पॉलिटॉक्स ब्यूरो. दिल्ली चुनाव से 3 दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार में सदन में राम मंदिर ट्रस्ट की घोषणा कर दी. राम मंदिर ट्रस्ट का नाम ‘श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र’ होगा. ट्रस्ट को केंद्रीय कैबिनेट से मंजूरी मिल गई है. अधिसूचना जारी की जा चुकी है. पीएम मोदी ने ये भी घोषणा की कि 2.77 एकड़ के साथ केंद्र सरकार मंदिर के आंगन और बाहर की 67.7 एकड़ जमीन भी ट्रस्ट को सौंपेगा. ये ट्रस्ट अयोध्या में भगवान श्रीराम की जन्मस्थली पर भव्य और दिव्य श्रीराम मंदिर के निर्माण और उससे जुड़े विषयों पर निर्णय लेने के लिए पूर्ण रूप से स्वतंत्र होगा. अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए पटना के महावीर मंदिर ने 10 करोड़ रुपये का चंदा देने की घोषणा की है. ट्रस्ट के अध्यक्ष पद के लिए महंत नृत्य गोपाल दास के नाम की चर्चा चल रही है. वहीं योगी सरकार ने मस्जिद के लिए अयोध्या के रौनाही में पांच एकड़ जमीन दिए जाने की घोषणा की है. इस बाबत में सरकार ने अधिसूचना भी जारी कर दी है.
Government of India issues gazette notification over setting up of the Trust, ‘ Shri Ram Janmbhoomi Teerth Kshetra’, for the construction of Ram Temple in Uttar Pradesh’s Ayodhya. pic.twitter.com/k3ym9Z3kXC
— ANI (@ANI) February 5, 2020
सुन्नी वक्फ बोर्ड को मस्जिद के लिए दी जाने वाली 5 एकड़ जमीन लखनऊ की सोहावाल तहसील के धानीपुर गांव में चुनी गई है. उत्तर प्रदेश सरकार के प्रवक्ता और ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने बुधवार को कैबिनेट की बैठक के बाद यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि यह जमीन जिला मुख्यालय से सिर्फ 18 किलोमीटर दूर रौनाही थाना क्षेत्र के अंतर्गत है. इसका सड़क संपर्क बहुत अच्छा है. केंद्र अब यह प्रस्ताव मंजूरी के लिए सुप्रीम कोर्ट को भेजेगा. सुन्नी वक्फ बोर्ड भी अपने ट्रस्ट का गठन करेगा और इसका नाम ‘इंडो इस्लामिक कल्चर ट्रस्ट’ रखा गया है.
गृहमंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर जानकारी दी कि श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में 15 ट्रस्टी होंगे जिसमें से एक ट्रस्टी हमेशा दलित समाज से रहेगा. इसमें राजनीति से जुड़ा कोई भी प्रतिनिधि नहीं होगा. उन्होंने इस ट्रस्ट की घोषणा करने के लिए पीएम मोदी को बधाई दी. गृहमंत्री अमित शाह ने बताया कि मंदिर ट्रस्ट में चारों मठों के शंकराचार्यों समेत 15 ट्रस्टी होंगे जिसमें एक दलित समाज का सदस्य होगा. हालांकि यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ने ट्रस्टी में दलित के साथ एक ओबीसी प्रतिनिधि को भी शामिल करने की अपील की. ताजा जानकारी के अनुसार, विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र को राम मंदिर निर्माण के लिए गठित ट्रस्ट का ट्रस्टी बनाया गया है.
श्री राम जन्मभूमि पर सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार आज भारत सरकार ने अयोध्या में प्रभु श्री राम के भव्य मंदिर के निर्माण की दिशा में अपनी कटिबद्धता दिखाते हुए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र नाम से ट्रस्ट बनाने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है।
— Amit Shah (@AmitShah) February 5, 2020
वहीं बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने अपने ट्वीट में कहा, ‘भव्य राम मंदिर को लेकर जिस तरह समाज के सभी वर्गों में सौहार्द्र और भाईचारे की मजबूत डोर दिखी, उससे पता चलता है कि भारतीय समाज का ताना-बाना कितना मजबूत है. मैं इसके लिए समस्त देशवासियों का अभिनंदन करता हूं’.
पांच एकड़ जमीन सुन्नी वक्फ बोर्ड को देने का अनुरोध यूपी सरकार से किया गया जिस पर सहमति प्रदान कर दी गई है।
मै इसके लिए योगी @myogiadityanath जी उनकी सरकार को भी धन्यवाद देता हूँ और देश के यशस्वी प्रधानमत्री @narendramodi जी का अभिनंदन करता हूँ ।— Jagat Prakash Nadda (@JPNadda) February 5, 2020
वहीं एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने राम मंदिर ट्रस्ट को लेकर भाजपा पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि बाबरी मस्जिद को तोड़ने की घटना को न हम भूले हैं और न ही हमारी पीढ़ियों को भूलने देंगे. उन्होंने कहा कि संसद का सत्र 11 फरवरी को समाप्त होगा. यह घोषणा दिल्ली चुनाव के बाद भी हो सकती थी. हम भाजपा की सोच से चिंतित हैं.
बता दें, सुप्रीम कोर्ट ने 134 साल पुराने अयोध्या मंदिर-मस्जिद विवाद पर 9 नवंबर को फैसला सुनाया था. इसके तहत अयोध्या की 2.77 एकड़ की पूरी विवादित जमीन राम मंदिर निर्माण के लिए दे दी गई. सुप्रीम कोर्ट ने 1045 पेज के फैसले में कहा था कि मंदिर निर्माण के लिए 3 महीने में ट्रस्ट बने और इसकी योजना तैयार की जाए. शीर्ष अदालत ने मस्जिद बनाने के लिए मुस्लिम पक्ष को 5 एकड़ वैकल्पिक जमीन दिए जाने का फैसला सुनाया, जो कि विवादित जमीन की करीब दोगुना है.