पॉलिटॉक्स न्यूज. देशभर में कोरोना वायरस का शोर और कहर चल रहा है. 16 राज्यों में लॉकडाउन और 5 राज्यों में कर्फ्यू लगा दिया गया है. रोजी रोटी और अन्य कई तरह की समस्याओं से आमजन को रूबरू होना पड़ रहा है. ऐसे कठिनाई भरे समय में केंद्र सरकार कुछ राहत भरी घोषणाएं लेकर आई है. आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने इनकम टैक्स रिटर्न भरने की तारीख तीन महीने आगे करने और बैंक खातों में मिनिमम बैलेंस रखने की शर्त को खत्म करने सहित आम जनता के लिए चार राहत भरी घोषणाएं की है. प्रेस कॉन्फ्रेंस में केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर भी मौजूद रहे.
आम आदमी के लिए सरकार की तरफ से राहत के 4 कदम
- आईटीआर रिटर्न फाइल करने की तारीख 30 जून तक बढ़ाई गई है. पहले अंतिम तिथि 31 मार्च थी.
- खातों में मिनिमम बैलेंस रखना भी जरूरी नहीं होगा. पहले एक हजार से तीन हजार रुपये रखना जरूरी था.
- अगले तीन महीने तक किसी भी एटीएम से पैसे निकालने पर चार्ज नहीं लगेगा.
- पैन-आधार लिंक करने की तारीख भी 30 जून तक बढ़ाई गई है.
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इनके अलावा, वित्त मंत्री ने जीएसटी, सीमा एवं उत्पाद शुल्क, दिवाला कानून, बैंकिंग, मात्स्यिकी आदि से संबंधित कई प्रकार की घोषणाएं की. अधिकतर मामलों में आखिरी तारीख 30 जून तक बढ़ा दी गई है. 2018-19 के लिए देरी से इनकम टैक्स रिर्टन भरने पर लगने वाले ब्याज को भी 12 फीसदी से से घटाकर 9 फीसदी कर दिया गया है. वहीं टीडीएस पर लेट पेलंटी को 18 फीसदी से घटाकर 9 फीसदी कर दिया गया है. विवाद से विश्वास स्कीम की तारीख भी बढ़ाकर 30 जून की गई है. अन्य घोषणाएं इस तरह से हैं…
कंपनी/व्यवसाईयों के लिए राहत भरी घोषणाएं
- 5 करोड़ रुपए से कम टर्नओवर वाली कंपनियों को लेट जीएसटी फाइलिंग पर कोई ब्याज, पेनाल्टी और लेट फीस नहीं लगेगी. मार्च-अप्रैल-मई में फाइलिंग की तारीख 30 जून तक बढ़ाई गई है.
- वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए इनकम टैक्स फाइल करने के लिए आखिरी तरीख 30 जून तक बढ़ाई गई है.
- आयातकों और निर्यातकों को भी राहत, कस्टम क्लियरेंस अब 30 जून तक जरूरी सेवाओं में शामिल की गई है जो 24 घंटे काम करेगी.
- विवाद से विश्वास स्कीम और आधार-पैन लिंक की तारीख भी बढ़ाकर 30 जून की जाती है.
- इस वर्ष कंपनियों के डायरेक्टरों को 182 दिन देश में रहने की अनिवार्यता से राहत दी गई है.
- टीडीएस में देरी से पेमेंट करने पर लगने वाले ब्याज को 18 प्रतिशत से घटाकर 9 प्रतिशत कर दिया है.
- एक करोड़ रुपये से कम का कारोबार करने वाली कंपनियों के खिलाफ दिवाली प्रक्रिया नहीं शुरू की जाएगी.