सुनक के ब्रिटिश PM बनने पर गरमाई भारत की सियासत, बयानबाजी के बीच ‘Muslim PM’ करने लगा ट्रेंड

ऋषि सुनक यूं तो ब्रिटेन के भारत के प्रधानमंत्री बनें हैं लेकिन सियासी बयानबाजी का दौर भारत में पहुंच चूका है चरम पर, भारतीय राजनीति में अब इस बात पर बहस शुरू हो गई है कि क्या भारत में भी ऐसा संभव है कि 'कोई अल्पसंख्यक प्रधानमंत्री बन सकता है'

ऋषि सुनक के पीएम चुने जाने पर गरमाई भारत की सियासत
ऋषि सुनक के पीएम चुने जाने पर गरमाई भारत की सियासत

Politalks.News/Delhi. भारतीय मूल के ऋषि सुनक ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री बन गए हैं. इससे पहले 6 हफ्ते तक प्रधानमंत्री की कुर्सी पर विराजमान रही लिज ट्रस ने पिछले हफ्ते ही पीएम पद से इस्तीफा दे दिया था. जिसके बाद सोमवार को कंजरवेटिव पार्टी 100 से ज्यादा नेताओं ने ऋषि सुनक को अपना  नेता चुन लिया. ऋषि सुनक को मंगलवार को किंग चार्ल्स ने औपचारिक रूप से देश का प्रधानमंत्री नियुक्त कर दिया है. ब्रिटेन में ऋषि सुनक के प्रधानमंत्री बनने की खबर से जहां एक तरफ खुशी की लहर है तो वहीं भारत में सियासी बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है. भाजपा-कांग्रेस और पीडीपी नेताओं के बीच सियासी घमासान छिड़ गया है. PDP नेता महबूबा मुफ़्ती ने जहां ब्रिटैन में अल्पसंख्यक के प्रधानमंत्री चुने जाने के बाद देश की केंद्र सरकार पर सवाल उठाए तो वहीं कांग्रेस नेता शशि थरूर एवं पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम अपने अपने बयानों से चर्चाओं में हैं. तो वहीं भाजपा नेता लगातार विपक्षी दलों पर सवाल उठाते हुए नजर आ रहे हैं.

ऋषि सुनक यूं तो ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बनें हैं लेकिन सियासी बयानबाजी का दौर भारत में चरम पर पहुंच चूका है. भारतीय राजनीति में अब इस बात पर बहस शुरू हो गई है कि क्या भारत में भी ऐसा संभव है कि ‘कोई अल्पसंख्यक प्रधानमंत्री बन सकता है.’ इस मुद्दे को लेकर पीडीपी की महबूबा मुफ्ती, कांग्रेस के शशि थरूर और पी चिदंबरम जैसे नेताओं ने ट्वीट कर सवाल उठाया. वहीं सुनक के ब्रिटेन के पीएम बनने के बाद से भारत में ट्विटर पर ‘Muslim PM’ ट्रेंड करने लगा. इस दौरान लोगों ने कांग्रेस सांसद शशि थरूर को जमकर ट्रोल किया. दरअसल कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम और शशि थरूर ने सुनक के प्रधानमंत्री चुने जाने का स्वागत किया और उम्मीद जताई कि एक दिन भारत भी इस परंपरा को अपनाएगा. तो वहीं बीजेपी की तरफ से रविशंकर प्रसाद ने इसका जवाब दिया है.

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दरअसल ब्रिटिश संग्रहालय के अध्यक्ष जॉर्ज ओसबोर्न ने कल एक ट्वीट किया. उन्होंने लिखा, ‘दिन के अंत तक ऋषि सुनक प्रधानमंत्री होंगे. मेरी तरह कुछ लोग सोचते हैं कि वह हमारी समस्याओं का समाधान हैं. वहीं, दूसरों को लगता है कि वह समस्या का हिस्सा हैं. आपकी जो भी राजनीति हो, लेकिन आइए हम सभी पहले ब्रिटिश एशियाई के पीएम बनने का जश्न मनाएं और अपने देश पर गर्व करें कि यहां ऐसा हो सकता है.’ इस ट्वीट को रीट्वीट करते हुए कांग्रेस नेता शशि थरूर ने लिखा, ‘अगर ऐसा होता है तो मुझे लगता है कि हम सभी को यह स्वीकार करना होगा कि ब्रिटेन के लोगों ने बहुत ही दुर्लभ काम किया है. अपने सबसे शक्तिशाली कार्यालय में अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्य को मौका दिया है. हम भारतीय ऋषि सुनक के लिए जश्न मना रहे हैं. आइए ईमानदारी से पूछें: क्या यह यहां हो सकता है?’

वहीं पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने ट्वीट करते हुए लिखा कि, ‘पहले कमला हैरिस, अब ऋषि सुनक, यू.एस. और यू.के. के लोगों ने अपने देशों के गैर-बहुसंख्यक नागरिकों को गले लगा लिया है और उन्हें सरकार में उच्च पद के लिए चुना है. मुझे लगता है कि यह भारत और बहुसंख्यकवाद का पालन करने वाली पार्टियों द्वारा सीखने के लिए एक सबक है.’

वहीं कांग्रेस नेताओं के बयान पर बीजेपी नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद की प्रतिक्रिया सामने आई है. रविशंकर प्रसाद ने ट्वीट कर लिखा कि, ‘भारतीय मूल के एक काबिल नेता ऋषि सुनक ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बन रहे हैं. इस असाधारण सफलता के लिए हम सभी को उनकी तारीफ करने की जरूरत है. यह दुखद है कि कुछ भारतीय राजनेता दुर्भाग्य से इस अवसर पर राजनीतिक ब्राउनी पॉइंट बनाने की कोशिश कर रहे हैं.’

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जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री एवं पीडीपी नेता महबूबा मुफ़्ती ने भी सुनक के पीएम जाने पर बधाई दी लेकिन केंद्र सरकार पर तंज भी कसा. महबूबा ने ट्वीट करते हुए लिखा कि, ‘यह गर्व का क्षण है कि यूके का पहला भारतीय मूल का पीएम होगा. जबकि पूरा भारत सही मायने में जश्न मनाता है, यह याद रखना हमारे लिए अच्छा होगा कि यूके ने एक जातीय अल्पसंख्यक सदस्य को अपने प्रधान मंत्री के रूप में स्वीकार कर लिया है, फिर भी हम एनआरसी और सीएए जैसे विभाजनकारी और भेदभावपूर्ण कानूनों से बंधे हैं.’

मुफ़्ती के बयान पर रविशंकर प्रसाद ने पलटवार करते हुए कहा कि, ‘ऋषि सुनक के यूके के पीएम के रूप में चुने जाने के बाद भारत में अल्पसंख्यकों के अधिकारों पर टिप्पणी करते हुए महबूबा मुफ्ती का ट्वीट देखा. महबूबा मुफ्ती जी, क्या आप जम्मू-कश्मीर में अल्पसंख्यक को राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में स्वीकार करेंगे? कृपया उत्तर देने के लिए पर्याप्त स्पष्ट रहें.’

रविशंकर प्रसाद ने अगला ट्वीट करते हुए लिखा कि, ‘ब्रिटेन के पीएम के रूप में ऋषि सनक के चुनाव के बाद कुछ नेता बहुसंख्यकवाद के खिलाफ अति सक्रिय हो गए. एपीजे अब्दुल कलाम की असाधारण अध्यक्षता, मनमोहन सिंह के 10 वर्षों के लिए प्रधान मंत्री के रूप में उन्हें धीरे से याद दिलाना. एक प्रतिष्ठित आदिवासी नेता द्रौपदी मुर्मू अब हमारी राष्ट्रपति हैं.’

सुनक के ब्रिटेन के पीएम चुने जाने के बाद से ट्वीटर पर  ट्रेंड करने लगा है. कांग्रेस नेताओं की बयानबाजी के बाद से ट्वीटर यूजर्स ने उन्हें जमकर लताड़ लगाई. राजनीतिक टिप्पणीकार सुनंदा वशिष्ठ ने लिखा, ”दो कार्यकाल के लिए सिख पीएम, मुस्लिम राष्ट्रपति, महिला प्रधानमंत्री, महिला राष्ट्रपति… ऐसे कई उदाहरण हैं. हम इसके बारे में बहुत अधिक हो-हल्ला नहीं करते हैं क्योंकि हम ब्रिटिश के विपरीत नस्लवादी नहीं हैं. बेशक उनके लिए यह बहुत बड़ी बात है. अनावश्यक अपराधबोध नहीं करें.”  एक अन्य यूजर ने लिखा, ”एक ईसाई द्वारा नियंत्रित एक सिख प्रधानमंत्री. उनके अधीन आपके जैसा हिंदू मंत्री. पहले ही हो चुका है भाई!”

वहीं बीजेपी के मीडिया कोर्डिनेटर अमित मालवीय ने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘भारत, जिसमें तीन मुस्लिम और एक सिख राष्ट्रपति, 10 वर्षों के लिए एक सिख प्रधान मंत्री, शीर्ष न्यायिक पदों पर अल्पसंख्यक और यहां तक ​​कि सशस्त्र बलों को किसी अन्य देश से विविधता और समावेशिता के बारे में सीखने की आवश्यकता नहीं है. लेकिन महबूबा को बात पर चलना चाहिए और जम्मू-कश्मीर के सीएम के लिए एक हिंदू का समर्थन करना चाहिए.

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