Politalks.News/ReetPaperLeak. राजस्थान अध्यापक पात्रता परीक्षा पेपर लीक प्रकरण (Reet) को लेकर प्रदेश की सियासत गरमाई हुई है. पुरे प्रकरण में SOG के खुलासे के बाद अब गहलोत सरकार पूर्णतया सक्रीय हो गई है. कल देर रात मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने बड़ा फैसला लेते हुए माध्यम शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष डीपी जारोली (DP Jaroli) और सचिव अरविंद सेंगवा (Arvind Sengwa) को पद से निलंबित कर दिया है. पद से निलंबित किये जाने के जारोली के तेवर बदले नजर आए और उन्होंने इस पुरे प्रकरण को राजनीतिक षड्यंत्र बताया. वहीं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा विपक्ष पर राजनीतिक रोटियां सेकने के आरोपों और जारोली के बयान के सामने आने के बाद विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ (Rajendra Rathore) ने गहलोत सरकार पर जमकर निशाना साधा.
रीट पेपर प्रकरण लीक मामले में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आज एक बयान जारी करते हुए कहा था कि, ‘रीट परीक्षा का पेपर लीक हुआ परन्तु यह दुख की बात है कि कुछ लोग राजनीतिक रोटियां सेकने के लिए ऐसा माहौल बना रहे हैं जिससे कोई आगामी भर्ती परीक्षा ना हो सके.’ सीएम गहलोत के इस बयान के सामने आने के बाद राजस्थान विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने गहलोत सरकार पर ट्वीट करते हुए निशाना साधा और कहा कि, ‘मुख्यमंत्री जी, आप रीट पेपर लीक प्रकरण में विपक्ष पर राजनीतिक रोटियां सेंकने का आरोप लगा रहे हैं लेकिन आप स्वयं युवाओं के भविष्य के प्रति जरा भी सजग व गंभीर होते तो आपके शासन में रीट के अलावा लाइब्रेरियन, एसआई व जेईएन भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक नहीं हुए होते और युवाओं को सड़कों पर उतरना नहीं पड़ता.’
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सीएम गहलोत पर निशाना साधते हुए राजेंद्र राठौड़ ने ट्वीट कर लिखा कि, ‘रीट पेपर लीक मामले में चौतरफा घिरने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बजट सत्र में नकल व पेपर लीक के संबंध में कठोर प्रावधान लाने की बात कह रहे हैं लेकिन अगर मुख्यमंत्री जी ने विगत वर्ष 17 अक्टूबर 2021 को नया नकल अध्यादेश लाने घोषणा को अमलीजामा पहनाया होता तो आज पेपर माफियाओं में भी खौफ रहता और भर्ती प्रक्रियाओं में प्रश्नचिन्ह नहीं लगता.’
राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि, ‘विगत 3 वर्ष में कई भर्ती परीक्षाओं का पेपर लीक होना मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली सरकार की उपलब्धि है. रीट पेपर को सुनियोजित साजिश के तहत डीपी जारोली व उनके साथी प्रदीप पाराशर जिन्हें गैर सरकारी व्यक्ति होते हुए जयपुर जिला को-ऑर्डिनेटर बनाया गया, सहित राजनीतिक आकाओं की सरपरस्ती में लीक करवाया गया जिसके तार मंत्रिमंडल तक जा रहे हैं. सरकार को दोषियों को बर्खास्त करने के साथ ही उन्हें तुरंत गिरफ्तार करना चाहिए.’
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वहीं माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष पद से निलंबित डीपी जारोली के बयान, ‘रीट पेपर लीक मामला पूरी तरह से राजनीतिक षड़यंत्र है’ पर राजेंद्र राठौड़ ने गहलोत सरकार को जमकर आड़े हाथ लिया. राठौड़ ने कहा कि, ‘रीट पेपर लीक प्रकरण में माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अध्यक्ष डीपी जारोली द्वारा यह स्वीकारना कि ‘बिना राजनीतिक संरक्षण के पेपर लीक नहीं हो सकता. यह काम 100 प्रतिशत राजनीतिक संरक्षण में ही हुआ है’ इससे साबित होता है कि सत्ता में ऊंचे ओहदो पर बैठे लोग भी इसमें शामिल है.’ राठौड़ ने आगे कहा कि ‘एसओजी तत्काल प्रभाव से इन्हें गिरफ्तार करें और रिमांड पर लेकर यह पूछताछ करें कि रीट पेपर लीक मामले में राजनीतिक संरक्षण में कौन-कौन वो बड़े किरदार है जिन्होंने पेपर लीक करवाकर लाखों अभ्यर्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया है.’