Politalks.News/Rajasthan. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व सचिन पायलट के बीच की अंतर्कलह अब बयानबाजी के माध्यम से खुलकर सामने आ गई है.बीते सोमवार को सीएम गहलोत ने सचिन पायलट को निकम्मा और नकारा कहा तो इस पर सचिन पायलट ने जवाब देते हुए कहा कि मैं दुखी हूं लेकिन हैरान नहीं हूं. वहीं रात होते-होते पायलट खेमे के वरिष्ठ विधायक हेमाराम चौधरी और पूर्व मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने अपने वीडियो जारी कर पायलट को लेकर सीएम गहलोत के बयान पर पलटवार करते हुए मुख्यमंत्री गहलोत से माफी मांगने की मांग की.
सीएम गहलोत के बयान पर पलटवार करते हुए पायलट खेमे के गुढामलानी से विधायक हेमाराम चौधरी ने सोशल मीडिया पर एक विडियो जारी करते हुए कहा कि सीएम अशोक गहलोत के आज के बयान को सुनकर मुझे बड़ा आघात हुआ. प्रदेश की जनता को भी इससे बड़ा दुख है. जिसने राजस्थान में जब कांग्रेस खत्म हो गई थी उसको वापस जीवित किया और राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बनाई. सचिन पायलट के नेतृत्व में चुनाव लड़ा गया, उसके बाद पायलट को दरकिनार किया. प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने से लेकर अब तक सबसे अच्छा काम पायलट का था. सीएम गहलोत का पायलट के बारे में दिया गया बयान बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है.
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विधायक हेमाराम चौधरी ने आगे कहा कि पूर्व में परशुराम मदेरणा, सीपी जोशी और इस बार पायलट के नेतृत्व में चुनाव लड़ा गया और कांग्रेस सत्ता में आई. कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद पायलट को दरकिनार किया गया और अशोक गहलोत जी मुख्यमंत्री बन गए. सीएम गहलोत हमेशा इस तरह की चाल चलते हैं. इस तरह की चालों से सीएम गहलोत को बाज आना चाहिए. इस तरह किसी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाने से बाज आना चाहिए. आज कौन भ्रष्ट है कौन नहीं यह प्रदेश की जनता जानती है. जो बयान आपने आज दिया कुछ दिन पहले भी दिया यह बौखलाहट भरा बयान है. आप मेहरबानी करके राजस्थान की जनता से माफी मांगे और भविष्य में इस तरह के बयान देना बंद करें.
वहीं पूर्व मंत्री और डीग कुम्हेर से विधायक विश्वेंद्र सिंह ने अपना वीडियो जारी कर कहा कि मैं अपने निर्वाचन क्षेत्र और प्रदेश की जनता से यह निवेदन करना चाहता हूं कि जिस तरीके से राजस्थान की सरकार लोकतंत्र का गल घोंट रही है वह किसी से छुपी हुई बात नहीं है. कुछ दिन पहले तक मैं राजस्थान सरकार में कैबीनेट मंत्री था आज मुझ पर एसओजी व एसीबी के केस लगा दिए गए है. इन केसों का क्या अर्थ निकलता है. हमने कोई बेईमानी नहीं कि है. मैं बेबाकी से बोलने वाला आदमी हूं, बेबाकी से बोलता रहूंगा.
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विधायक विश्वेंद्र सिंह ने आगे कहा कि ऐसी गीदड़ भभकीयों से मैं डरने वाला नही हूं. हमने पार्टी के खिलाफ कोई काम नहीं किया ना ही कर रहे है. केवल नेतृत्व बदलने की मांग की थी अब भी वही है. आप सभी परिवारजनों से, क्षेत्र की जनता से मेरी अपील है कि आप भ्रमित ना हो, आप जो मीडिया के माध्यम से जो सुन रहे है उस पर विश्वास नहीं करें. मैं और भंवर लाल शर्मा जी का लंबा राजनीतिक अनुभव हो गया है हमने जनता की सेवा की है. आपका प्यार और आशीर्वाद हमारे उपर रहेगा तो निश्चित रूप से हम विजयी साबित होंगे और ये लोग गहत साबित होंगे.
विश्वेंद्र सिंह ने आगे एक ओर टवीट करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा 2018 के चुनावों में कांग्रेस सरकार के चुने हुए विधायकों, राजस्थान के लोगों और कांग्रेस द्वारा सौंपी गई शक्तियों का लगातार दुरुपयोग करना काफी दुर्भाग्यपूर्ण है. न केवल सीएम गहलोत के नेतृत्व और कुशासन को चुनौती देने वाले विधायकों, बल्कि उनके परिवारजनों तक को परेशान करने के लिए प्रतिशोध की भावना से उत्पीड़न, जबरन कार्रवाई, अमर्यादित भाषा और बदले की राजनीति को अंजाम दिया जा रहा है. राजनीति के इस निम्न स्तर को न राजस्थान बर्दाश्त करेगा और न ही भारत. मुझे उम्मीद है कि कांग्रेस पार्टी भी इसको बर्दाश्त नहीं करेगी.
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विधायक विश्वेंद्र सिंह ने आगे कहा कि मेरे और पूर्व मंत्री भंवरलाल जी शर्मा के खिलाफ केस दर्ज करने, पुलिस कार्रवाई, नोटिस और उत्पीड़न के लिए एंटी करप्शन ब्यूरो और आतंकवाद निरोधी दस्ते का गलत इस्तेमाल किया गया, क्योंकि हमने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कुशासन और नेतृत्व में कमी को चुनौती दी और दिखाया कि राजस्थान में कितनी बुरी चीजें हुई हैं. प्रदेश में भ्रष्टाचार, अपराध, दलित और आदिवासी उत्पीड़न, अवैध खनन, दलाली और कमीशन खोरी चरम पर है. इन सभी पर नाकाम होने की वजह और नेतृत्व परिवर्तन की मांग से बोखला कर इस प्रकार की कार्यवाही की जा रही है. जाट समाज और पूरा प्रदेश इस सब को देख रहा है और उचित समय पर जवाब भी देगा.