Politalks.News/Rajasthan. प्रदेश में जारी सियासी घमासान के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत लगातार जयपुर में विभागों की समीक्षा बैठक कर जनहित के फैसले ले रहे हैं. सचिन पायलट के विभाग रहे PWD की समीक्षा बैठक के दौरान सीएम गहलोत ने कहा कि सर्वाधिक खराब सड़कों की मरम्मत एवं उन्नयन के कार्य सर्वोच्च प्राथमिकता के आधार पर किए जाएं. ऐसा सिस्टम तैयार किया जाए कि प्रतिवर्ष सर्वे कर उन सड़कों की सूची बने, जिनकी मरम्मत की तत्काल आवश्यकता हो और उन कार्यों को प्राथमिकता से लिया जा सके.
वहीं कोरोना संक्रमण की स्थिति की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री गहलोत ने निर्देश दिए कि कोरोना संक्रमण की जांच के लिए एन्टीजन आधारित रेपिड टेस्ट की बजाय आरटी-पीसीआर जैसे भरोसेमन्द टेस्ट किट से ही जांच की जाए. राज्य सरकार प्रदेश की जनता की जिन्दगी और मौत के सवाल पर सस्ते एन्टीजन टेस्ट किट का इस्तेमाल नहीं करेगी, क्योंकि विशेषज्ञों ने इस किट की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए हैं.
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शनिवार को मुख्यमंत्री आवास पर वीसी के माध्यम से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में हुई सार्वजनिक निर्माण विभाग की समीक्षा बैठक में सभी जिलों के मुख्य अभियंता, अति. मुख्य अभियंता एवं अधीक्षण अभियंता जुड़े रहे. इस दौरान मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा किबअच्छी एवं गुणवत्तापूर्ण सड़कें बनें यह राज्य सरकार की प्राथमिकता में है. सीएम गहलोत ने कहा कि कोविड-19 संक्रमण के कारण प्रदेश के राजस्व संकलन में कमी जरूर आई है, लेकिन राज्य सरकार सड़क विकास के कार्यों में कोई कमी नहीं आने देगी.
इसके साथ ही मुख्यमंत्री गहलोत ने पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारियों एवं अभियंताओं को सड़कों की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए. जिन सड़कों के कार्य अभी लम्बित चल रहे हैं, उन्हें पूरा करने पर भी ध्यान दिया जाए. ग्रामीण क्षेत्रों में बनने वाले विकास पथ में भी गुणवत्ता का पूरा ध्यान रखा जाए.
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इससे पहले मुख्यमंत्री आवास पर ही प्रदेश में कोरोना संक्रमण की स्थिति की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री गहलोत ने निर्देश दिए कि प्रदेश में कोरोना के इलाज के लिए प्लाज्मा थैरेपी को बड़े स्तर पर अपनाया जाए. सीएम गहलोत ने सुझाव दिया कि इसके लिए इलाज के बाद स्वस्थ हो चुके मरीजों को प्लाज्मा डोनेशन के लिए प्रेरित करने के लिए पूरे प्रदेश में आंदोलन के रूप में अभियान चलाया जाए. राज्य सरकार के इस महामारी से लोगों का जीवन बचाने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए प्लाज्मा थैरेपी को थीम बनाकर काम करना होगा.
मुख्यमंत्री गहलोत ने आगे कहा कि आम लोगों के बीच बन रही धारणा चिंतनीय है कि कोरोना संक्रमण के खिलाफ लड़ाई में कोई ढिलाई आ गई है. अधिकारियों को कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए पूरी सर्तकता और सख्ती बरतने के निर्देश दिए. आने वाले दिनों में किसी गंभीर स्थिति का सामना करने से पहले ही हमें आम लोगों को संक्रमण से बचाव के लिए जागरूक करना होगा तथा हर संक्रमित व्यक्ति तक स्वास्थ्य सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करनी होगी.
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बैठक में चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने जानकारी दी कि प्रदेश में कोरोना से मृत्युदर 1.53 प्रतिशत है, जो राष्ट्रीय औसत 2.1 प्रतिशत से काफी कम है. इस पर मुख्यमंत्री गहलोत ने मृत्युदर को और अधिक घटाने के लक्ष्य पर काम करने का सुझाव दिया और कहा कि संक्रमित व्यक्तियों की संख्या बढ़ने के बावजूद यदि मृत्युदर नियंत्रित रहती है, तो यह बड़ी उपलब्धि होगी. कोरोना से होने वाली सभी मौतों का जिलेवार ऑडिट कर विभिन्न जिला अस्पतालों और छोटे शहरों में कोरोना के इलाज कर रहे डॉक्टरों को इलाज के लिए विशेषज्ञों द्वारा सुझाए गए प्रोटोकॉल के बारे में प्रशिक्षित करने का सुझाव भी मुख्यमंत्री गहलोत ने दिया.