भावनात्मक मुद्दे सामने रख देश की जनता को गुमराह कर रहे पीएम मोदी: गहलोत

चंडीगढ़ में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए मोदी सरकार और RSS पर साधा निशाना, देश की हालत चिंताजनक बताई, बयान पर राजस्थान के भाजपा प्रदेशाध्यक्ष पूनिया ने किया पलटवार

Gehlot
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राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने शनिवार को चुनाव प्रचार के आखिरी दिन ​हरियाणा की राजधानी चंडीगढ़ में पीसीसी कार्यालय में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और आरएसएस पर जमकर निशाना साधा. गहलोत ने कहा कि भाजपा के लोग महात्मा गांधी, सरदार पटेल और अंबेडकर की बात करते है जिनको उन्होंने 50-60 सालों में कभी नहीं माना. इतने साल बाद इनको समझ आ गया और इनको मान रहे हैं. ऐसे में मैं इनको कहना चाहूंगा कि इन्हें देश से मांफी मांगनी चाहिए क्योंकि ये इतने समय से महात्मा गांधी को समझ नहीं पाये.

RSS से बिना पूछे तो सीएम तक नहीं बना सकती भाजपा
राष्ट्रीय स्वयं सेवक पर तंस कसते हुए गहलोत ने कहा कि सरदार पटेल ने तो आरएसएस पर बैन लगा दिया था. इस पर आरएसएस ने लिखित में दिया था कि वे देश में सांसकृतिक दल के रूप में काम करेंगे. आज भाजपा बिना आरएसएस से पूछे किसी को मंत्री और मुख्यमंत्री नहीं बना सकते. इसका मतलब है कि इनकी अथोरिटी वे लोग है जिनका हैडक्वाटर नागपुर में है. पहले उनको रिपोर्ट कार्ड दिखाना पड़ता है. गहलोत ने कहा कि संविधान के उपर भी सत्ता काम कर रही है और देश का दुर्भाग्य है कि ये लोग देश को कहां लेके जाएंगे, किसी को पता नहीं है. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में इनका खुद का विश्वास नहीं है लेकिन लोकतंत्र में आरएसएस जिस तरह से काम कर रहीं है, उससे देश का लोकतंत्र खतरे में जरूर है.

विधानसभा चुनावों में राष्ट्रीय मुद्दों पर चुनाव लड़ रही है बीजेपी
अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने कहा कि लोकतंत्र में जब सरकार बनती है तो अगले चुनाव में अपनी परफॉर्मेंस जनता के सामने रखती है. अपने किए गए कार्यों का लेखा जोखा पेश करती है. उसके बाद वोट मांगे जाते हैं. ऐसा पहली बार देखने को मिल रहा है कि देश पर राज करने वाले मोदीजी और अमित शाहजी महाराष्ट्र में जाए या हरियाणा में, हर जगह राष्ट्रीय मुद्दों की बात करते हैं. राज्य सरकार के कामों को बताने के लिए उनके पास कोई पॉइंट नहीं है. 2014 में जो वादे भाजपा ने किये थे, अब वो चर्चा में नहीं है. कालेधन की अब बात नहीं कर रहे है. दो करोड लोगों को रोजगार नहीं दे पाने का जवाब उनके पास नहीं है. 2022 सामने आ रहा है. समय बताएगा कि किसानों की आय कैसी दोगुनी करेंगे. विपक्ष को जवाब नहीं दें लेकिन जनता को तो जवाब देना चाहिए. भावनात्मक मुददे रख राष्ट्रवाद और धर्म को लेके व सेना के पीछे छिपकर वो लोकसभा चुनाव जीत गए, अब धारा 370 हटाकर राजनीति कर रहे हैं. इस बीच गहलोत ने मोदी सरकार पर भावनात्मक रूप से देश को गुमराह करने का आरोप भी लगाया.

देश में डर, हिंसा और भय का माहौल, लोकतंत्र के लिए खतरा
मुख्यमंत्री गहलोत (Ashok Gehlot) ने आगे मोदी सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि आज देश में डर, हिंसा और भय का माहौल है जो कि देश के लोकतंत्र के लिए खतरा है. लोग ज्यूडिसरी, CBI, ED, इनकम टैक्स दबाव में काम कर रहे है. 2014 से जब से ये लोग सत्ता में आए हैं, पीएमओ कांग्रेस नेताओं पर मोनिटरिंग कर रहा ​है और ईडी के जरिए चुन चुन कर फंसाया जा रहा ​है. अमित शाह कहते है ‘हम देश में 50 साल राज करेंगे’ ये चाहते है कि देश में अकेले राज करें और सारी पार्टियां खत्म हो जाए. इसलिए इन्होंने लोगों को तंग करना शुरू कर दिया है. एआईसीसी के अकाउंटेंट के लोगों पर छापे मारे जा रहे है. ऐसे हालात देश में चिंताजनक हैं.

मोदी के सम्मान के पीछे कांग्रेस की 70 सालों की मेहनत
अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने पीएम मोदी पर मनमानी करने का आरोप लगाते हुए कहा कि जो बात इनके मन में आ जाती है, वो लागू कर देते है. पहले नोटबंदी, फिर जीएसटी और अब धारा 370 एकदम से हटा दी. गहलोत ने कहा कि धारा 370 को हटाने से पहले एक बार विपक्ष से बात करनी चाहिए थी. जम्मू कश्मीर के स्थानीय नेताओं से बात करनी चाहिए थी. इस फैसले की दुनियाभर में आलोचना हो रही है. सोशल मीडिया के माध्यम से देश को गुमराह किया जा रहा ​है, ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. गहलोत ने कहा कि मोदीजी आज जहां भी जा रहे है, वहां उनकी वाह वाह होती है. इसके पीछे कांग्रेस की 70 साल की मेहनत है. राजीव गांधी व इंदिरा गांधी ने देश के लिए जान दे दी पर देश को एक रखा. लोकतंत्र कायम रखा. अगर लोकतंत्र कायम नहीं होता तो मोदीजी आज प्रधानमंत्री कैसे बनते.

गहलोत के बयान पर सतीश पूनिया ने किया पलटवार
अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) के RSS और भाजपा के बयान पर राजस्थान भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने पलटवार करते हुए कहा कि गहलोत का बयान बौखलाहट भरा है. उनको यह समझना चाहिए कि ग्राम स्वराज्य की अवधारणा भाजपा के जनसंघ विचारक पं. दीनदयाल उपाध्याय के अंतोउदय की योजना से मेल खाती है. राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ अपने आप में एक दर्शन और विचार है जो समाज व देश को बदलने की भावना से काम करता है. यही वजह है कि भाजपा एक वैचारिक साम्यता संघ से रखती है. पूनिया ने आगे कहा कि गहलोत अपने पुत्र की लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद और आने वाले निकाय चुनाव में हार की आशंका से बौखलाए हुए है. इसलिए उनके दिन की शुरूआत और शुभरात्रि आरएसएस और भाजपा के खिलाफ बयान देने से होती है.

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