Politalks.News/PresidentElection/YashwantSinha. आगामी 18 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में सभी दलों से समर्थन मांगने विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा बीते रोज अपने गृह राज्य बिहार पहुंचे. इस दौरान संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए यशवंत सिन्हा ने बताया कि उन्होंने समर्थन मांगने के लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को कई बार फोन किया, लेकिन नीतीश ने उनका कॉल रिसीव तक नहीं किया. यशवंत सिन्हा ने कहा, ‘मैं राष्ट्रपति चुनाव में समर्थन के लिए देश भर के नेताओं से बात कर रहा हूं. मैंने बिहार के मुख्यमंत्री को बार-बार कॉल की, संदेश भेजे, लेकिन ऐसा लगता है कि मेरा स्टेटस इतना छोटा है कि नीतीश कुमार मेरे साथ बात करना अनुचित मानते हैं. मेरी उनसे कोई बात नहीं हुई है.’
अपना दर्द बताते हुए यशवंत सिन्हा ने कहा कि वह बिहार के बेटे हैं, इसलिए राज्य से समर्थन के हकदार हैं. बिहार को तो उनकी मदद करनी ही चाहिए. सिन्हा ने कहा, ‘लेकिन अगर मैंने उनसे बात की होती तो मैंने उनसे वही कहा होता जो मैंने आज सभी से कहा, कि मेरा मानना है कि नीतीश जी को बिहार के बारे में सोचना चाहिए. अगर कोई उम्मीदवार बिहार से है, तो वह समर्थन क्यों नहीं करेंगे? जिस दिन द्रौपदी मुर्मू के नाम की घोषणा की गई थी, उसी दिन ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने स्पष्ट कर दिया था कि वह उनका ही समर्थन करेंगे. क्योंकि वह ओडिशा की बेटी हैं.’
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इसके साथ ही यशवंत सिन्हा ने पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल का उदाहरण देते हुए बताया कि इसके पहले भी प्रतिभा पाटिल के उम्मीदवार बनने पर शिवसेना ने उनके समर्थन की घोषणा कर दी थी. सिन्हा ने कहा कि, ‘यह बिहार के लिए अच्छा होगा यदि 60 साल के अंतराल के बाद मिट्टी का एक और बेटा शीर्ष पद पर आसीन हो, जो कभी डॉ. राजेंद्र प्रसाद के पास था.’ यशवंत सिन्हा ने कहा, ‘यह वह शहर है, जहां मेरा जन्म हुआ, मैंने अपनी शिक्षा प्राप्त की, पटना विश्वविद्यालय में पढ़ाया और बिहार काडर के आईएएस अधिकारी के रूप में मैंने सेवा दी.’
इसके बाद यशवंत सिन्हा ने बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की तारीफ करते हुए कहा कि, ‘तेजस्वी विपक्षी दलों को साथ लाने का बेहतर काम किया है. देश की तरह राज्य भी गलत हाथों में पड़ गया है. मुझे उम्मीद है आप लोग उन पर भरोसा जताएंगे.’ आपको बता दें कि नौकरशाह से नेता बने पूर्व भाजपा नेता यशवंत सिन्हा आरोप लगाते रहे हैं कि द्रौपदी मुर्मू अगर राष्ट्रपति बनती हैं तो वह एक ‘रबर स्टैंप’ होंगी. सिन्हा ने लोगों से कहा कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में राजग की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू द्वारा नामांकन पत्र दाखिल करने की तस्वीर को याद करें. सिन्हा ने याद दिलाते हुए कहा कि, ‘लोग प्रतिभा पाटिल के बारे में बात करते हैं कि वह एक रबर स्टैंप थीं, लेकिन जब वह मैदान में उतरीं, तो उन्होंने अपने कागजात स्वयं सौंपे थे. मुर्मू के मामले में यह वर्तमान प्रधानमंत्री थे, जिन्होंने कागजात सौंपे. यह आने वाली चीजों के बारे में स्पष्ट संकेत हैं.’
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इस मौके पर यशवंत सिन्हा के साथ बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, बॉलीवुड अभिनेता से नेता बने शत्रुघ्न सिन्हा और पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी के करीबी सुधींद्र कुलकर्णी भी मौजूद थे. यहां आपको बता दें कि नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू पिछले दिनों राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के समर्थन का ऐलान कर चुकी है. तेजस्वी यादव की आरजेडी, कांग्रेस, वाम दल समेत अन्य विपक्षी दल यशवंत सिन्हा के समर्थन में हैं.