राजस्थान के सभी विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में जहां आगामी 27 अगस्त को छात्रसंघ चुनाव होने वाले हैं, वहीं अजमेर के महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय में इस बार छात्रसंघ चुनाव संकट के बादल छाये हुए हैं, क्योंकि यहां अक्टूबर—2018 से कुलपति की नियुक्ति नहीं हुई है, ऐसे में बिना कुलपति के रिटर्निंग ऑफिसर और चुनाव अधिकारी की नियुक्ति कौन करेगा? इस मामले में एमडीएस यूनिवर्सिटी प्रशासन का कहना है कि उन्होंने इस सम्बन्ध में राज्यपाल को फाइल भेजी हुई है लेकिन अभी तक राजभवन से कोई जवाब नहीं आया है.
गौरतलब है कि, राजस्थान में इन दिनों छात्र राजनीती अपने चरम पर है. पिछले बुधवार को जैसे ही प्रदेश में विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों के छात्रसंघ चुनाव कार्यक्रम की घोषणा हुई वैसे ही छात्र नेताओं ने चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी है. भाजपा से जुड़ी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) औऱ कांग्रेस से जुड़े भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई) उम्मीदवारों के पैनल तैयार करने में जुट गए हैं. इसके लिए बैठकें शुरू हो गई हैं.
एमडीएस यूनिवर्सिटी में छात्रसंघ चुनाव के इस संकट को दूर करने के लिए छात्रनेता लामबंद हो रहे है पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष मोहित जैन का कहना है कि राज्य सरकार जल्द इसका समाधान निकाले ताकि एमडीएस यूनिवर्सिटी में भी आगामी 27 तारीख को चुनाव हो सकें, जैन ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि एमडीएस युनिवर्सिटी के छात्रसंघ चुनाव पर संकट आया तो एबीवीपी एन एस यू आई सहित समस्त संगठन एकजुट होकर विरोध प्रदर्शन करेंगे.
राज्य में आगामी 27 अगस्त को छात्रसंघ चुनाव होंगे और मतगणना 28 अगस्त को सुबह 11 बजे से होगी. प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में छात्रसंघ चुनाव की तैयारियां दिन प्रतिदिन जोर पकडती नजर आ रहीं हैं. ऐसा हि कुछ नजारा महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय अजमेर का भी है जहां छात्रसंघ चुनाव पर संकट के बादल छाये हुए है इसके बावजूद भी छात्र नेता कैम्पस में सक्रिय दिखाई दे रहे है. कॉलेज केंटीन हो या लाइब्रेरी, क्लास रूम हो या पार्किग, छात्र नेता कैम्पस के तमाम गलियारों मेें जाकर अपने अपने पक्ष में चुनाव की जाजम बिछाते नजर आ रहे है.
माहौल चुनाव का है तो वादों का होना तो लाजमी है, ऐसे में छात्रों के बीच छात्रनेता स्थायी कुलपति, कुलसचिव, शिक्षक भर्ती, गर्ल्स होस्टल में मूलभूत सुविधाएं, बॉयज हॉस्टल वापस शुरू करवाने जैसे वादों से छात्रों को अपने पक्ष में कर रहे है.