Maharashtra Election: जम्मू-कश्मीर और हरियाणा विधानसभा चुनाव के बाद अब सबकी नजरें महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा पर टिकी हुई है. दोनों राज्यों में चुनावी की भेरी बज चुकी है. तारीखों का ऐलान हो चुका है. महाराष्ट्र की 288 सीटों पर एक चरण में 20 नवंबर को मतदान होगा. 23 नवंबर को वोटों की गिनती की जाएगी. महाराष्ट्र की कुल 9 करोड़ 63 लाख मतदाता प्रदेश की अगली सरकार का चुनाव करेंगे. महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में बीजेपी, कांग्रेस, एनसीपी, एनसीपी-एसपी, शिवसेना व शिवसेना-यूबीटी सहित कुल 6 प्रमुख पार्टियों चुनावी मैदान में होंगी लेकिन प्रमुख मुकाबला महायुति और महविकास अघाड़ी गठबंधन के बीच है.
5 साल 3 सरकारें, अस्थिर रहा माहौल
महाराष्ट्र की राजनीति में बीते 5 साल काफी उथल पुथल वाले रहे हैं. 2019 में शिवसेना और बीजेपी के संयुक्त गठबंधन में चुनाव लड़ा गया लेकिन किन्हीं मुद्दों पर सहमति न बनने के बाद गठबंधन टूट गया. इसके बाद अप्रत्याशित तौर पर एनसीपी से रिश्ता तोड़ अजित पवार बीजेपी से जा मिले. सरकार बन गयी और देवेन्द्र फडणवीस राज्य के सीएम बन बैठे. हालांकि सरकार केवल दो दिन टिक पायी. एनसीपी के सारे विधायक वापिस शरद पवार के पास लौट गए और बाद में खुद अजित पवार भी. फिर बनी महाविकास अघाड़ी सरकार, जिसमें शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस शामिल हुए. उद्धव ठाकरे सीएम बने और अजित पवार डिप्टी सीएम.
यह भी पढ़ें: राजस्थान उपचुनाव का दंगल: गठबंधन नहीं हुआ तो 3 सीटों पर होगा त्रिकोणीय मुकाबला
कुछ महीनों बाद शिवसेना में टूट हुई और सरकार गिर गई. एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना के 40 विधायकों ने बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बना ली. शिंदे सीएम और फडणवीस डिप्टी सीएम बन गए. पिछले साल एनसीपी भी दो टुकड़ों में बंट गई. एक गुट अजित पवार का और दूसरा गुट शरद पवार का. अजित पवार ने महायुति से हाथ मिला लिया और तीसरी सरकार में तीसरी बाद डिप्टी सीएम बन गए.
महाविकास अघाड़ी बनाम महायुति
इसी साल हुए लोकसभा चुनाव के नतीजों ने महाराष्ट्र में सभी को चौंका कर रख दिया. महाविकास अघाड़ी का प्रदर्शन लोकसभा चुनाव में शानदार रहा तो वहीं महायुति का प्रदर्शन निराशाजनक रहा. अजित पवार की एनसीपी केवल एक सीट जीत पायी. सत्ताधारी महायुति 48 में से केवल 18 सीटों पर कमल खिला पायी. वहीं महाविकास अघाड़ी ने 30 सीटों पर कब्जा जमाया. कांग्रेस ने 13, उद्धव ठाकरे समर्थित शिवसेना ने 9 और शरद पवार की एनसीपी ने 8 सीटों पर विजयी पताका फहरायी.
हरियाणा विस चुनाव के परिणामों से कांग्रेस को झटका जरूर लगा है लेकिन महाराष्ट्र में जनता की सहानुभूति उद्धव ठाकरे और शरद पवार के साथ मानी जा रही है. यहां वर्तमान में कांग्रेस विपक्ष की सबसे बड़ी पार्टी है. अब विधानसभा चुनाव में महाविकास अघाड़ी और महायुति में कौन बाजी मारती है, यह देखना काफी दिलचस्प होने वाला है.