केंद्र सरकार की सिफारिश पर 17वीं लोकसभा का मौजूदा सत्र 7 अगस्त तक बढ़ा दिया गया है. संसदीय मामलों की कैबिनेट समिति ने 7 अगस्त तक संसद सत्र बढ़ाने का फैसला किया है.  सदन सत्र के बढ़ने के संकेत मंगलवार को हुई भाजपा की संसदीय बोर्ड की बैठक में पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने पहले ही दे दिए थे. हालांकि कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी पार्टियों ने सत्र की अवधि बढ़ाने का विरोध किया. संसद का मौजूदा बजट और मानसून सत्र 17 जून से शुरू हुआ था. इसका समापन कल 26 जुलाई को होना था. पॉलिटॉक्स अपनी विशेष रिपोर्ट में पहले ही बता चुका है कि संसद सदन का सत्र 10 से 15 दिनों के लिए बढ़ाया जा सकता है.

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सदन के सत्र को बढ़ाने के पीछे सरकार की एक खास मंशा भी छिपी है. सरकार को आशंका है कि स्थायी समितियों का गठन होने के बाद विधेयकों को पारित कराने में देर लगेगी और विवादास्पद विधेयक पारित होना मुश्किल हो सकता है. सरकार इस परिस्थिति का लाभ उठाते हुए कम से कम 26 विधेयक पारित कराना चाहती है. इनमें तीन तलाक विधेयक भी शामिल है. बता दें, नई लोकसभा का गठन होने के बाद अब तक संसद की स्थायी समितियों का गठन नहीं हो पाया है.

वहीं लोकसभा में कांग्रेस के मुख्य सचेतक के सुरेश ने कहा कि उनकी पार्टी संसद सत्र की अवधि बढ़ाने के सख्त खिलाफ है. संसद का सत्र बढ़ाने का कार्य सरकार का विशेषाधिकार नहीं माना जा सकता. नई लोकसभा के पहले सत्र में बजट ओर वित्त विधेयक पारित होने का कार्य संपन्न हो चुका है.

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