नकारा, निकम्मा और 35 करोड़ की ऑफर के आरोपों पर बोले सचिन पायलट- ‘दुःखी हूं लेकिन हैरान नहीं’

जिस विधायक ने मुझ पर आरोप लगाए है, उसके खिलाफ मैं उचित और सख्त से सख्त कानूनी कार्रवाई करूंगा, मुझे यकीन है कि मेरी सामाजिक प्रतिष्ठा को धूमिल करने के लिए मुझ पर इस तरह के अभी और भी संगीन आरोप लगाए जाएंगे- पायलट

सचिन पायलट v/s मुख्यमंत्री अशोक गहलोत
सचिन पायलट v/s मुख्यमंत्री अशोक गहलोत

Politalks.News/Rajasthan. प्रदेश में जारी सियासी घमासान को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अब आर-पार की लडाई में मूड में नजर आ रहे हैं. पहले विधायक दल की बैठक में शामिल नहीं होने पर विधानसभा अध्यक्ष का सचिन पायलट सहित 19 विधायकों को नोटिस दिया जाना. इसके बाद खरीद फरोख्त के आॅडियो जारी होना और अब सीएम गहलोत द्वारा सचिन पायलट को लेकर मीडिया में लगातार होती जा रही तीखी बयानबाजी इस बात का प्रमाण है. मुख्यमंत्री गहलोत ने आज जहां पायलट को निकम्मा व नकारा तक कह दिया तो इससे पहले विधायक मलिंगा ने सचिन पायलट पर पैसे की ऑफर देने के गंभीर आरोप लगाए. इस पर सचिन पायलट ने जवाब देते हुए कहा कि मैं दुखी हूं लेकिन आश्चर्य चकित नहीं हूं.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बयान पर सचिन पायलट ने जवाब देते हुए कहा कि मैं दुखी हूं लेकिन मेरे ऊपर लगाए जा रहे ऐसे बेबुनियाद और ज़बरदस्त आरोपों पर आश्चर्यचकित नहीं हूं. इस तरह के बयान मुझे पूरी तरह से बदनाम करने के लिए लगाए जा रहे है. राज्य के मुददों को पार्टी नेतृत्व के सामने मेरे द्वारा उठाए जाने को लेकर और कांग्रेस विधायक के रूप में मेरे द्वारा उठाए गए वैध मुददों को रोकने के लिए यह किया गया है. इसका उद्देश्य मुझे बदनाम करना और मेरी विश्वसनीयता पर हमला करना है.

सचिन पायलट ने कहा कि मुख्य मुद्दों से बचने के लिए इस तरह के बयान दिए जा रहे है. पायलट ने विधायक मलिंगा द्वारा लगाए गए आरोपों पर कहा कि जिस विधायक ने मुझ पर आरोप लगाए है, उसके खिलाफ मैं उचित और सख्त से सख्त कानूनी कार्रवाई करूंगा. मुझे यकीन है कि मेरी सामाजिक प्रतिष्ठा को धूमिल करने के लिए मुझ पर इस तरह के और भी संगीन आरोप लगाए जाएंगे, लेकिन मैं अपने विश्वास और संकल्प में दृढ़ रहूंगा.

यह भी पढ़ें: बीजेपी में जाकर 45 साल की उम्र में प्रधानमंत्री बनना चाहते हैं क्या पायलट, स्टार को रखना चाहिए धैर्य- मार्ग्रेट अल्वा

बता दें, सीएम गहलोत ने सोमवार दोपहर पत्रकारों से बातचीत के दौरान सचिन पायलट पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि सचिन पायलट कॉरपोरेट मंत्री रहे हैं आज पूरा कॉरपोरेट उनको फंडिंग कर रहा है. सचिन पायलट से हमें बड़ी उम्मीदें थी. हमें लगता था कि वो पार्टी को आगे लेकर जाएंगे लेकिन पहला ऐसा प्रदेश अध्यक्ष है, जो पार्टी तोड़ने में लगा हुआ है. कभी दिल्ली जाते थे तो बिना एस्कॉर्ट के जाते थे. गिर्राज मलिंगा द्वारा पायलट पर लगाए गए आरोपों का जिक्र करते हुए गहलोत ने कहा कि गिर्राज मलिंगा केवल एक विधायक नहीं है. आप पड़ताल करोगे तो ऐसे कई विधायक सामने आ जाएंगे.

मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि राहुल गांधी जी, सोनिया गांधी जी का विश्वास पायलट के ऊपर था. पिछले 6 महीने से जिस रूप में पायलट ने साजिश की पार्टी को कैसे अलग होकर भाजपा के सहयोग से सरकार गिराने की. जब विधायकों ने कहा हम भाजपा में नहीं जाएंगे तो कहा गया कि हम थर्ड फ्रंट बनाते हैं. आप इस्तीफा देंगे आपके सामने कोई खड़ा नहीं होगा. मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि पायलट 26 साल की उम्र में सांसद बने फिर केंद्रीय मंत्री बने. इसके बाद 34-36 की उम्र में पीसीसी चीफ ओर डिप्टी सीएम, 10-12 साल में आप सब कुछ बन गए ऐसा बहुत कम होता है.

मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि इतना सब देने के बाद भी जिस रूप में खेल खेला गया वो बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. किसी को यकीन नहीं होता था कि ये व्यक्ति ऐसा काम कर सकता है. मासूम चेहरा, हिंदी-इंग्लिश पर अच्छी कमांड, देश की मीडिया को जिसने इंप्रेस कर रखा है. जो यह कहते हैं कि मैंने बहुत मेहनत की है और कांग्रेस का राज लेकर आ गए, राजस्थान की जनता जानती है कि कितना कॉन्ट्रिब्यूशन सरकार बनाने में पायलट का था.

यह भी पढ़ें: स्व. भैरोंसिंह सरकार गिराने का प्रयास कर चुके भंवर लाल शर्मा आज सीएम गहलोत के लिए बने सिरदर्द

सीएम गहलोत ने कहा कि यह जो खेल अब हुआ है, यह राज्यसभा चुनाव से ये पहले होने वाला था. पूरे खेल की कई महीनों से प्लानिंग चल रही थी. इनकी पूरी योजना राजेश पायलट की पुण्यतिथि के अवसर पर वहीं से सीधा मानेसर जाने की थी. लेकिन हमें सूचना मिली तो हमने राज्यसभा चुनाव में विधायकों की बाड़ेबंदी कर दी थी. मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि हमारे यहां विधायकों को आने जाने की इजाजत है सभी के फोन चालू है लेकिन वहां बाउंसर लगा रखे हैं. उनके फोन जब्त किए गए है वो दूसरों के फोन से हमसे बात कर रहे है. हाईकोर्ट में उनकी पैरवी हरीश साल्वे और मुकुल रोहतगी कर रहे है ये किसके वकील है. ये वकील एक-एक पेशी के 50-50 लाख रुपये लेते हैं, यह पैसा कहां से आ रहा है. हमारी होटल का बिल तो कांग्रेस देगी उनका बिल कोन देगा.

मुख्यमंत्री गहलोत ने आगे कहा कि जब पीसीसी अध्यक्ष बन कर आए थे तब सचिन पायलट क्या-क्या कहते थे? अपने नेताओं को उनका कहना था कि मैं कोई यहां बैंगन लेने, सब्जी बेचने नहीं आया हूं, मुख्यमंत्री बनने आया हूं. एआईसीसी के संगठन महासचिव और सीपी जोशी से मिलने वाले नेताओं पर नजर रखी जाती थी. सीएम गहलोत ने आगे कहा कि निकम्मा-नकारा होने के बाद भी हमने कभी उनको पीसीसी अध्यक्ष पद से हटाने की कोशिश नहीं की. हमने उनको कांग्रेस के तौर तरीके सिखाएं. उनके उम्र में छोटा होने के बावजूद हम पार्टी अध्यक्ष के तौर पर पूरा सम्मान देते थे. वहीं फ्लोर टैस्ट पर जाने के सवाल पर सीएम गहलोत ने कहा कि ये तो क्या होना है आप सब जानते हैं. अभी हाई कोर्ट का निर्णय भी आएगा, विधानसभा भी चलेगी. सारे निर्णय भी होंगे, सत्यमेव जयते… सत्यमेव जयते.

यह भी पढ़ें: राजनीति के जादूगर के चक्रव्यूह में फंस चुके पायलट कैसे बचा पाएंगे अपनी व अपने साथियों की विधायकी?

वहीं मुख्यमंत्री गहलोत से पहले धौलपुर के बाडी से कांग्रेस विधायक गिर्राज मलिंगा ने सचिन पायलट पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि सचिन पायलट के साथ सभी लोग पैसे के लिए गए हैं. मुझे भी पैसों का आॅफर दिया गया था. सचिन पायलट ने 8 महीने पहले जब मैं पंचायतीराज के किसी काम से गया था तब सचिन पायलट ने उनके घर पर मुझसे बात की थी. रकम के बारे में पूछने पर मलिंगा ने बताया कि 35करोड़ रुपए की ऑफर उन्हें दी गई थी. मलिंगा ने कहा कि मैं शिव मंदिर में हाथ लगाकर कह सकता हूं कि मैं झूठ नहीं बोल रहा हूं. मुझे रेकॉर्डिंग करनी नहीं आती, मैनें मुख्यमंत्री जी को इसकी पूरी जानकारी दे दी थी.

Leave a Reply