Politalks.News/Madhya Pradesh. राज्य में 28 सीटों पर होने वाले उपचुनावों में खासतौर पर ग्वालियर-चंबल क्षेत्र की 16 सीटों पर अपना कब्जा जमाने के लिए मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं. कमलनाथ ने सियासी दांव खेलते हुए पहले जहां ज्योतिरादित्य सिंधिया के जिगरी दोस्त माने जाने वाले सचिन पायलट से इस क्षेत्र में चुनाव प्रचार के लिए आग्रह किया वहीं अब इस संबंध में कमलनाथ ने प्रियंका गांधी को ग्वालियर-चंबल की कुछ सीटों पर रोड शो करने का आग्रह किया है. दरअसल कमलनाथ चाहते हैं कि सिंधिया के सामने युवा चेहरों को स्टार प्रचारक आए. जिससे युवा मतदाताओं को कांग्रेस के पक्ष में मतदान करने के लिए आकर्षित किया जा सके.
कमलनाथ की विशेष मांग पर कांग्रेस की तरफ से प्रियंका गांधी का कार्यक्रम कुछ इस तरह से तैयार किया जा रहा है कि 1 तीर से 2 निशाने साधे जा सके. प्रियंका गांधी दतिया जिले में स्थित पीतांबरा देवी के दर्शन के लिए मध्यप्रदेश आएंगी. चूंकि पीतांबरा पीठ ग्वालियर-चंबल संभाग में आता है, इस दौरान वह यहां स्थानीय नेताओं से मुलाकात करेंगी और रोड शो भी करेंगी. दरअसल, उपचुनाव से पहले कांग्रेस कार्यकर्ताओं की कमी के साथ ही भरोसे के संकट से भी जूझ रही है. यही वजह है कि माहौल बनाने के लिए कांग्रेस अब बड़े युवा चेहरों को प्रचार में उतारने की तैयारी में है. यही वजह है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के गढ़ में कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी प्रचार करेंगी.
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प्रियंका गांधी ग्वालियर-चंबल के इलाके में पितांबरा देवी के दर्शन के बहाने आ रही हैं. प्रियंका अपने एमपी दौरे के दौरान राजस्थान के रास्ते प्रदेश में प्रवेश करेंगी. अभी तक की जानकारी के अनुसार प्रियंका गांधी का कार्यक्रम मुरैना, ग्वालियर और डबरा होते हुए दतिया पहुंचने का है. इस तरह प्रियंका गांधी अपने दौरे के दौरान 6 विधानसभा क्षेत्रों से होते हुए दतिया स्थित पितांबरा पीठ पहुंचेंगी. इस दौरान वह रास्ते में कांग्रेस कार्यकर्ताओं से मिलते हुए आएंगी. इन सभी छह विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव है. ऐसे में प्रियंका गांधी का यहां रोड शो काफी मायने रखता है. क्योंकि इस इलाके में महाराज सिंधिया का अच्छा-खासा प्रभाव है.
आपको बता दें, गांधी परिवार मां पीतांबरा के दर्शन के लिए पीढ़ियों से हाजिरी लगाता आया है. पूर्व प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी यहां दर्शन के लिए आ चुके हैं. 2018 के विधानसभा चुनाव में राहुल गांधी ने भी पितांबरा देवी से आशीर्वाद लेकर चुनावी अभियान की शुरुआत की थी. ग्वालियर-चंबल में मजबूत नेतृत्व के संकट से जूझ रही कांग्रेस को प्रियंका गांधी से नई उम्मीद है. हालांकि अभी प्रियंका के आने की तारीख पक्की नहीं हुई है.
दूसरी तरफ गांधी परिवार यह कैसे भूल सकता है कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार ज्योतिरादित्य सिंधिया की वजह से ही गिरी है. यही नहीं सिंधिया ने कांग्रेस छोड़ने के बाद गांधी परिवार पर कई आरोप भी लगाए थे. अब कांग्रेस भी सिंधिया से उसी हिसाब को चुकता करने लिए प्रियंका को उनके क्षेत्र में उतारने की तैयारी कर रही है. हालांकि ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस छोड़ने के बाद प्रियंका गांधी ने कभी उनके ऊपर सीधा हमला नहीं किया है. इस उपचुनाव में बीजेपी से ज्यादा ज्योतिरादित्य सिंधिया की प्रतिष्ठा दांव पर है. सिंधिया का प्रभुत्व सबसे ज्यादा ग्वालियर-चंबल संभाग में ही है. ऐसे में प्रियंका गांधी सिंधिया के लिए बड़ी चुनौती बन सकती हैं.
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कांग्रेस किस मुंह से सचिन पायलट को प्रचार के लिए बुला रही है- बीजेपी
कमलनाथ ने इस इलाके में चुनाव प्रचार के लिए राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट को भी न्यौता भेजा है और सचिन ने प्रचार के लिए सहमति भी दे दी है. वहीं सचिन पायलट द्वारा प्रचार को लेकर बीजेपी ने कांग्रेस पर जमकर हमला बोला है. बीजेपी प्रवक्ता ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि पार्टी के पास मध्य प्रदेश में अब कोई भी प्रभावशाली नेता नहीं है. इसलिए प्रचार में दूसरे राज्यों और देश के अन्य नेताओं की मदद ली जा रही है. इसके साथ ही भाजपा का कहना है कि राजस्थान में कांग्रेस ने जिस नेता का अपमान किया, अब उसको यहां प्रचार के लिए बुला रही है. आखिर कांग्रेस किस मुंह से सचिन पायलट को प्रचार के लिए बुला रही है.
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प्रियंका गांधी के आने से बीजेपी को कोई फर्क नहीं पड़ेगा – मध्यप्रदेश भाजपा
ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक और एमपी बीजेपी नेताओं का कहना है कि प्रियंका गांधी और सचिन पायलट के आने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा. देश में कांग्रेस नेतृत्व की कमी से जूझ रही है. राहुल गांधी अपनी परंपरागत सीट हार गए हैं, वह क्या नेतृत्व करेंगे. यूपी में प्रियंका गांधी भी कई बार घूमी हैं, क्या परिणाम आया है. ऐसे में एमपी तो क्या पूरे देश में भी कोई फर्क नहीं पड़ेगा, ग्वालियर-चंबल की 16 सीटें हम जीतेंगे.