पॉलिटॉक्स ब्यूरो. उत्तर प्रदेश के लखनऊ और नोएडा शहर में सुरक्षा व्यवस्था को बेहतर करने के लिए पुलिस आयुक्त (पुलिस कमिश्नर) प्रणाली लागू की गई है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को लखनऊ में हुई कैबिनेट बैठक में दोनों शहरों में प्रशासनिक बदलाव करते हुए यहां पर कमिश्नर सिस्टम को मंजूरी दी. यूपी सरकार का तर्क है कि इस प्रणाली के लागू होने के बाद दोनों शहरों में सुरक्षा व्यवस्था बेहतर होगी. वहीं बसपा चीफ मायावती ने योगी सरकार पर सवालिया निशान खड़ा करते हुए कहा कि प्रदेश में केवल कुछ जगह पुलिस व्यवस्था बदलने से अपराध पर काबू नहीं होगा.
यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी (BSP) की अध्यक्ष मायावती ने इस फैसले पर सरकार पर निशाना साधते हए कहा कि आपराधिक तत्वों के विरुद्ध दलगत राजनीति से ऊपर उठकर सख्त कानूनी कार्रवाई करने से ही प्रदेश की बदहाल कानून-व्यवस्था में सही सुधार आ सकता है.
उत्तर प्रदेश में केवल कुछ जगह पुलिस व्यवस्था बदलने से नहीं बल्कि आपराधिक तत्वों के विरुद्ध दलगत राजनीति से ऊपर उठकर सख़्त कानूनी कार्रवाई करने से ही प्रदेश की बदहाल कानून-व्यवस्था में सही सुधार आ सकता है जिसकी तरफ सरकार को जरुर ध्यान देना चाहिये।
— Mayawati (@Mayawati) January 13, 2020
सीएम योगी की घोषणा के बाद आईपीएस सुजीत पांडेय को लखनऊ और आलोक सिंह को नोएडा का नया कमिश्नर नियुक्त किया गया है. बिहार के पटना में जन्मे सुजीत पांडेय सुजीत कुमार 1994 बैच के आईपीएस अफसर हैं और वर्तमान में प्रयागराज जोन के एडीजी हैं. वहीं भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के 1995 बैच के आलोक सिंह वर्तमान में मेरठ जोन के एडीजी हैं. बता दें, देश के 15 राज्यों के 71 शहरों में कमिश्नरेट प्रणाली पहले से लागू है. कमिश्नर सिस्टम के तहत एसपी, एडिशनल एसपी रैंक का अधिकारी यातायात के लिए विशेष रूप से तैनात होगा. निर्भया फंड का इस्तेमाल भी इसी सिस्टम में महिला सुरक्षा के लिए होगा.
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पिछले 50 सालों से बेहतर और स्मार्ट पुलिसिंग के लिए पुलिस आयुक्त प्रणाली की मांग की जा रही थी. हमारी कैबिनेट ने ये प्रस्ताव पास कर दिया है. एडीजे स्तर के अधिकारी पुलिस आयुक्त होंगे जबकि 9 एसपी रैंक के अधिकारी तैनात होंगे. एक महिला एसपी रैंक की अधिकारी महिला सुरक्षा के लिए इस सिस्टम में तैनात होगी. मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि लखनऊ में करीब 40 लाख की आबादी है, जबकि नोएडा में 25 लाख से अधिक लोग रहते हैं ऐसे में यहां पर पुलिस सिस्टम को बेहतर करना जरूरी है.
क्या है कमिश्नर प्रणाली/कमिश्नर सिस्टम
पुलिस कमिश्नरी प्रणाली में उप पुलिस अधीक्षक (डिप्टी एसपी) से ऊपर जितने अधिकारी होते हैं, उनके पास मजिस्ट्रेट स्तर की शक्ति होती है. मगर थानाध्यक्ष और सिपाही को वही अधिकार रहेंगे, जो उन्हें फिलहाल मिले हुए हैं. कहीं विवाद या बड़े बवाल जैसी घटना होती है तो जिलाधिकारी के पास ही भीड़ नियंत्रण और बल प्रयोग करने का अधिकार होता है, मगर कमिश्नरी लागू होने पर इसका अधिकार पुलिस के पास होगा. शांति व्यवस्था के लिए धारा-144 लागू करने का अधिकार भी कमिश्नर को मिल जाएगा.