राजनीतिक वजूद बचाने की कोशिश में विपक्षी दल कृषि कानूनों पर अपना रहे हैं दोहरा रवैया- रविशंकर

रविशंकर प्रसाद ने एक-एक कर उन तमाम नेताओं के नाम लेकर हमला बोला जिन्होंने कृषि कानूनों पर सरकार से मिलती-जुलती राय रखी, केजरीवाल सरकार इस कानून को 23 नवंबर 2020 से लागू कर चुकी है तो फिर अब विरोध क्यों?

विपक्षी दल कृषि कानूनों पर अपना रहे हैं दोहरा रवैया- रविशंकर
विपक्षी दल कृषि कानूनों पर अपना रहे हैं दोहरा रवैया- रविशंकर

Politalks.News/Delhi/Farmers Protest. नए कृषि कानूनों के विरोध में देशभर के किसान संगठनों के पिछले 12 दिनों से दिल्ली में जारी आंदोलन के बीच कल होने वाले ‘भारत बंद‘ को लेकर तमाम विपक्षी दलों ने अपना अपना समर्थन दे है. जहां किसानों के इस आंदोलन को लेकर तमाम विपक्ष अपनी राजनीतिक रोटियां सेकने में जुटा है तो वहीं भाजपा ने कांग्रेस और आम आदमी पार्टी सहित अन्य विपक्षी दलों पर दोहरा चरित्र दिखाने का आरोप लगाया है. केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने आज एक एक प्रेस वार्ता में कहा कि कांग्रेस सहित कई विपक्षी दल अपना राजनीतिक वजूद बचाने के लिए इस तरह के आंदोलन में शामिल हो जाते हैं. वहीं आम आदमी पार्टी द्वारा भारत बंद और किसान आंदोलन को समर्थन को लेकर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि केजरीवाल सरकार इस कानून को 23 नवंबर 2020 से लागू कर चुकी है तो फिर अब विरोध क्यों?

केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने किसान आंदोलन और भारत बंद को लेकर तमाम विपक्षी पार्टियों पर निशाना साधते हुए कहा की, ‘आज हम विपक्षी दलों, विशेषकर कांग्रेस, NCP और उनके सहयोगी दलों के शर्मनाक दोहरे चरित्र को देश के सामने बताने आए हैं. आज जब इनका राजनीतिक वजूद खत्म हो रहा है तो अपना वजूद बचाने के लिए ये किसी भी विरोधी आंदोलन में शामिल हो जाते हैं. रविशंकर प्रसाद ने एक-एक कर उन तमाम नेताओं के नाम लेकर हमला बोला है जिन्होंने कृषि कानूनों पर सरकार से मिलती-जुलती राय रखी थी.

आपको बता दें कि किसान संगठन लगातार कह रहे कि इस आंदोलन का किसी भी राजनीतिक पार्टी से कोई लेना देना नहीं है और ये सरकार और किसान के बीच आपस की लड़ाई है. कोई भी राजनीतिक दल इसमें शामिल होकर अपनी राजनीतिक रोटियां न सेके. किसानों के इस बयान पर रविशंकर प्रसाद ने कहा कि किसान आंदोलन के नेताओं ने साफ-साफ कहा है कि राजनीतिक लोग हमारे मंच पर नहीं आएं, हम उनकी इन भावनाओं का सम्मान करते हैं. लेकिन ये सभी विपक्षी दल फिर भी कूद रहे हैं, क्योंकि इन्हें भाजपा और नरेन्द्र मोदी का विरोध करने का एक और मौका मिल रहा है.

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कांग्रेस पर निशाना साधते हुए केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, ‘कांग्रेस पार्टी ने 2019 के चुनाव में अपने चुनाव घोषणा पत्र में साफ-साफ कहा है कि वो एग्रीकल्चर प्रोड्यूस मार्केट एक्ट को समाप्त करेगी और किसानों को अपनी फसलों के निर्यात और व्यापार पर सभी बंधनों से मुक्त करेगी.’

शरद पवार पर हमला करते हुए भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा, ‘शरद पवार जब देश के कृषि और उपभोक्ता मामलों के मंत्री थे तो उन्होंने देश के सारे मुख्यमंत्रियों को चिट्ठी लिखी थी. जिसमे उन्होंने लिखा था कि मंडी एक्ट में बदलाव जरूरी है, प्राइवेट सेक्टर का आना जरूरी है, किसानों को कहीं भी अपनी फसल बेचने का अवसर मिलना चाहिए.’

बता दें, किसानों के समर्थन में समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने आज धरना दिया. इसे लेकर प्रसाद ने कहा, ‘मैं अखिलेश यादव को याद दिलाना चाहता हूं कि अखिलेश जी एग्रीकल्चरल स्टैंडिंग कमेटी की रिपोर्ट आई है. उसमें आपके पिता मुलायम सिंह यादव भी सदस्य हैं. उन्होंने भी उस रिपोर्ट में साफ-साफ कहा है कि ये बहुत जरूरी है कि किसानों को मंडियों के चंगुल से मुक्त किया जाए.’

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गौरतलब है कि आज सुबह दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल एवं सरकार के अन्य मंत्रियों ने सिंघु बॉर्डर के पास गुरु तेग बहादुर मेमोरियल में किसानों से मुलाकात की और उनके लिए की गई व्यवस्थाओं का जायज़ा लिया. इस दौरान सीएम केजरीवाल ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि हम किसानों की सभी मांगों का समर्थन करते हैं, किसानों का मुद्दा और संघर्ष बिल्कुल जायज़ है. शुरू-शुरू में जब किसान बॉर्डर पर आए थे तो केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस ने हमसे दिल्ली के 9 स्टेडियम को जेल बनाने की इजाजत मांगी थी. केंद्र सरकार ने हम पर जेलें बनाने का दबाव भी बनाया था लेकिन हमने सरकार को साफ इंकार कर दिया. केजरीवाल ने कहा कि आम आदमी पार्टी भारत बंद का समर्थन करती है.

आम आदमी पार्टी द्वारा भारत बंद का समर्थन करने को लेकर केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने आप को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि अरविंद केजरीवाल की सरकार ने 23 नवंबर 2020 को नए कृषि कानूनों को नोटिफाई करके दिल्ली में लागू कर दिया है, इधर आम आदमी पार्टी इस कानून का विरोध कर रही है. तो एक तरफ आप विरोध कर रहे है और दूसरी तरफ आप गजट निकाल रहे हैं, ये कैसा दोहरा चरित्र है आम आदमी पार्टी और केजरीवाल का?

आपको बता दें, कृषि कानूनों के विरोध में आज किसान आंदोलन का 12वां दिन है. वहीं किसान संगठनों और सरकार के बीच कृषि कानूनों को लेकर 5 चरणों कि वार्ता हो चुकी है लेकिन ये सभी वार्ता बेनतीजा रही हैं. किसान जहाँ सरकार से तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने पर अड़े हैं तो सरकार किसानों को किसी भी तरह से आश्वस्त नहीं कर पा रही है. यहाँ तक कि सरकार ने तीनों कानूनों में संसोधन की बात भी की लेकिन बात नहीं बनी. अब किसान संगठनों और सरकार के बीच छठें चरण की वार्ता आगामी बुधवार 9 दिसंबर को होनी है, वहीं 8 दिसंबर को सभी किसान संगठनों ने भारत बंद का आव्हान किया है.

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