देश की मौजूदा राजनीति के पितामह कहे जाने वाले शरद पवार इस बार महाराष्ट्र की राजनीति में फेल हो गए. 180 सीटों का दावा करने वाला महाविकास अघाड़ी केवल 46 सीटों पर सिमट गया. शरद पवार की एनसीपी के खाते में भी केवल 10 सीटे आयीं. 86 वर्ष के शरद पवार के नेतृत्व में संभवत: ये अंतिम चुनाव था. माना यही जा रहा है कि महाविकास विकास अघाड़ी अब पूरी तरह से तहस नहस हो चुका है और अब उनके सिपहसालारों के हौसले भी पस्त होते जा रहे हैं. ऐसा एनसीपी के साथ ज्यादा है. ऐसे में खबर आ रही है कि शरद पवार के दाहिने हाथ कहे जाने वाले गुलाबराव देवकर पार्टी का साथ छोड़कर बीजेपी में शामिल होने जा रहे हैं. यह शरद पवार के लिए एक बड़ा झटका है.
गुलाबराव देवकर को जलगांव जिले और उत्तरी महाराष्ट्र की राजनीति में शरद पवार के अहम सहयोगी के रूप में जाना जाता है. एनसीपी में विभाजन के बाद भी देवकर शरद पवार के साथ रहे. दोनों के संयुक्त नेतृत्व में शरद पवार ने लोकसभा चुनाव में 10 सीटों पर चुनाव लड़ा और 80 की स्ट्राइक रेट से आठ सीटें जीती. हालांकि विधानसभा चुनाव में पार्टी वो करिश्मा नहीं कर सकी जिसकी उम्मीद जताई जा रही थी. ऐसे में पार्टी के बड़े नेताओं ने भी अगले पांच साल विपक्ष में बैठने की जगह ‘कमल’ थामने को तरजीह देना बेहतर समझा. हाल ही में देवकर ने बीजेपी कैबिनेट मंत्री गिरीश महाजन से मुलाकात की थी. अब चर्चा शुरू हो गई है कि इस मुलाकात के बाद वह बीजेपी में शामिल होंगे.
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद सियासी गलियारों में खबर थी कि देवकर अजित पवार के गुट में जा रहे हैं. इस बारे में देवकर ने कुछ स्थानीय नेताओं के साथ लंबी बैठकें भी की लेकिन, अजित पवार गुट के कुछ नेताओं के विरोध के चलते उनकी पार्टी में एंट्री नहीं हो पाई. अजित पवार गुट के दरवाजे बंद होने के बाद देवकर बीजेपी में शामिल होंगे.
शिंदे-अजित गुट है देवकर के खिलाफ
बता दें कि अजित पवार और शिंदे गुट दोनों देवकर के महायुति में आने के खिलाफ हैं. गुलाबराव देवकर की पार्टी में एंट्री की चर्चा पर एनसीपी अजित पवार गुट के जलगांव जिला अध्यक्ष संजय पवार ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा है कि देवकर की अभी अजित पवार से मुलाकात नहीं हुई है, उनके पार्टी में शामिल होने का फैसला पार्टी के वरिष्ठ नेता लेंगे. तो गुलाबराव देवकर किस पार्टी में जाएंगे, इसको लेकर तर्क-वितर्क किये जा रहे हैं. हालांकि गुलाबराव पाटिल ने स्टैंड ले लिया है कि देवकर चाहे किसी भी पार्टी में जाएं, वह हमारे विरोध में रहेंगे. शिंदे गुट के मंत्री गुलाबराव पाटिल भी इस बारे में अजित गुट से एकराय रखते हैं. ऐसे में देवकर की पार्टी में एंट्री को लेकर असमंजस की स्थिति बनती दिख रही है.