Politalks.news/Haryana. हरियाणा के सोनीपत में सामने आए हाईलेवल शराब घोटाले में डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला और गृहमंत्री अनिल विज की खींचतान अब जगजाहिर हो चुकी है. अनिल विज की रिपोर्ट के अनुसार, एक्साइज विभाग की लापरवाही व पुलिस की ढिलाई के चलते पंजाब व अन्य पड़ोसी राज्यों से शराब की तस्करी हुई है. दो हजार पन्नों की इस रिपोर्ट को गृह सचिव ने गृहमंत्री को सौंप दिया है. गृह मंत्री विज ने मामले की जांच के लिए गठित स्पेशल इन्क्वायरी टीम (SET) की रिपोर्ट को मानते हुए विजिलेंस जांच कराने और FIR दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं. इधर दुष्यंत चौटाला ने SET की सिफारिशों और तथ्यों को खारिज कर दिया है. इस मामले पर मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर का पहला बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि हर दोषी पर कार्रवाई की जाएगी. किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा.
फरीदाबाद में एक स्कूल के उद्घाटन के बाद पत्रकारों से बातचीत के दौरान सीएम खट्टर ने कहा कि भ्रष्टाचार किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. शराब घोटाले की जांच में जिसका भी नाम सामने आएगा उस पर कार्रवाई होगी. डिप्टी सीएम द्वारा रिपोर्ट का खंडन करने पर उन्होंने कहा कि किसी के मानने या नहीं मानने से व्यवस्थाएं नहीं चलतीं हैं. गृह विभाग को विशेष जांच दल की टीम ने जांच रिपोर्ट सौंपी है. अब रिपोर्ट के आधार पर आगे की जांच की जाएगी.
दरअसल, कोरोना वायरस संक्रमण के दौरान लगाए गए लॉकडाउन में हरियाणा के सोनीपत में सामने आए हाईलेवल के शराब घोटाले में बड़े खुलासे हुए हैं. मामले में हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज के मुताबिक, ‘एसईटी की जांच में सामने आया है कि शराब की तस्करी पंजाब व अन्य पड़ोसी राज्यों से हुई. 2011-12 से यह एक्साइज विभाग की लापरवाही व पुलिस की ढिलाई के चलते ऐसा हो रहा है.’
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दरअसल, लॉकडाउन के दौरान हरियाणा के बहुचर्चित शराब घोटाले में विशेष जांच दल की रिपोर्ट एक बार फिर कार्रवाई की सिफारिश के साथ गृह मंत्री अनिल विज के पास पहुंच गई है. 31 जुलाई को एसईटी ने अपनी रिपोर्ट गृह मंत्री अनिल बिज को सौंपी है. करीब दो हजार पन्नों की रिपोर्ट पलटने के बाद गृह मंत्री ने रिपोर्ट गृह सचिव को भेज कर यह पूछा था कि यह बताया जाए कि कार्रवाई किन बिंदुओं पर की जाए. अब इस मामले में गृह सचिव ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है और रिपोर्ट गृह मंत्री के पास पहुंच गई है. इस पर गृह मंत्री अनिल विज ने मामले की जांच के लिए गठित स्पेशल इन्क्वायरी टीम (SET) की रिपोर्ट को मानते हुए विजिलेंस जांच कराने और FIR दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं.
वहीं दूसरी ओर, हरियाणा के उपमुख्यमंत्री और उत्पाद मंत्री दुष्यंत चौटाला ने इस रिपोर्ट का खंडन किया है, साथ ही SET की सिफारिशों और तथ्यों को भी खारिज कर दिया है. इसके बाद जजपा प्रमुख दुष्यंत चौटाला और बीजेपी नेता अनिल विज आमने सामने आ गए हैं.
अनिल विज पर निशाना साधते हुए दुष्यंत चौटाला ने कहा कि गृह मंत्री को इस बात की जांच करनी चाहिए कि उनके विभाग ने उस वाहन चालक के खिलाफ जांच क्यों नहीं की, जिसके खिलाफ 14 एफआईआर दर्ज हैं और SET ने अपनी रिपोर्ट में उसे निशाने पर लिया है.
चौटाला ने आगे कहा, ‘लोग मेरे विभाग के अनुपालन के बारे में बात करते हैं जबकि SET 14 एफआईआर के बारे में बात करती है जो पहले से पंजीकृत हैं. इनमें ज्यादातर वे शामिल हैं जो मेरे आबकारी मंत्री बनने और पदभार संभालने से पहले से पंजीकृत किए गए हैं. आबकारी विभाग का उद्देश्य ऐसी विसंगतियों को पकड़ना है और संबंधित अधिनियम के तहत पुलिस को मामला सौंपना है. साथ ही यह बताया जाना चाहिए कि उन एफआईआर में क्या कार्रवाई की गई? क्या यह पुलिस की अक्षमता नहीं है कि वे वाहनों के चालक (अवैध शराब ले जाने) से आगे की जांच नहीं कर सकते हैं? क्या यह पुलिस की अक्षमता नहीं है कि आज तक जांच अधिकारी या पुलिस उपाधीक्षक या उन एफआईआर की जांच करने वाला कोई अन्य अधिकारी एक कदम भी आगे नहीं बढ़ सका?‘
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राज्य के पुलिस विभाग पर हमला बोलते हुए चौटाला ने कहा, ‘हमारा जनादेश बहुत स्पष्ट है. यदि ऐसा कोई अवैध व्यापार है, तो हम इसे पकड़ सकते हैं. यदि आबकारी की चोरी होती है तो हम एफआईआर दर्ज कर सकते हैं और पुलिस को सौंप सकते हैं, लेकिन जिस तरह से बार-बार पुलिस की अक्षमता आबकारी विभाग को निर्देशित की जा रही है, मैं मौजूदा गृह मंत्री के बारे में बात नहीं करता, लेकिन मैं मानता हूं कि अतीत में भी (एसईटी की रिपोर्ट के अनुसार) पुलिस की जिम्मेदारी अधिक है जो अपना कर्तव्य निभाने में विफल रही.’
दुष्यंत चौटाला ने ये भी कहा कि कई मामलों पर SET ने टिप्पणी की है लेकिन उनमें से कई मामलों में सही तरीके से जांच नहीं की है. 22 जिलों में शराब दुकानों की बंदी ऑन रिकॉर्ड है. डिप्टी सीएम चौटाला ने कहा मामले में निष्पक्ष एवं और अच्छे तरीके से जांच की मांग की है.