हरियाणा चुनाव के बाद अरविंद केजरीवाल एकदम से शांत बैठ गए हैं. यहां पूरे प्रयासों के बाद भी आम आदमी पार्टी को एक सीट तक नसीब नहीं हुई, जबकि इसके लिए उन्होंने दिल्ली मुख्यमंत्री की कुर्सी भी त्यागकर आतिशी को दे दी और खुद पूरा ध्यान हरियाणा में लगाया. ‘हरियाणा का लाल’ वाली छवि भी उन्हें भुना नहीं पायी. अब दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल के सामने एक नई समस्या आ खड़ी हुई है. आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव में केजरीवाल के सामने उनके पुराने दोस्त चुनावी ताल ठोकने जा रहे हैं. दोनों ने अन्ना हजारे के आंदोलन में एक साथ हूंकार भरी थी.
इस दोस्त का नाम है डॉ. मुनीश कुमार रायजादा, जो केजरीवाल के सहयोगी भी रह चुके हैं. डॉ. मुनीश पेशे से डॉक्टर हैं और अमेरिका से डॉक्टरी छोड़कर दिल्ली की सियासत में भाग्य आजमाने की तैयारी कर रहे हैं. हाल ही में मुनीश ने अपनी एक अलग पार्टी बनाने की घोषणा की है. इस पार्टी का नाम उन्होंने भारतीय लिबरल पार्टी रखा है. डॉ. मुनीश ने केजरीवाल के खिलाफ चुनाव लड़ने का ऐलान किया है.
नई दिल्ली से विधायक हैं केजरीवाल
नौकरशाह से सामाजिक कार्यकर्ता और सामाजिक कार्यकर्ता से राजनीतिज्ञ बने अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने दिल्ली की राजनीति में धमाकेदार प्रवेश किया. 2013 में आम आदमी पार्टी ने 70 सदस्यीय दिल्ली विधानसभा चुनाव में 28 सीटें जीतकर प्रदेश की राजनीति में खलबली मचा दी थी. 2013 के दिल्ली विधानसभा चुनावों में अरविंद केजरीवाल ने नई दिल्ली सीट से चुनाव लड़ा, जहां उनकी सीधी टक्कर लगातार 15 साल से दिल्ली की मुख्यमंत्री रही श्रीमती शीला दीक्षित से थी. उन्होंने नई दिल्ली विधानसभा सीट से तीन बार की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को 25864 मतों से हराया.
यह भी पढ़ें: यूपी में कांग्रेस के साथ हो गया ‘खेला’! क्या गठबंधन का फॉर्मला हुआ फेल?
अरविंद केजरीवाल को कुल 44269 मत प्राप्त हुए जबकि उनके मुक़ाबले शीला दीक्षित को केवल 18405 मत प्राप्त हुए. केजरीवाल लगातार तीन बार नई दिल्ली से विधायक हैं.
सेफ सीट तलाश रहे पूर्व सीएम
दिल्ली से जुड़े हरियाणा में खुद की छवि को उभारने के बावजूद आम आदमी पार्टी को कोई सफलता नहीं मिली. ऐसे में अंदरुनी खबर है कि पूर्व दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल अपने लिए एक सुरक्षित सीट की तलाश कर रहे हैं. ऐसा भी हो सकता है कि वे दो सीटों से चुनावी मैदान में उतरें. बीजेपी की भी पूरी तैयारी केवल ये है कि किसी न किसी तरह से अरविंद केजरीवाल को हराया जा सके, ताकि विधानसभा में कुछ समय के लिए ही सही, उनकी एंट्री को रोका जा सके.
गिरफ्तार होने वाले पहले सीएम
अरविंद केजरीवाल इस समय शराब घोटाले में आरोपी हैं और जमानत पर जेल से बाहर हैं. दिल्ली शराब नीति मामले में दिल्ली के तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, प्रवर्तन निदेशालय के नौ सम्मनों की अवहेलना करने के बाद 21 मार्च, 2024 को गिरफ्तार होने वाले भारतीय इतिहास के पहले मौजूदा मुख्यमंत्री बन गए. यह गिरफ्तारी दिल्ली शराब नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में की गई थी. जमानत पर जेल से बाहर आने के बाद उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया.
जनवरी में होंगे दिल्ली विस चुनाव
दिल्ली में अगले साल जनवरी या फरवरी में विधानसभा चुनाव हो सकते हैं. दिल्ली विधानसभा का कार्यकाल 23 फरवरी, 2025 को खत्म हो रहा है. पिछले चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 70 में से 62 सीटें जीती थीं. बीजेपी ने 8 सीटों पर जीत हासिल की थी जबकि कांग्रेस का खाता तक नहीं खुल पाया था. पिछले दो बार से आम चुनावों में सभी सातों सीटें बीजेपी के कब्जे में गयी हैं. अब देखना ये है कि पूर्व सीएम के पूर्व सहयोगी मुनीश अपने भ्रष्टाचार विरोधी नैरेटिव से अरविंद केजरीवाल का कितना खेल बिगाड़ते हैं. सभी तरह की स्थितियां/परिस्थितियां चुनाव के करीब जाकर ही ज्यादा तस्वीर साफ होगी.