मोदी सरकार को ‘मन के काम’ करने के लिए करना होगा 2020 तक का इंतजार

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लोकसभा चुनाव के नतीजों में बीजेपी को 303 सीटों पर फतह हासिल हुई है. सीटों की ये संख्या पूर्ण बहुमत के आंकड़े से कहीं अधिक है. लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद यह तो सुनिश्चित हो गया है कि बीजेपी को लोकसभा के अंदर कोई भी बिल पास कराने में परेशानी नहीं आएगी. लेकिन लोकसभा चुनाव में मिली इतनी भारी जीत के बाद भी बीजेपी को राज्यसभा में बहुमत हासिल करने के लिए 2020 तक का इंतजार करना होगा. वर्तमान में बीजेपी के राज्यसभा में 73 सदस्य है जो बहुमत के आंकड़े से करीब 50 कम हैं .

हालांकि बीजेपी की राज्यसभा सीटों में बढ़ोतरी की शुरुआत जून महीने से ही होने वाली है. 14 जून को असम से राज्यसभा की दो सीटें खाली होने जा रही हैं. इन सीटों पर वर्तमान में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और एस.कुजुर, दोनों कांग्रेसी सांसद विराजमान हैं. असम में बीजेपी बहुमत में है. ऐसे में इन दोनों सीटों पर एनडीए का सांसद आना तय है.

साल 2020 में महाराष्ट्र, असम, झारखंड, हरियाणा, राजस्थान और हिमाचल प्रदेश से राज्यसभा की 55 सीटें खाली होने जा रही हैं. इनमें उत्तर प्रदेश से नौ सीटें खाली होंगी. इन नौ में से केवल एक सीट समाजवादी पार्टी रिटेन कर पाएगी. शेष आठ सीटें बीजेपी को मिलना तय है. उत्तर प्रदेश में बीजेपी के 309 विधायक और 62 सांसद हैं.

बीते पांच साल के दौरान ऐसा कई बार देखने को मिला है कि बीजेपी ने लोकसभा से तो कानून पास करा लिया लेकिन बहुमत के अभाव में राज्यसभा में पास नहीं करा पायी. इसके कारण बीजेपी अपने कई चुनावी वादे मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में पूरा नहीं कर पाई थी. साल 2020 में बीजेपी को राज्यसभा में बहुमत हासिल होने के बाद पार्टी कौन-कौनसे अहम कदम उठा सकती है? आइए जानते हैं-

राम मंदिर:
अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण बीजेपी की स्थापना के शुरुआत से ही उसके एजेंडे में रहा है. विपक्ष ने हर बार उनपर मंदिर के नाम पर हिंदुओं की भावनाओं से खिलवाड़ करने का आरोप लगाया है. अभी मंदिर-मस्जिद विवाद का मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है. लेकिन अगर फैसला हिंदू पक्ष के उलट आता है तो बीजेपी इसे लेकर कानून बना सकती है.

धारा 370:
बीजेपी ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में जम्मु-कश्मीर में लागू धारा-370 को समाप्त करने का वादा किया था. बीजेपी की तरफ से यह वादा 2014 में भी किया गया था लेकिन राज्यसभा में बहुमत नहीं होने के कारण बीजेपी ने इस पर कोई काम नहीं किया. लेकिन इस बार धारा-370 को लेकर बीजेपी की ओर से सदन में कुछ ठोस कार्रवाई होना तय है.

तीन-तलाक:
16वीं लोकसभा में मुस्लिम अधिकारों की रक्षा के लिए तीन तलाक कानून को आपराधिक घोषित करने वाला विधेयक लोकसभा में तो बीजेपी पास करा ले गई लेकिन विपक्ष के विरोध के चलते यह विधेयक संसद के ऊपरी सदन से पास नहीं हो सका. लेकिन 2020 में राज्यसभा में बहुमत हासिल करने के बाद बीजेपी इसे दोनों सदनों से आसानी से पारित करा पाएगी.

नागरिक संशोधन विधेयक:
16वीं लोकसभा भंग होने के साथ जो दो कानून रद्द हुए थे उनमें नागरिक संशोधन विधेयक भी शामिल था. इसे भी सरकार लोकसभा से तो पारित करा ले गई लेकिन राज्यसभा में विपक्ष के विरोध के चलते यह विधेयक पास न हो सका. अब 2020 में बहुमत मिलने की स्थिति में यह विधेयक आसानी से पास हो पाएगा.

कॉमन सिविल कॉड:
देश में समान नागरिक संहिता लागू करने का वादा बीजेपी ने अपने घोषणा पत्र में किया है. कॉमन सिविल कॉड के लिए विधि आयोग की तरफ से पेश की गई रिपोर्ट में कहा गया है कि समान नागरिक संहिता न तो आवश्यक है और न ही वांछनीय है. केवल वर्तमान पर्सनल लॉ में सुधार की जरूरत है और धार्मिक रीति-रिवाजों सहित मौलिक अधिकारों के बीच सद्भाव बनाए रखने की आवश्यकता है. अतः राज्यसभा में बहुमत हासिल होने के बाद मोदी सरकार इस विधेयक को भी अमली-जामा पहनाएगी.

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