Politalks.News/Rajasthan. गुलाबी नगर जयपुर पिछले कुछ महीनों से पॉलिटिकल टूरिज्म का सेंटर बना हुअ है. कुछ महीनों पहले राजस्थान की सरकार बचाने के लिए कांग्रेस विधायकों की बाड़ाबंदी और इससे पहले मध्यप्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र के विधायकों को जयपुर में जमा किया गया. विधायकों के बाद अब पार्षदों की बाड़ाबंदी भी जयपुर के रिसोर्ट और होटल्स में की जा रही है. पार्षदों में सेंध लगने के डर से ऐसा किया जा रहा है. जयपुर हेरिटेज और जयपुर ग्रेटर के बाद बीती रात कोटा दक्षिण के 40 पार्षदों को भी जयपुर शिफ्ट किया गया है. इन सभी को खासा कोठी स्थित एक होटल में ठहराया गया है जहां टाइट सिक्यूरिटी रखी गई है. कोटा उत्तर के भी कांग्रेस पार्षदों के शाम तक पहुंचे की संभावना है. पार्टी नेताओं ने भी इस बात के संकेत दिए हैं. कांग्रेस पार्षदों के साथ कुछ निर्दलीय पार्षदों के भी आने की उम्मीद की जा रही है.
बता दें, जोधपुर उत्तर और कोटा उत्तर में कांग्रेस का बोर्ड बनना तय है जबकि जयपुर ग्रेटर और जोधपुर दक्षिण में बीजेपी को स्पष्ट बहुमत है. जयपुर हैरिटेज और कोटा दक्षिण में टक्कर कांटे की है और निर्दलीयों के हाथ में सरकार बनाने की चाबी है. जयपुर ग्रेटर में बीजेपी के पास बहुमत के अलावा 13 पार्षद अधिक हैं. इसके बावजूद कांग्रेस ने जयपुर ग्रेटर में अपना बोर्ड बनाने का दावा किया है. कांग्रेस ने इसके लिए प्रयास भी शुरु कर दिए हैं और दावा किया है कि बीजेपी के कई पार्षद उनके संपर्क में है.
कांग्रेस ने जयपुर ग्रेटर के अपने सभी पार्षदों को सी स्कीम स्थित होटल शकुन में बाड़ाबंदी में बुलाया है जिनमें दो निर्दलीय पार्षद भी हैं. इधर, बीजेपी पार्षदों को चौमूं के एक होटल में रखा गया है. जयपुर ग्रेटर (150) में बीजेपी के पास 88 और कांग्रेस के पास 49 पार्षद है. 13 निर्दलीय है और बहुमत के लिए 75 पार्षदों की जरूरत है. दो निर्दलीय पार्षदों के साथ बीजेपी के पास बहुमत से 15 सदस्य अधिक हैं.
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इधर कोटा उत्तर के कांग्रेस पार्षदों को बनीपार्क स्थित एक होटल में बाड़ाबंदी के लिए बुलाया है. यहां कांग्रेस का बोर्ड बनना तय है. जोधपुर के पार्षदों को नागौर रोड स्थित होटल चंद्रा ग्रेंड में रोका गया है जहां मतदान के लिए उन्हें सीधे जोधपुर लाया जाएगा.
तीन सौ के करीब पार्षद हैं बाड़ाबंदी में
एक अनुमान की माने तो जयपुर में इन दिनों 287 से अधिक पार्षद बाड़ाबंदी में है. इनमें बीजेपी, कांग्रेस और निर्दलीय पार्षद भी शामिल हैं. जयपुर हैरिटेज के 97 और कोटा उत्तर के 40 पार्षद भी जयपुर में ही है. जहां कांग्रेस पार्षदों का जिम्मा कांग्रेस पार्षदों की बाड़ाबंदी का जिम्मा यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल, परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास, महेश जोशी, विधायक रफीक खान, अमीन कागजी, कांग्रेस नेता अर्चना शर्मा, पुष्पेंद्र भारद्वाज सीताराम अग्रवाल जैसे नेताओं के जिम्मे हैं, बीजेपी पार्षदों की बाड़ाबंदी का जिम्मा विधायक वासुदेव देवनानी और मदन दिलावर जैसे नेताओं के हाथों में हैं.
वहीं दूसरी ओर, नवगठित जयपुर, जोधपुर और कोटा के 6 नगर निगमों में महापौर के लिए एक भी मुस्लिम उम्मीदवार न बनाए जाने के विरोध में राजस्थान मुस्लिम फोरम ने प्रदर्शन शुरु कर दिया है. संगठन के बैनर तले कई संगठनों से जुड़े सैंकड़ों लोग कूकस स्थित जयबार रिसोर्ट कूच करेंगे, जहां वे जयपुर हैरिटेज नगर निगम में चुनकर कांग्रेस के 29 मुस्लिम पार्षदों को रिसोर्ट से बाहर बुलाकर उन पर महापौर चुनाव में मतदान का बहिष्कार करने का दबाव बनाएंगे. मुस्लिम संगठनों से जुड़े नेताओं की माने तो अगर पार्षदों ने उनकी बात नहीं मानी तो उन्हें उनके वार्डों में घुसने नहीं दिया जाएगा.
मुस्लिम समाज का प्रदर्शन, पीसीसी पर धरना समाप्त
इससे पहले प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय के बाहर मुस्लिम प्रोग्रेसिव फोरम के बैनर तले कांग्रेस से जुड़े मुस्लिम नेताओं का शुरू हुआ अनिश्चितकालीन धरना देर रात 12 बजे प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के हस्तक्षेप के बाद स्थगित हुआ. प्रदेश कांग्रेस के सदस्य शरीफ खान के नेतृत्व में धरना दे रहे नेताओं को देर रात वार्ता के लिए गोविंद डोटासरा के आवास पर बुलाया गया था, जहां डोटासरा ने मुस्लिम संगठनों की मांगों पर जल्द से जल्द कार्रवाई करने और मु्स्लिम समाज से जुड़े बोर्ड निगमों और आयोगों को शीघ्र भरने का आश्वासन देने के बाद धरना समाप्त कराया.
सूत्रों की माने तो कांग्रेस को बिलकुल भी अंदेशा नहीं था कि मु्स्लिम को महापौर पद का प्रत्याशी नहीं बनाए जाने को लेकर समाज में हो रहे भारी विरोध तूल पकड़ेगा. सूत्रों से आई खबर के मुताबिक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस मामले को लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा से चर्चा कर डैमेज कंट्रोल करने को कहा है. अब कांग्रेस को डर है कि मुस्लिम समाज की नाराजगी जिला परिषदों और पंचायत चुनाव में पार्टी को भारी न पड़ जाए. गौरतलब है कि जयपुर हैरिटेज नगर निगम में मुनेश गुर्जर को प्रत्याशी बनाए जाने के बाद से ही मुस्लिम संगठनों ने कांग्रेस पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.