Politalks.News/Congress/NewDelhi. एक नवंबर से शुरू होने वाला कांग्रेस का सदस्यता अभियान अपनी शर्तों के कारण सुर्खियों में आ गया है. कांग्रेस के सदस्यता अभियान की शर्तों के मुताबिक किसी व्यक्ति को सदस्य बनने के लिए यह घोषणा करनी पड़ेगी कि वह शराब या किसी भी तरह के नशे से दूर रहता है. हालांकि, यह नियम गांधी जी के जमाने की कांग्रेस से चला आ रहा है, लेकिन मौजूदा कांग्रेस पदाधिकारी भी इस नियम को फॉलो नहीं कर पा रहे हैं. यही नहीं मंगलवार को AICC मुख्यालय में हुई बैठक में पार्टी के पदाधिकारी उस समय झेंप कर बगलें झांकने लगे जब अचानक राहुल गांधी ने सवाल कर लिया कि, ‘यहां कौन पीता है?’ इस सवाल से कई सदस्य झेंप गए और बात आकर नवजोत सिंह सिद्धू पर ठहर गई. इसपर वे बोले, ‘मेरे राज्य में अधिकांश लोग शराब पीते हैं.’
दरअसल, AICC मुख्यालय में कल कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की तरफ से आयोजित प्रदेश प्रमुखों की बैठक में एक बार फिर ‘शराब’ और ‘खादी’ का मुद्दा उठा. साल 2017 में इसे लेकर सवाल कर चुके राहुल गांधी ने मंगलवार को हुई बैठक में भी फिर यही मुद्दा छेड़ दिया. दरअसल, कांग्रेस की तरफ से शुरू होने जा रहे सदस्यता अभियान के नियमों में शराब का सेवन नहीं करने की बात कही गई है. मंगलवार को जब कांग्रेस के पदाधिकारियों संग बैठक के दौरान राहुल गांधी ने सवाल किया कि इस कमरे में बैठे कितने लोग शराब पीते हैं? इस पर पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने जवाब दिया कि उनके राज्य में तो अधिकांश लोग शराब पीते हैं. हालांकि, इस दौरान उन्होंने किसी खास नाम का जिक्र नहीं किया. शराब से बचना और खादी पहनना कांग्रेस पार्टी का दशकों पुराना नियम है.
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कांग्रेस सूत्रों की मानें तो, नवजोत सिंह सिद्धू ने यह कहा कि उनके राज्य में अधिकतर लोग शराब पीते हैं और ऐसी स्थिति में कांग्रेस सदस्यता के लिए बनाए नियम का पालन कैसे हो पाएगा? राहुल गांधी के सवाल पर दो अन्य महासचिवों ने भी माना कि वे शराब पीते हैं, इसके बाद ही मीटिंग में यह चर्चा भी छिड़ गई कि पार्टी का सदस्य बनने के लिए शराब छोड़ने वाला नियम कितना तार्किक है. पार्टी संविधान के मुताबिक, किसी शख्स को कांग्रेस पार्टी का सदस्य बनने के लिए शराब या अन्य नशा छोड़ना होगा और उसे खादी पहनने का आदी भी होना पड़ेगा. अब इस स्थिति से निपटने के लिए सदस्यता के नियमों में बदलाव जरूरी है, लेकिन इसे तुरंत नहीं बदला जा सका. पार्टी में नियमों में केवल वर्किंग कमेटी ही बदलाव कर सकती है. जबकि, शराब नहीं पीने का नियम महात्मा गांधी के समय से ही चला आ रहा है. राहुल गांधी ने साल 2017 में कांग्रेस वर्किंग कमेटी में इस नियम की प्रासंगिकता और व्यवहारिकता पर सवाल उठाया था.
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आपको बता दें, 1 नवंबर से कांग्रेस का सदस्यता अभियान शुरू होने जा रहा है और फॉर्म्स में इस नियम को शामिल किया गया है. पार्टी के सदस्यता फॉर्म में निजी घोषणा के तौर पर 10 ऐसे पॉइंट शामिल हैं, जिनमें शराब और ड्रग्स का भी जिक्र है. साथ ही नए सदस्यों को यह भी मानना होगा कि वे सार्वजनिक जगहों पर पार्टी की नीतियों की आलोचना नहीं करेंगे. बैठक के बाद कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने मीडिया को बताया कि पार्टी में शामिल होने के लिए फॉर्म्स प्रिंट और डिजिटल दोनों फॉर्मेट में उपलब्ध हैं. इसके साथ ही सुरजेवाला ने यह जानकारी भी दी कि सभी के लिए ट्रैनिंग प्रोग्राम का भी आयोजन किया जाएगा.