विधायक खरीद-फरोख्त मामला: एसओजी ने लगाई एफआर, संजय जैन सहित तीनों आरोपी बरी

स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) ने वापिस लिए तीनों मामले, मामले में तीन आरोपी एक महीने से जेल में बंद, अब एसीबी कर रही संदिग्धों से पूछताछ, बीजेपी हुई कांग्रेस पर हमलावर

Rajasthan Sog And Sanjay Jain
Rajasthan Sog And Sanjay Jain

Politalks.news/Rajasthan. राजस्थान में गहलोत सरकार गिराने की कथित साजिशों का खुलासा करने वाली राजस्थान पुलिस की एसओजी ने 28 दिन बाद तीनों FIR बंद कर दी. इसके बाद कोर्ट ने मामले में गिरफ्तार मुख्य आरोपी संजय जैन सहित भरत मालानी और अशोक सिंह को छोड़ने का आदेश दिया है. हालांकि संजय जैन एंटी करप्शन ब्यूरो में 5 दिन की रिमांड पर होने की वजह से फिलहाल नहीं छूट पाएंगे. इस मामले में एसओजी ने कहा कि इसमें कोई मामला नहीं बन रहा है इसलिए हम कोई कार्यवाही नहीं चाहते हैं. कोर्ट ने इसकी इजाजत दे दी है.

तीनों मामले वापिस लेने के बाद बीजेपी गहलोत सरकार पर हमलावर हो गई है. इधर विधायक खरीद-फरोख्त मामले में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने भी पूछताछ शुरू कर दी है. इससे पहले स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) पकड़े गए लोगों से पूछताछ कर रही थी.

इस मामले में दलील देते हुए स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप के वकील संत कुमार ने कोर्ट से कहा कि यह गैर इलाके का मामला है और इस मामले में हम कोई कार्यवाही नहीं चाहते हैं. अदालत ने इस मामले में परिवादी मुख्य सचेतक महेश जोशी को भी पेश होने को कहा है. वहीं आरोपी भगत मालानी के वकील दीपक चौहान ने कहा कि आरोपियों पर एफआईआर में दर्ज तथ्यों और अनुसंधान में आए साक्ष्यों के आधार पर राजद्रोह का केस नहीं बनता था, इसी वजह से एसओजी ने कोर्ट के समक्ष एफआर पेश की. इस मामले में संजय जैन, भरत मालानी और अशोक सिंह को एक महीने जेल में रहना पड़ा है.

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एसओजी ने इस मामले में तीन केस दर्ज कराए गए थे. पहला केस एसओजी के इंस्पेक्टर ने 10 जुलाई को दर्ज कराया था. राजस्थान पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप ने एक तस्कर का मोबाइल सर्विलांस पर लेने के दौरान राज्य सरकार गिराने की साजिशों का पता चला है. एसओजी ने दावा किया कि ब्यावर में रहने वाले भरत मालानी और उदयपुर के रहने वाले अशोक सिंह कई लोगों के साथ मिलकर सरकार गिराने की साजिश कर रहे थे.

इस मामले में एसओजी के इंस्पेक्टर के दर्ज कराए गए बयान के आधार पर एसओजी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट सहित 16 विधायकों को नोटिस जारी किए गए थे. यह मामला राजद्रोह की धाराओं के अंतर्गत दर्ज किया गया था. बाद में मोबाइल नंबर सर्विलांस के बाद ब्यावर निवासी भरत मालानी व उदयपुर निवासी अशोक सिंह को गिरफ्तार किया गया.

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अन्य दोनों मामले विधायकों की खरीद फरोख्त संबंधी तीन ऑडियो वायरल होने के बाद मुख्य सचेतक महेश जोशी ने एसओजी के रिपोर्ट करने पर दर्ज कराए गए थे. इसमें केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, कांग्रेस के बागी विधायक भंवरलाल शर्मा, विश्वेंद्र सिंह व मध्यस्थ की भूमिका निभाने वाले संजय जैन की बातचीत बताई जा रही है. इस मामले में एसओजी ने इन सभी के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज किया था। इनसे पूछताछ के लिए नोटिस जारी किए गए थे, लेकिन शेखावत सहित दोनों विधायकों को नोटिस तामिल नहीं हो सके. मामले में संजय जैन को गिरफ्तार किया गया.

इस मामले में पिछले सप्ताह कांग्रेस के बागी विधायक भंवरलाल शर्मा ने मामले की जांच एनआइए से कराने को लेकर हाईकार्ट में याचिका दायर की तो सरकार ने अपने कदम पीछे खींचते हुए इस प्रकरण को एसओजी से लेकर एसीबी को दे दिया और विधिक विशेषज्ञों की राय लेकर पिछले दिनों एसओजी में दर्ज हुए तीनों मामलों से धारा 124-ए हटा ली.

अब स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप ने राजस्थान हाईकोर्ट में कहा कि इस मामले में राजद्रोह का केस नहीं बनता है इसलिए हम राजद्रोह की धाराओं को वापस लेना चाहते हैं. अब एसीबी ने प्रोडक्शन वारंट पर संजय जैन को हिरासत में लिया है.

केस वापिस लेने पर बीजेपी हुई हमलावर

तीनों मुकदमे वापस लेने पर बीजेपी गहलोत सरकार पर हमलावर हो गई है. बीजेपी कह रही है कि एसओजी ने 24 जगहों पर छापेमारी की और मानेसर और दिल्ली की होटलों में स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप को भेजकर राजस्थान पुलिस से नौटंकी करवाई. बीजेपी ने कहा कि राजस्थान एसओजी ने हरियाणा पुलिस के डीजीपी तक को जांच में सहयोग के लिए लिखा और अब कह रही है कि मामला ही नहीं बनता है. बीजेपी ने निर्दोष लोगों को एक महीने तक जेल में रखने को सजा की मांग भी की है.

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