”भाई-बहिनों,
एक ऐसी व्यवस्था, जिसकी वजह से जम्मू कश्मीर और लद्दाख के भाई-बहिन अनेक अधिकारों से वंचित थे जो उनके विकास में बाधा थी, वो हम सबसे प्रयासों से दूर हो गयी. जो सपना सरदार वल्लभभाई पटेल, बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर, डॉ.श्यामा प्रकाश मुखर्जी और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वायजेयी ने देखा था, वो आज पूरा हो गया. इसके लिए जम्मू कश्मीर और लद्दाख की जनता को मैं बधाई देता हूं. दशकों से धारा 370 और धारा 35ए से जम्मू कश्मीर और लद्दाख के भाई बहिनों को जो हानि हो रही थी, उसकी कभी चर्चा ही नहीं हुई. हैरानी की बात ये थी कि कोई ये भी नहीं बता रहा था कि इन दोनों अनुच्छेदों से से उनके जीवन में क्या लाभ हो रहा था. सच ये था कि इन दोनों धाराओं ने यहां के लोगों को अलगाववाद, आतंकवाद और व्यवस्थाओं में भ्रष्टाचार के अलावा कुछ नहीं दिया. इन दोनों अनुच्छेदों का पाकिस्तान द्वारा भी एक शस्त्र के तौर पर इस्तेमाल होता रहा है. इसी के चलते पिछले तीन दशकों में 42000 निर्दोष लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी. यही वजह रही कि क्षेत्र में विकास भी उस गति से नहीं हो सका, जिनके वे हकदार थे. अब धारा 370 और धारा 35ए के समाप्त होने के बाद जम्मू कश्मीर और लद्दाख का विकास तीव्र गति से होगा और यहां के युवाओं का भविष्य भी सुधरेगा.

हमारे देश में चाहे कोई भी सरकार हो, कानून बनाकर देश की भलाई का काम करती है. यह कार्य निरंतर चलता रहता है. कानून बनाते समय संसद में बहस, चर्चा और चिंतन मनन होता है? गंभीर पक्ष रखे जाते हैं. उसके बाद जो कानून बनता है वो देश के लोगों का भला करता है लेकिन कोई कल्पना तक नहीं कर सकता कि वो सभी कानून देश के एक हिस्से में लागू ही नहीं होता. पिछली सरकारें भी कभी दावा तक नहीं कर पायी कि जो कानून देश की पूरी आबादी के लिए बनता था, उससे 1.5 करोड़ से ज्यादा लोग वंचित रह जाते थे. देश के अन्य राज्यों में बच्चों को शिक्षा का अधिकार है लेकिन जम्मू कश्मीर और लद्दाख के लोगों को ये प्राप्त नहीं. देश के अन्य राज्यों में बेटियों को जो अधिकार मिलते हैं, जम्मू कश्मीर में बेटियों को नहीं मिलते. देश के अन्य राज्यों में सफाई एक्ट लागू है लेकिन जम्मू कश्मीर के सफाई कर्मचारी इससे वंचित थे. देश के अन्य राज्यों में दलितों पर अत्याचार रोकने के लिए सख्त कानून लागू है लेकिन जम्मू कश्मीर और लद्दाख में नहीं. देश के अन्य राज्यों में अल्प संख्यकों की सुरक्षा के लिए एक्ट लागू है लेकिन यहां नहीं. देश के अन्य राज्यों में एससी, एसटी के लोगों को आरक्षण का लाभ मिलता था लेकिन यहां नहीं.

साथियों, धारा 370 और 35ए बीते हुए इतिहास की बात हो जाने के बाद जम्मू कश्मीर और लद्दाख उसके नकारात्मक प्रभावों से भी जल्द बाहर निकलेगा. नई व्यवस्था में केंद्र सरकार की प्राथमिकता रहेगी कि जम्मू कश्मीर के कर्मचारियों सहित स्थानीय पुलिस को वित्तिय सुविधाओं सहित वे सभी सुविधाएं प्राप्त हो जो देश के अन्य राज्यों के कर्मचारियों एवं पुलिसकर्मियों को मिलती है. इसके साथ ही यहां सभी केंद्रीय व राजकीय वित्त पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. प्राइवेट सेक्टर को भी प्रोत्साहित किया जाएगा ताकि रोजगार के पर्याप्त अवसर प्राप्त हो सकें. सेना व अर्दसैनिक बलों में स्थानीय युवाओं के लिए रैलियों का आयोजन किया जाएगा. केंद्र सरकार प्रदेश के राजस्व घाटे को कम करने को भी सुनिश्चित करेगी.

भाईयों बहिनों, केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर को केंद्र के दायरे में सोच समझकर रखा है. बीते महीनों में वहां गुड गवर्नस जमीन पर दिखाई देने लगी है. जो योजनाओं सिर्फ कागजों में सीमित रही, उन्हें जमीन पर उतारा जा रहा है. कई तरह के प्रोजेक्ट को नई गति मिल रही है. नतीजा है कि आईआईटी, आईआईएम सहित तमाम पावर प्रोजेक्ट को तेजी मिली है. कनेक्टिविटी से जुड़े प्रोजेक्ट यथा सड़क, रेल, एयरपोर्ट के काम को भी तीव्रता से आगे बढ़ाया जा रहा है.

साथियों, हमारे देश का लोकतंत्र इतना मजबूत है इसके बाद भी जम्मू कश्मीर में दशकों से हजारो लाखों लोग जिन्हें लोकसभा के चुनाव में तो वोट डालने का अधिकार था लेकिन वे विधानसभा, नगर पालिका और पंचायत के चुनावों में न तो वोटिंग कर सकते थे और न चुनाव लड़ सकते थे. अब आपका जनप्रतिनिधि आपके द्वारा ही चुना जाएगा. नई व्यवस्था से आतंकवाद और अलगवाद से घरती का स्वर्ग को मुक्त कराएंगे. नागरिकों को जो उनका हक है, बेरोक टोक मिलता रहेगा.

हम सभी चाहते है कि आने वाले समय में वि.स के चुनाव हो, नई सरकार बने. मैं विश्वास दिलाता हूं कि ईमानदारी के साथ पूरे पारदर्शी वातावरण में आपको सरकार चुनने का अवसर मिलेगा. जिस तरह पंचायत के चुनाव शांति से संपन्न हुए, ठीक उसी तरह जम्मू कश्मीर में भी चुनाव होंगे.

भाईयों बहिनों, 4 महीने पहले जम्मू कश्मीर में हुए पंचायत चुनावों में जो प्रतिनिधि चुनकर आए, वे अच्छा काम कर रहे हैं. ग्रामीण स्तर पर भी बेहतरीन काम हुआ है. महिला पंचों ने तो कमाल कर दिया. अनुच्छेद 370 हटने के बाद इन सभी को नई व्यवस्थाओं में काम करने का बेहतर मौका मिलेगा और वे कमाल करेंगे. दशकों से यहां की युवाओं को नेतृत्व का अवसर नहीं दिया लेकिन अब उन्हें ये अवसर मिलेगा और वे प्रदेश को नई उंचाईयों तक ले जाएंगे. महिलाएं अपने क्षेत्र के विकास की कमान खुद संभाले. हमें हर देशवासी का साथ चाहिए. मेरा विश्वास है कि जम्मू कश्मीर की जनता अलगाववाद को परास्त करके आगे बढ़ेगी और गुड गवर्नस एवं पारदर्शिता के वातावरण में अपने लक्ष्यों को प्राप्त करेगी.

दोस्तों, एक समय बॉलीवुड की फिल्मों के लिए कश्मीर पसंदीदा जगह थी. जब यहां स्थितियां सामान्य होगी तो यहां दुनिया के हर जगह से शूटिंग करने जाएंगे तो यहां रोजगार पैदा होेंगे. मैं हिंदी, तमिल, तेलूगू, मलयालयम सहित हर भाषा के सिनेमाई जगह से आग्रह करूंगा कि वे यहां शूटिंग के बारे में सोंचे. प्राइवेट व निजी टेकनोलॉजी सेंटर्स भी यहां अपने आपको स्थापित करने के बारे में सोचें. यहां जितना टेकनोलॉजी का विस्तार होगा, उतना जीवन आसान होगा.

यहां के स्पोर्ट्स में भी काफी भविष्य है. नई स्पोर्ट्स् एकेडमी, स्टेडियम, ट्रेनिंग यहां के बच्चों को दुनिया में अपना टेलेंट दिखाने में मदद करेगी. लद्दाख में में टयूरिज्म का सबसे बड़ा केंद्र बनने की क्षमता है. सौलर पावर व रेडिएशन में भी क्षेत्र पहले नंबर पर है. इस सामर्थय का उचित इस्तेमाल होगा. लद्दाख में सोलो नाम का पौधा उंचाई वाले स्थानों और कम आॅक्सीजन वाले स्थानों में सं​जीवनी का काम करता है. इस तरह के हर्बल प्रोडक्ट का विस्तार दुनियाभर में किया जाएगा.

धारा 370 और धारा 35ए के हटाने के इस कदम पर कुछ इस फैसले के पक्ष में हैं और विपक्ष में भी. मैं आग्रह करना चाहूंगा कि वे देशहित को सर्वपरी रखते हुए व्यवहार करें और विकास को गति देने में मदद करें. कुछ मुट्ठीभर लोग यहां के हालात बिगाड़ना चाहते हैं लेकिन उनका जवाब यहीं के लोग दे रहे हैं. पाकिस्तान के विरोध में जम्मू कश्मीर के लोग डटकर खड़े थे. यहां के लोग अच्छा जीवन जीने के अधिकारी है और उनके सपनों को साकार करने का हक भी. विश्वास रखिए, धीरे धीरे हालात सामान्य हो जाएंगे और परेशानी खत्म हो जाएगी.

ईद का त्यौहार पास है. मैं विश्वास दिलाया हूं कि ईद मनाने में कोई परेशानी नहीं होगी. जम्मू कश्मीर और लद्दाख के लोगों को ईद की बहुत बहुत बधाई. साथ ही यहां के पुलिस और सुरक्षाबलों का भी मैं आभार जताना चाहता हूं कि उन्होंने बहुत अच्छा काम किया है.

जम्मू कश्मीर हमारे देश का मुकुट है और इसके लिए वहां के लोगों के देश के लिए अपना जीवन दांव पर लगाया है. ऐसे लोगों की लिस्ट बहुत लंबी है. यहां अनेक जवान व अफसर शहीर हुए. कई नागरिक मांरे गए लेकिन अब सभी को मिलकर उनका सपना पूरा करना है.

मैं जम्मू कश्मीर और लद्दाख के लोगों से आव्हान करता हूं कि आइए, हम सब मिलकर दुनिया को दिखा दें कि यहां के लोगों में कितना हौसला, कितना जज्बा, कितनी हिम्मत है. आइए हम सब मिलकर नए भारत के साथ नए जम्मू कश्मीर और नए लद्दाख का निर्माण करें.

बहुत बहुत धन्यवाद. जय हिंद.”

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