Politalks.News/WestBengal. पिछले कुछ दिनों से शांत पड़ी पश्चिम बंगाल की राजनीति में अब फिर से सियासी घमासान छिड़ गया है. दरअसल भारतीय क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष सौरव गांगुली के भारतीय क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष पद से हटने की खबरों के चलते बंगाल की सियासत गरमा गई है. जल्द ही सौरव गांगुली की जगह रोजर बिन्नी उनकी जगह ले सकते हैं. रोजर बिन्नी के सौरव गांगुली की जगह बीसीसीआई का अध्यक्ष बनने की संभावना से जुड़ी खबरों के बीच पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी पर पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान को ‘अपमानित करने की कोशिश’ करने का आरोप लगाया है. TMC सांसद शांतनु सेन ने इशारों इशारों में बड़ा बयान देते हुए कहा कि, ‘सौरव गांगुली TMC के खिलाफ भाजपा में शामिल नहीं हुए इस कारण उन्हें BCCI के पद से हटाया जा रहा है.
3 साल के बाद अब भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड को अब नया अध्यक्ष मिलना लगभग तय माना जा रहा है. बोर्ड के अलग-अलग पदों पर चुनाव होना है, लेकिन माना जा रहा है कि नतीजे निर्विरोध ही निकल जाएंगे. मौजूदा बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली की जगह 1983 वर्ल्ड कप की विजेता टीम के सदस्य रहे रोजर बिन्नी नए अध्यक्ष बन सकते हैं. यानी गांगुली का बतौर बोर्ड अध्यक्ष अब सफर खत्म होने जा रहा है, सौरव ने साल 2019 में यह पद संभाला था. गांगुली पिछले तीन वर्षों से बीसीसीआई अध्यक्ष हैं और वह 18 अक्टूबर को होने वाली बोर्ड की वार्षिक आम बैठक में बिन्नी के लिए अपना पद छोड़ देंगे. लेकिन सौरव गांगुली के अध्यक्ष पद को लेकर अब बंगाल में सियासी भूचाल आ गया है.
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सौरव गांगुली के हटने की खबरों पर टीएमसी सांसद शांतनु सेन ने ट्विटर पर कहा कि अमित शाह के बेटे अपने पद पर बरकरार रह सकते हैं लेकिन गांगुली नहीं. TMC सांसद ने ट्वीट करते हुए लिखा कि, ‘राजनीतिक प्रतिशोध का एक और उदाहरण. अमित शाह के बेटे को BCCI के सचिव के रूप में बरकरार रखा जा सकता है. लेकिन गांगुली नहीं को (अध्यक्ष पद पर) नहीं रखा जा सकता. क्या इसलिए कि वह पश्चिम बंगाल राज्य से हैं या वे भाजपा में शामिल नहीं हुए? हम आपके साथ हैं दादा!.’ तृणमूल के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि ‘भाजपा ने पिछले साल के विधानसभा चुनाव से पहले लोगों के बीच यह संदेश फैलाने की कोशिश की थी कि राज्य में बेहद लोकप्रिय गांगुली पार्टी में शामिल होंगे.’
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वहीं इंडिया टुडे न्यूज़ से बात करते हुए शांतनु सेन ने कहा कि, ‘केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह इस साल मई में रात के खाने के लिए गांगुली के आवास पर आए थे. अमित शाह ने कई बार सौरव गांगुली से भाजपा में शामिल होने के लिए कहा था. वह चाहते थे कि गांगुली पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के खिलाफ चेहरा बनें. गांगुली की अध्यक्षता इसलिए छीनी जा रही है क्योंकि उन्होंने अमित शाह के उस प्रस्ताव को ठुकरा दिया था. यह केवल राजनीतिक रूप से प्रभावित कार्य नहीं है बल्कि खेलों का सस्ता भगवाकरण है. भाजपा ने अपने नेताओं के परिवार के सदस्यों के लिए सभी शीर्ष प्रबंधकीय पद आरक्षित किए हैं.’