क्या देश में है लोकतंत्र? पता नहीं मेरी सरकार कैसे बच गई- गहलोत ने CJI सहित अन्य जजों से की ये अपील

देश में है तनाव का माहौल, 3 महीने से मैं पीएम मोदी से कह रहा हूँ लेकिन वो हमारी तो सुनेंगे नहीं आप लोग ही कुछ बोल सकते हो, 4 सुप्रीम कोर्ट के जज ने कहा लोकतंत्र खतरे में है और फिर उनमे से ही एक गोगोई बन गए CJI बन गए और अब सांसद, हमारी नहीं है पीएम मोदी या BJP से कोई दुश्मनी- नालसा की 18वीं बैठक में खुलकर बोले सीएम गहलोत

'पीएम मोदी हमारी तो सुनेंगे नहीं आप लोग ही कह सकते हैं'
'पीएम मोदी हमारी तो सुनेंगे नहीं आप लोग ही कह सकते हैं'

Politalks.News/Nalsa/AshokGehlot. दो दिवसीय 18वीं ऑल इंडिया लीगल सर्विसेज मीट का आज सीतापुरा स्थित जेईसीसी में आयोजन हुआ. इस दौरान मुख्य अतिथि के रूप में चीफ जस्टिस ऑफ़ इंडिया एनवी रमन्ना, केंद्रीय विधि मंत्री किरण रिजिजू, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आयोजन का दीप प्रज्जवलन कर उद्घाटन किया. तीन साल बाद हो रही नालसा की बैठक में सीजेआई रमन्ना के साथ ही सुप्रीम कोर्ट के 11 जजों ने भी शिरकत की. इस दौरान JECC परिसर में देश भर के 18 हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश, हाईकोर्ट लीगल कमेटी और राज्य प्राधिकरणों के चैयरमेन सहित देश के सभी हाईकोर्ट से 80 से अधिक जज इस कार्यक्रम में शामिल हुए. इस दौरान राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने CJI एनवी रम्मना के सामने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर निशाना साधा और कहा कि, ‘आज देश में तनाव का माहौल है और पीएम मोदी को आप लोग ही कह सकते हैं कि वो आगे आकर लोगों से शांति बनाए रखने की अपील करें.’

शनिवार को जयपुर में नालसा की 18वीं आल इंडिया लीगल सर्विसेज मीट का आयोजन किया गया. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट के सभी 11 जजों एवं कई हाईकोर्ट के दिग्गज आयोजन में शामिल होने जयपुर आए हैं. कोविड के चलते तीन साल बाद नालसा की इस मीट का आयोजन हुआ है. नालसा की इस बैठक को संबोधित करते हुए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि, ‘आज देश में ऐसी स्थिति है कि कोई गरीब आदमी सुप्रीम कोर्ट में नहीं जा सकता. ऐसा इसलिए है कि वो वहां पर वकीलों की फीस को अफ़्फोर्ड ही नहीं कर सकता. फीस की भी हद होती है, कोई एक करोड़ तो कोई 80 लाख रूपये तक फीस लेता है. ऐसे में आप सब लोग यहां बैठे हैं तो मैं ये चाहूंगा कि आप इस विषय पर खुद भी चिंतन करें.’

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इस दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने CJI और सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के अन्य जजों के सामने केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू से कहा कि, ‘रिजिजू जी मैं चाहता हूँ कि आप मेरी बात को प्रधानमंत्री तक पहुंचाएं जो मैं करीब 3 महीने से लगातार कह रहा हूँ. आज देश में तनाव का, घृणा का, हिंसा का माहौल है. आज देश में प्रधानमंत्री की क्रेडिबिलिटी है देश में और ऐसे में क्या उन्हें यह नहीं कहना चाहिए कि वे किसी भी कीमत पर हिंसा बर्दास्त नहीं करेंगे. मैं जानता हूँ किरण रिजिजू की बात हर कोई सुनता है तो पीएम मोदी भी सुनेंगे. आप पीएम मोदी से कहिये अपील करने के लिए क्योंकि मेरे कहने का तो कोई फर्क नहीं पड़ा.’ सीएम गहलोत ने आगे कहा कि, ‘अभी एक मामले में 100 से ज्यादा रिटायर जजों ने पत्र भी लिखा, आखिर ये सब मैनेज किसने किया.’

नालसा की बैठक में सीएम गहलोत ने कहा कि, ‘4 सुप्रीम कोर्ट के जज कहते हैं कि लोकतंत्र खतरे में है. फिर उनमे से ही एक गोगोई CJI बन गए और फिर अब सांसद बन गए. लेकिन मैं कहना चाहता हूँ कि जिंदगी हजार साल की नहीं होती है. इंसान को एक जिंदगी मिलती है और जिंदगी जिंदिगी होती है ऐसे में उसमें बेहतर से बेहतर काम होना चाहिए. आज देश में एक के बाद एक सरकारें बदली जा रही है. क्या देश में अभी लोकतंत्र है? पता नहीं मेरी सरकार कैसे बच गई. अगर वे सफल होते तो आज यहां मेरी जगह कोई और CM होता है.’ सीएम गहलोत ने कहा कि, ‘हमारी नरेंद्र मोदी या BJP से कोई दुश्मनी नहीं, शपथ लेने के बाद भी हम लोग राइट लेफ्ट होते रहते हैं.’

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वहीं चीफ जस्टिस और इंडिया एनवी रमन्ना ने कहा कि, ‘नालसा एक्ट एक क्रांतिकारी कदम है और सभी का संयुक्त प्रयास नालसा संभव हो पाया है. हमें धयान रखते हुए नालसा की मूल भावना को नहीं भूलना चाहिए.’ इस दौरान CJI रमन्ना ने नालसा की मोबाइल एप का भी उद्धघाटन किया और साथ ही नालसा ऑनलाइन मिडिएशन का भी उद्घाटन किया. वहीं केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने कहा कि, ‘न्यायपालिका और कार्यपालिका के बीच बेहतर तालमेल होना चाहिए. दोनों ही तंत्रों के बीच किसी तरह का कोई फैसला नहीं होना चाहिए. अगर ये होगा तभी हम लोकतंत्र के हमारे लक्ष्य को हासिल कर पाएंगे.’

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