तुरंत बदला जाए विधानसभा में लगे मदेरणा के स्टैच्यू को- दिव्या ने की सीपी से मांग, जानें क्या है मामला

राजस्थान विधानसभा में बने नवनिर्मित राजनैतिक आख्यान डिजिटल संग्रहालय के लोकार्पण के बाद 14 नवंबर को स्कूली बच्चों के लिए खुल जाएगा म्यूजियम, लेकिन म्यूजियम में लगे स्टैच्यू पर उठने लगे सवाल, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे द्वारा अपने स्टैच्यू पर सवाल उठाने के बाद अब दिव्या मदेरणा ने अपने दादा परसराम मदेरणा के स्टैच्यू पर उठाए सवाल

दिव्या ने लिखा सीपी जोशी को पत्र!
दिव्या ने लिखा सीपी जोशी को पत्र!

Political Narratives Digital Museum/Divya Maderna. 16 जुलाई को राजस्थान विधानसभा में बने नवनिर्मित राजनैतिक आख्यान डिजिटल संग्रहालय के लोकार्पण के बाद अब ये संग्रहालय 14 नवंबर को स्कूली बच्चों के लिए खुल जाएगा. बाद में इसे आम जनता के लिए भी खोलने की योजना बनाई गई है. लेकिन इससे पहले ही इस संग्राहलय में लगाई गई राजस्थान के दिग्गज नेताओं के लगाए गए सिलिकॉन स्टैच्यू पर सियासत गरमा गई है. सूबे की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे द्वारा विधासनभा में लगाए गए अपने स्टैच्यू की बनावट पर सवाल उठाने के बाद अब ओसियां विधायक दिव्या मदेरणा ने अपने दादा एवं पूर्व विधानसभा अध्यक्ष परसराम मदेरणा के स्टैच्यू को लेकर सवाल खड़े किए हैं. दिव्या मदेरणा ने कहा कि, ‘यह मूर्ति सूक्ष्म रूप से भी स्वर्गीय परसराम मदेरणा से मिलती जुलती नहीं है. इसे तुरंत बदला जाए.’

राजस्थान विधानसभा में प्रदेश के 70 साल की ऐतिहासिक राजनीतिक यात्रा और संस्कृति से रूबरू कराने वाले डिजिटल म्यूजियम को 14 नवंबर बाल दिवस से बच्चों के लिए खोल दिया जाएगा. जुलाई में लोकार्पण के बाद शुरू होने वाले इस संग्रहालय में प्रदेश के सभी मुख्यमंत्रियों और विधानसभा अध्यक्षों के सिलिकॉन से बने स्टैच्यू लगाए गए हैं. एक माह तक स्कूली और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए नि: शुल्क प्रवेश रहेगा. डिजिटल म्यूजियम सप्ताह में एक दिन बंद रहेगा. लेकिन म्यूजियम के खुलने के साथ ही म्यूजियम में लगे राजनेताओं के सिलिकॉन के के स्टैच्यू पर सियासत गर्म हो गई है. सूबे की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पहले ही अपने स्टैच्यू को लेकर सवाल खड़े कर चुकी है तो अब पूर्व विधानसभा अध्यक्ष परसराम मदेरणा की पौत्री और ओसियां से विधायक दिव्या मदेरणा ने भी इस सिलसिले में सवाल खड़े किए हैं.

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शुक्रवार देर रात दिव्या मदेरणा ने विधानसभा के डिजिटल म्यूजियम में लगी अपने दादा परसराम मदेरणा की मूर्ति की तस्वीर को साझा करते हुए ट्वीट करते हुए लिखा कि, ‘स्वर्गीय परसराम मदेरणा जी से प्रतिमा सूक्ष्म रूप से भी मिलती-जुलती नहीं है. मैं इस बारे में सीपी जोशी जी को लिखूंगी और उन से अनुरोध करूंगी की प्रतिमा को तुरंत बदल दिया जाए. मुझे इस बात का ध्यान है कि मूर्तिकला में हम किसी तस्वीर के प्रारूप तक पूर्ण रूप से नहीं पहुंच सकते हैं, परंतु परसराम जी की इस मूर्ति में बिल्कुल भी समानता नहीं है.’ अपने इस ट्वीट में दिव्या ने विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी को भी टैग किया है.

इससे पहले प्रदेश की दिग्गज भाजपा नेता एवं सूबे की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने भी मूर्तियों के स्वरूप पर सवाल खड़े किए थे. राष्ट्रपति चुनाव के समय जब म्यूजियम का काम चल रहा था तब मैडम राजे ने विधानसभा के अधिकारियों के साथ इस संग्रहालय का दौरा किया था. सिलिकॉन से बने स्टेचू को लेकर वसुंधरा राजे ने तब वहां मौजूदा अधिकारियों से पूछा था कि यह मेरी प्रतिमा है क्या?, तो अधिकारियों ने हां… में जवाब दिया. लेकिन जब पूर्व मुख्यमंत्री ने पूछा क्या यह प्रतिमा मेरी जैसी दिखाई दे रही है, तो अधिकारी भी लाजवाब हो गए.’ वसुंधरा राजे की आपत्ति के बाद विधानसभा में उनकी मूर्ति को बदलने का फैसला लिया गया था, जिसे कुछ ही दिनों में बदल दिया जाएगा. लेकिन सवाल ये है कि क्या दिव्या मदेरणा की मांग के बाद उनके दादा परसराम मदेरणा का स्टैच्यू भी बदला जाएगा. क्योंकि पिछले कुछ दिनों की बात की जाए तो दिव्या मदेरणा कुछ मुद्दों को लेकर अपनी ही सरकार के खिलाफ हमलावर है.

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राजस्थान विधानसभा परिसर में बने राजनैतिक आख्यान संग्रहालय में 14 नवंबर से 1 महीने के लिए बच्चों को निशुल्क प्रवेश दिया जाएगा. स्मार्ट सिटी लिमिटेड (जेएससीएल) के बनाए इस संग्रहालय का 16 जुलाई 2022 को भारत के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एन. वी. रमणा ने उद्घाटन किया था. 26 हजार स्क्वॉयर फीट में बने इस विशाल संग्रहालय में अत्याधुनिक तकनीकी से राजस्थान की गौरवमयी गाथा और राजनैतिक आख्यानों को प्रस्तुत किया गया है. संग्रहालय में मुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष, निर्वाचन क्षेत्र और विधायक गणों के बारे में जानकारी भी प्रदर्शित की गई हैं. मंत्रिमंडल, विपक्ष के नेता और अन्य जनप्रतिनिधियों की भूमिका को प्रदर्शित करता यह संग्रहालय पूरे देश में अनूठा उदाहरण है. म्यूजियम की विषय वस्तु हिन्दी और अंग्रेजी भाषाओं में है. टच स्क्रीन के माध्यम से भाषा का चयन किया जा सकता है.

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