लगातार दूसरी बार करारी हार का सामना करने वाली कांग्रेस में अब चिंतन-मंथन के साथ संगठन में बदलाव की कमी महसूस की जा रही है. कई प्रदेशाध्यक्ष के इस्तीफे भेजने के बीच कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के भी पद छोड़ने की बात फिलहाल सुर्खियों में है. हांलाकि पार्टी के बड़े नेता उन्हें अध्यक्ष पद पर ही बने रहने के लिए मनाने में लगे हैं लेकिन राहुल अपनी बात पर अड़े हैं. इसी बीच कभी गांधी परिवार के खासे करीबी रहे नटवर सिंह ने कांग्रेस को लेकर अपनी बेबाक राय दी है. उन्होंने अमित शाह के नेतृत्व की तारिफ करते हुए कांग्रेस में उनके जैसे अध्यक्ष की जरूरत की बात कही है.
एक न्यूज चैनल को दिए साक्षात्कार में दिग्गज राजनेता नटवर सिंह ने कांग्रेस में मची खलबली पर अपनी राय दी है. दिग्गज कांग्रेसी नेता व पूर्व विदेश मंत्री ने लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार पर कहा है कि पार्टी को अमित शाह जैसे अध्यक्ष की सख्त आवश्यकता है. उन्होंने इस दौरान शाह की जमकर तारिफ भी की और कहा कि उनके अटूट मैनेजमेंट व मैकेनिज्म ने बीजेपी को बड़ी जीत दिलाई. साथ ही उन्होंने कांग्रेस की हार को लेकर आला नेताओं को निशाने पर लिया है.
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के इस्तीफे को लेकर भी सिंह ने कहा कि फिलहाल पार्टी इस स्थिति में नहीं है कि कोई राहुल की जगह ले सके. उन्होंने यह भी कहा कि राहुल को इस्तीफे की जिद छोड़ देनी चाहिए. उनका कहना है कि जब राहुल गांधी ने प्रियंका गांधी के नाम को भी मना करने के साथ गांधी परिवार को अध्यक्ष पद से दूर रखने की बात कही है तो फिर दूसरा अध्यक्ष के लिए अभी के हालात ठीक नहीं है. नटवर सिंह ने बातचीत के दौरान जल्द ही नए अध्यक्ष पर भी फैसला होने के संकेत दिए हैं.
वहीं हार के बाद हुई कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में राहुल गांधी द्वारा कांग्रेस शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों पर की गई टिप्पणी पर भी अपनी बात कही है. उन्होंने कहा है कि जब राहुल ने कुछ बड़े नेताओं को सीधे नाम लेकर अपने बेटों को टिकट दिलाने की बात कह दी थी तो वे मुख्यमंत्री अब तक पद पर क्यों बने हुए हैं. उन्हें अब तक इस्तीफा दे देना चाहिए था. वहीं उन्होंने यह भी कहा कि 50 की उम्र से अधिक के नेताओं को कांग्रेस वर्किंग कमेटी में से रिटायरमेंट देने की जरूरत है.
वहीं कांग्रेक की लोकसभा चुनाव लड़ने की रणनीति को लेकर भी नटवर सिंह ने सवाल उठाते हुए कहा कि पार्टी को यूपी व दिल्ली में गठबंधन करना चाहिए था. उनका कहना है कि गठबंधन के बाद कम से कम पार्टी का वोट प्रतिशत तो अच्छा रहता. वहीं उन्होंने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को चुनाव मैदान में उतारने की टाइमिंग को गलत बताया और कहा कि प्रियंका तीन महीने में क्या कर सकती थी, उन्हें दो साल पहले ही कांग्रेस में ले आना चाहिए था. उन्होंने कहा कि वे मानते हैं कि लोकतंत्र में एक पुख्ता कांग्रेस की दरकार है.
(लेटेस्ट अपडेट्स के लिए फ़ेसबुक, ट्वीटर और यूट्यूब पर पॉलिटॉक्स से जुड़ें)