कलराज मिश्र हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल नियुक्त कर दिए गए हैं. यह शुरूआत है. जल्दी ही कई राज्यों में नए राज्यपालों की नियुक्ति होने वाली है. अगले तीन महीनों में कई राज्यपालों के पद खाली होने वाले हैं. अगर मोदी सरकार छत्तीसगढ़ और मिजोरम में राज्यपाल नियुक्त करने का फैसला करती है और आंध्र प्रदेश व तेलंगाना में अलग-अलग राज्यपाल नियुक्त करने का फैसला होता है तो करीब एक दर्जन नए राज्यपाल नियुक्त करने की जरूरत होगी.
राष्ट्रपति भवन की विज्ञप्ति के अनुसार हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल आचार्य देवव्रत का तबादला गुजरात कर दिया गया है, जहां वह ओपी कोहली की जगह राज्यपाल का पदभार संभालेंगे. ओपी कोहली रिटायर हो चुके हैं. मोदी सरकार 75 साल की उम्र कर चुके वरिष्ठ नेताओं को राज्यपाल के पद पर समायोजित कर सकती है. हिमाचल प्रदेश में आचार्य देवव्रत की जगह कलराज मिश्र को राज्यपाल नियुक्त किया गया है. कलराज मिश्र की उम्र 78 साल है. उन्होंने पिछला लोकसभा चुनाव नहीं लड़ा था.
मौजूदा राज्यपालों में इक्काडु श्रीनिवासन लक्ष्मी (ईएसएल) नरसिंहन एकमात्र राज्यपाल हैं, जिनकी नियुक्ति मनमोहन सिंह की यूपीए सरकार ने की थी. वह आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के राज्यपाल हैं. मोदी सरकार उन्हें एक और कार्यकाल देगी या नहीं, इसमें संशय है. अगर उनको हटाया गया तो उनकी जगह पुड्डुचेरी की उप राज्यपाल किरण बेदी को राज्यपाल बनाया जा सकता है.
अगले महीनों में रिटायर होने वाले राज्यपालों में पश्चिम बंगाल के केशरीनाथ त्रिपाठी, राजस्थान के कल्याण सिंह, गोवा की मृदुला सिन्हा, महाराष्ट्र के विद्यासागर राव, नगालैंड के पीबी आचार्य, उत्तर प्रदेश के राम नाइक शामिल हैं. जो नए राज्यपाल बनेंगे उनमें सुषमा स्वराज, अरुण जेटली, विजय चक्रवर्ती, करिया मुंडा, भगत सिंह कोश्यारी, उमा भारती, बंडारू दत्तात्रेय, शांता कुमार, मुरली मनोहर जोशी के नाम शामिल हो सकते हैं.
बीजेपी के कई उम्रदराज नेता सक्रिय राजनीति में नहीं रह गए हैं. वे सरकार की आलोचना भी कर सकते हैं. वरिष्ठ नेताओं के बीच चलने वाली इस तरह की फुसफुसाहट को रोकने के लिए मोदी सरकार कई नेताओं को राज्यपाल बनाने की तैयारी कर रही है.