GDP पर फिर निशाने पर मोदी सरकार, कोरोना को बताया वजह तो राहुल गांधी ने बताया दुर्भाग्यपूर्ण

केंद्र सरकार ने सोमवार को जीडीपी के आंकड़े जारी किए जो बेहद निराशाजनक, चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में जीडीपी -23.9 फीसदी, आजाद भारत की जीडीपी में सबसे बड़ी गिरावट

Rahul Gandhi On Gdp
Rahul Gandhi On Gdp

Politalks.news. चालू वित्त वर्ष में देश की तिमाही सकल घरेलू उत्पाद यानि जीडीपी में 23.9 फीसदी की एतिहासिक गिरावट दर्ज की गई है. केंद्रीय सांख्यिकी कार्यलय की रिपोर्ट सामने आने के बाद केंद्र की मोदी सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई है. पिछले साल की समान अवधि में यह दर 5.2 प्रतिशत रही थी. इस पर सफाई देते हुए सरकार की तरफ से मुख्य आर्थिक सलाहकार (CEA) केवी सुब्रमण्यम ने इसका जवाब दिया है कि आखिर यह गिरावट क्यों हुई? उन्होंने इस आंकड़ों के लिए कोरोना संकट को जिम्मेदार ठहराया है. जीडीपी की इस गिरावट पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सरकार पर हमला बोला है. राहुल गांधी ने कहा कि सरकार का हर चेतावनी को नजरअंदाज करते रहना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है.

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक ट्वीट में लिखा, GDP 24% गिरा. स्वतंत्र भारत के इतिहास में सबसे बड़ी गिरावट. सरकार का हर चेतावनी को नजरअंदाज करते रहना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. राहुल गांधी ने इस ट्वीट में अपना एक वीडियो भी जोड़ा है जिसमें वे सरकार को अर्थव्यवस्था के मुद्दे पर सलाह देते नजर आ रहे हैं.

इस भारी गिरावट पर केंद्र सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार केवी सुब्रमण्यम ने कहा कि यह अनुमान के मुताबिक ही है, क्योंकि अप्रैल-जून के दौरान लॉकडाउन लगा था. उन्होंने कहा कि दूसरी और तीसरी तिमाही में विकास में तेजी आएगी और भारत की इकोनॉमी में ‘V’ शेप रिकवरी होगी.

भारत ने तिमाही जीडीपी के आंकड़े जब से जारी करने शुरू किये हैं, उसमें यह अब तक की सबसे बड़ी गिरावट है. इसके पहले अगर जीडीपी नेगेटिव होने बात करें तो यह 1979-80 में हुई थी, जब सालाना जीडीपी में 5.2 फीसदी की गिरावट आई थी.

इस बारे में केवी सुब्रमण्यम ने कहा, ‘देश में दो महीने तक कठोर लॉकडाउन लागू किया गया था. इसके कारण जीडीपी में इतनी भारी गिरावट दर्ज की गई है. अब कोर सेक्टर में सुधार हुआ है. बिजली की खपत बढ़ी है, इसके अलावा मालगाड़ी ट्रैफिक में तेजी आई है, ई-वे बिल बढ़ा है. ये ऐसे संकेत हैं जिससे साफ पता चलता है कि आर्थिक गतिविधियों में सुधार हो रहा है.’

यह भी पढ़ें: बिहार चुनाव में आज से बजेगा कांग्रेस का चुनावी बिगुल, 21 दिन में होंगी 100 वर्चुअल रैलियां

आगे केवी ने कहा, ‘ब्रिटेन की जीडीपी में भी 22 फीसदी की गिरावट आई है. यह (कोरोना) एक-डेढ़ शताब्दी में होने वाली घटना है, जिसका सामना हम कर रहे हैं. अप्रैल से जून में भारत में लॉकडान की वजह से ज्यादातर आर्थिक गतिविधियों पर रोक थी. ये आंकड़े अनुमान के मुताबिक ही हैं.’

गौरतलब है कि सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक कोरोना संकट की वजह से अप्रैल से जून की इस वित्त वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में 23.9 फीसदी की ऐतिहासिक गिरावट आई है. लॉकडाउन के कारण देश में आर्थिक गतिविधियां पूरी तरह से बंद हो गई है. मार्च के अंतिम सप्ताह से लेकर मई मध्य तक पूरे देश में पूर्ण बंदी रही. मध्य जून में सरकार ने चरणबद्ध तरीके से सामाजिक दूरी के मानदंडों का पालन करते हुए विनिर्माण सहित विभिन्न गतिविधियों को शुरु करने की अनुमति दी थी. अब तक सभी क्षेत्र कोरोना से पहले की स्थिति में काम नहीं कर रहे हैं.

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष पहली तिमाही यानि जनवरी-मार्च, 2020 की जीडीपी 26 लाख 89 हजार 556 करोड़ रुपये रहा जो पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि के 35 लाख 53 हजार 267 करोड़ रुपये की तुलना में 23.9 फीसदी कम है. इस तरह से देश की जीडीपी की वृद्धि दर शून्य से 23.9 प्रतिशत नीचे रही है.

आधिकारिक बयान में ये भी कहा गया है कि पहली तिमाही का अनुमान जून 2020 में समाप्त रबी सीजन के कृषि उत्पादन पर आधरित है. इसमें औद्योगित उत्पादन सूचकांक, केंद्र सरकार के मासिक आय व्यय, राज्य सरकारों के आय व्यय क साथ ही रेलवे, सड़क, वायु और जल परिवहन जैसे क्षेत्र, सुधार, बैकिंग एवं बीमा आदि के आंकड़े शामिल किए गए हैं.

Google search engine