जम्मू-कश्मीर के पुनर्गठन के फैसले के बाद पहली बार जुमे की नमाज के दौरान हजारों लोग घरों से बाहर निकले. सरकारी सूत्रों के अनुसार हजारों लोगों ने शांतिपूर्वक जुमे की नमाज में भाग लिया. श्रीनगर में करीब 18 हजार, बडगाम में करीब 7500, अनंतनाग में करीब 11 हजार लोग जुमे की नमाज के लिए घरों से बाहर निकले.

समाचार एजेंसी रायटर की रिपोर्ट है कि श्रीनगर में विरोध प्रदर्शन के लिए कम से कम 10 हजार लोग जुटे थे. उनके विरोध को शांत करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस और पैलेट गन का इस्तेमाल किया. पैलेट गन से घायल करीब 12 लोग अस्पताल में भर्ती हैं. जुमे की नमाज के बाद राज्य के पुनर्गठन के फैसले के बाद यह पहला बड़ा विरोध प्रदर्शन था. गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर को लद्दाख से अलग करने और धारा 370, 35-ए हटाने के फैसले के एक हफ्ता पहले से कश्मीर घाटी में निषेधाज्ञा लगी हुई है. करीब 500 स्थानीय नेता हिरासत में ले लिए गए हैं. फोन और इंटरनेट सेवाएं बंद हैं. इलाका देश के बाकी हिस्से से कटा हुआ है.

प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि नमाज के लिए छोटे समूहों में निकलने और मोहल्लों की मस्जिदों में नमाज अदा करने की अनुमति दी गई थी. जामिया मस्जिद और हजरतबल में सामूहिक रूप से नमाज की अनुमति नहीं दी गई थी. आम तौर पर विरोध प्रदर्शनों का सिलसिला इन्हीं मस्जिदों से शुरू होता है. श्रीनगर में सार्वजनिक रूप से नमाज अदा करने के लिए तीन प्रमुख मस्जिदें हैं. नमाज के लिए इन मस्जिदों में पहुंचे नमाजी आशंकित थे कि रास्ते में पथराव का सिलसिला शुरू न हो जाए. सुरक्षित घर लौटेंगे या नहीं.

कश्मीर के घटनाक्रम के मद्देनजर पाकिस्तान अलग बौखलाया हुआ है. वह अंतरराष्ट्रीय मंच पर यह मुद्दा उठाना चाहता है. वह इस मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में भी ले जाना चाहता है. पाकिस्तान ने एकतरफा फैसला करते हुए है दोनों देशों के बीच व्यापार और परिवहन रोक दिया है. भारत ने स्पष्ट किया है कि धारा 370 लगाना या हटाना उसका अधिकार है और इस पर कोई अन्य देश दखल नहीं दे सकता. भारत पूरा प्रयास करेगा कि यूएनएससी के अध्यक्ष पाकिस्तान के आवेदन पर ध्यान न दें.

भारत-पाकिस्तान के लोगों के लिए जो आखिरी थार एक्सप्रेस चल रही थी, उसको भी बंद करने का फैसला हो गया है. पाकिस्तान के रेल मंत्री रशीद अहमद ने शुक्रवार को बताया कि दोनों देशों के बीच चलने वाली सबसे पुरानी ट्रेन थार एक्सप्रेस की सेवाएं शुक्रवार आधी रात से निलंबित कर दी गई हैं. इस तरह भारत लौटने वाले कई भारतीय पाकिस्तान में ही अटक गए हैं.

भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव के मद्देनजर नौसेना भी अलर्ट है. मुंबई में एक बार पाकिस्तान के आतंकी समुद्री रास्ते से प्रवेश कर हमला कर चुके हैं. सूत्रों के मुताबिक मुंबई के तटवर्ती समुद्र में दो लाख से ज्यादा छोटी नौकाएं होती हैं. इन सभी नौकाओं में एआईएस (आटोमेटिक आइडेंटिफिकेशन सिस्टम) नहीं होता है. इसलिए इन सभी नौकाओं की निगरानी करना नौसेना और तटरक्षक बल के लिए चुनौती का काम है.

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