आखिरकार कर’नाटक’ का मंचन आज पूरा हो गया और जेडीएस-कांग्रेस के गठबंधन वाली कुमारस्वामी सरकार गिर गई. विश्वासमत के दौरान मंगलवार की शाम को वोटिंग में कुमारस्वामी सरकार के पक्ष में सिर्फ 99 वोट ही पड़े, जबकि विपक्ष में 105 वोट पड़े. इस तरह 6 वोट के अंतर से कुमारस्वामी सरकार गिर गई.
कर्नाटक विधानसभा में सदस्यों की कुल संख्या 224 है. इनमें से सिर्फ 204 विधानसभा सदस्यों ने वोट किया. उनमें से 99 ने विश्वासमत के पक्ष में वोट किया जबकि 105 ने विपक्ष में वोट किया. जबकि 20 सदस्य वोटिंग के दौरान गैर-हाजिर रहे. इनमें 16 बागी, एक कांग्रेस, दो निर्दलीय और एक बसपा विधायक की अनुपस्थिति के चलते बहुमत 103 मतों पर था लेकिन इसे प्राप्त करने में कुमारस्वामी 4 वोट से पीछे रह गए.
कांग्रेस और जेडीएस के गठबंधन से बनी कुमारस्वामी सरकार 14 महीने ही चल पाई. कुमारस्वामी की सरकार 23 मई, 2018 को बनी थी लेकिन यह 23 जुलाई 2019 को गिर गई.
इससे पहले कर्नाटक विधानसभा में आज विश्वासमत पर चर्चा के दौरान एचडी के ने कहा कि कहा कि उनके बारे में नकारात्मक रिपोर्ट्स से वे काफी आहत हुए. इस बारे में आगे बोलते हुए मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने कहा कि उन्होंने एक ऐसी सरकार चलाई जिस पर लगातार गिरने का संकट मंडरा रहा था. उन्होंने सरकार बचाने के लिए काफी जद्दोजहद की क्योंकि सदन के सदस्यों ने उनसे इसकी अपील की थी.
कर्नाटक विधानसभा में बहुमत को लेकर चल रही बहस के दौरान मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने खुद को राज्य का एक्सीडेंटल सीएम बताते हुए कहा- ऐसा लगा जैसे एक्सीडेंटल सीएम हूं. उन्होंने आगे कहा- मैं अथॉरिटीज को धन्यवाद करना चाहता हूं जिन्होंने निश्चित समय-सीमा के साथ काम किया.
कर्नाटक में कांग्रेस और जनता दल (सेक्यूलर) की गठबंधन सरकार गिरने के बाद बीजेपी के दफ्तर में जश्न का माहौल है. अब बीजेपी कर्नाटक में सरकार बनाने की तैयारी में है. माना जा रहा है कि बीजेपी अध्यक्ष बीएस येदियुरप्पा कर्नाटक के नए मुख्यमंत्री बन सकते हैं. इसके लिए बीजेपी अगले 2 दिनों में राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश कर सकती है.
बता दें, वर्तमान में देश के 16 राज्यों में बीजेपी की सरकार मौजूद है. कर्नाटक में सरकार बनने पर यह 17वां राज्य होगा जहां बीजेपी की सरकार बनेगी.