.के. एंटनी, के सी वेणुगोपाल, गुलाम नबी आजाद और रणदीप सुरजेवाला, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, राजद के राज्यसभा सांसद मनोज झा, माकपा के सीताराम येचुरी, भाकपा के डी.राजा, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के जीतन राम मांझी, नेशनल कांफ्रेस के हसनैन मसूदी, आईयूएमएल के.पी.के कुन्हालीकुट्टी, पीडीपी के मीर मोहम्मद फैयाज, जेडीएस पार्टी के डी. कुपेंद्र रेड्डी, रालोसपा के उपेंद्र कुशवाहा और रालोद के अजित सिंह सहित अन्य पार्टियों के प्रतिनिधि एवं नेता शामिल हुए.

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