Politalks.News/Rajasthan. राजस्थान में एक बार फिर गुर्जर आरक्षण आंदोलन की आहट तेज हो गई है. कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने भरतपुर के बयाना में आज गुर्जर महापंचायत का ऐलान किया है. लेकिन कर्नल बैंसला ने अभी तक भरतपुर कलेक्टर को अंडरटेकिंग नहीं दी है. ऐसे में कोरोनाकाल में आंदोलन हुआ तो गुर्जर नेताओं पर कार्रवाई होगी. कोरोना गाइडलाइंस को लेकर हाईकोर्ट के निर्देश के तहत संघर्ष समिति द्धारा जिला कलेक्टर को अंडरटेकिंग देने पर ही महापंचायत हो सकेगी.
ऐसे में संघर्ष समिति द्वारा भरतपुर जिला कलेक्टर को अंडरटेकिंग देनी होगी. अभी तक की जानकारी के अनुसार गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के द्वारा आज आयोजित होने वाली महापंचायत के लिए भरतपुर कलेक्टर को किसी भी प्रकार की अंडरटेकिंग नही दी गई है. ऐसे में हाईकोर्ट और महामारी अधिनियम की धज्जियां उडने पर कोर्ट र्कारवाई के साथ साथ जुर्माना भी लगा सकता है.
बता दें, गुर्जर आरक्षण के मुद्दों सहित अन्य संबंधित मांगों पर गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति द्वारा आज पीलुपुरा के अड्डा में गुर्जर आक्रोश महापंचायत का ऐलान किया है. वहीं, कोरोना संकट के इस दौर में नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट और राजस्थान महामारी अध्यादेश, 2020 के तहत जारी बाध्यकारी निर्देशों के तहत 100 से ज्यादा लोगों की कोई सभा नहीं हो सकती. राजस्थान उच्च न्यायालय पीठ जयपुर द्वारा इस संबंध में निर्देश दिए थे.
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हाईकोर्ट ने ये कहा था कि कर्नल बैंसला को ये अंडरटेकिंग भी देनी होगी कि वे रास्ता रोक या बंद या इसी प्रकृति के अन्य आयोजन नहीं करेंगे. साथ ही जिला कलक्टर देखे कि कही उल्लघंन तो नहीं हुआ
संबंधित जिला कलेक्टर इन सार्वजनिक सभाओं, महापंचायतों की अनुमति देने से पूर्व यह देखेंगे कि इन आयोजनों से अन्य नागरिकों या वर्गों के मौलिक, विधिक अधिकारों का उल्लघंन तो नहीं हुआ है. वहीं राज्य सरकार आम नागरिकों के मौलिक अधिकारों को संरक्षित रखने सार्वजनिक और निजी संपति के नुकसान को रोकने और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सभी आवश्यक प्रबंध करेगी.
याचिका के पक्षकार कर्नल किरोड़ी सिंह बैसला व डॉ. रूपसिंह अथवा गुर्जर समुदाय के अन्य नेताओं को 13 सितम्बर. 2007 को या इसके बाद धौलपुर या अन्य किसी भी स्थान पर महापंचायत, सार्वजनिक सभा के शांतिपूर्ण, हथियाररहित आयोजन के लिए संबंधित जिला कलेक्टर को आवेदन प्रस्तुत करना होगा.
इस संबंध में न्यायालय के आदेश की अवहेलना होने पर अवमानना याचिका न्यायालय में दायर की गई. फिर से न्यायालय के आदेशों की अवहेलना होने पर राज्य सरकार द्वारा एक अन्य अवमानना याचिका यह याचिका राज्य सरकार बनाम कर्नल किरोड़ी सिंह बैसला व अन्य के विरुद्ध दायर की गई है. इसी अवमानना याचिका सुनवाई के दौरान उच्च न्यायालय ने स्वयं संज्ञान लिया गया. यह मामला अभी भी न्यायालय में लंबित है. इसकी अगली सुनवाई 11 नवम्बर को होगी.