Politalks.News/Chattisgarh. विशेष सूत्रों की मानें तो देश के कई राज्यों में अंदर ही अंदर बीजेपी का ऑपरेशन लॉटस जारी है. इसकी बानगी हाल ही में पूरे देश ने गोवा में देखी, जहां भाजपा ने दूसरी बार ऑपेरशन लॉटस चलाते हुए विधानसभा चुनाव में जनता के वोट से जीतकर आये कांग्रेस के 11 में से 8 विधायकों को बीजेपी में शामिल कर लिया है. इस घटना के बाद सियासी गलियारों में चर्चा है कि बहुत जल्द बीजेपी का ऑपरेशन लॉटस अन्य राज्यों में अपने कारनामें दिखाने वाला है. छत्तीसगढ़ और राजस्थान में अगले साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में गुजरात के बाद बीजेपी का सबसे ज्यादा फोकस इन दोनों राज्यों पर ही है. सबसे बड़ी बात इन दोनों ही राज्यों में कांग्रेस पार्टी आंतरिक कलह से जूझ रही है. राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट में जिस तरह वर्चस्व की लड़ाई अपने चरम पर है ठीक उसी तरह कांग्रेस शाषित छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल एवं स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव की अदावत भी किसी से छिपी नहीं है.
यही कारण है कि आए दिन सियासी गलियारों में कई मौकों पर चर्चा होती रही है कि पार्टी से नाराज टीएस सिंहदेव जल्द ही बीजेपी में शामिल हो सकते हैं. लेकिन शनिवार को सिंहदेव ने सभी अटकलों पर पूर्ण विराम लगा दिया है. टीएस सिंहदेव द्वारा पंचायत मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद से ही कयास लगाए जा रहे थे वे जल्द ही कांग्रेस का साथ छोड़ने वाले हैं लेकिन शनिवार को पत्रकारों से बात करते हुए टीएस सिंहदेव ने दो टूक शब्दों में कहा कि, ‘मैं कभी भी बीजेपी में नहीं जाऊंगा. हमारी पार्टी में किसी भी तरह की कोई अंतर कलह नहीं है.’ वहीं कई बीजेपी नेताओं से उनकी मुलाकात को लेकर जब उनसे सवाल पुछा गया तो सिंहदेव ने कहा कि, ‘राजनीतिक पार्टी के नेताओं से मिलना एक आम बात है. हम लोग तो रोज उन नेताओं से मिलते रहते हैं.’
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पार्टी बदलने की चर्चाओं के बीच शनिवार को जगदलपुर में पत्रकारों से बात करते हुए छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि ‘एक पार्टी को छोड़कर दूसरे दल में शामिल होने की घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. किसी भी दल को छोड़कर दूसरी पार्टी में शामिल होकर सरकार गिराना या बनाना इसका सीधा मतलब जनमत का माखौल उड़ाना है.’ सिंहदेव ने आगे कहा कि, ‘मेरा मानना है कि सुप्रीम कोर्ट और केंद्र सरकार को दलबदल विधेयक पर गंभीर चिंतिन करने की जरुरत है. यही नहीं इस विधेयक में परिवर्तन को लागू करने का भी अब समय आ गया है. लोकसभा चुनाव हो या फिर विधानसभा चुनाव या कोई अन्य चुनाव हो उस वक़्त आप किसी एक दल के नाम पर चुनाव लड़ते हो लेकिन बाद में दूसरी पार्टी में चले जाते हो ये कहाँ तक उचित है. आप अपनी पार्टी को छोड़ के दूसरी पार्टी में नहीं जा सकते.’
बीजेपी पर निशाना साधते हुए टीएस सिंहदेव ने कहा कि, ‘छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी इसलिए सफल नहीं हो सकी क्योंकि, यहां कांग्रेस के 71 विधायक हैं. संख्या इतनी ज्यादा है कि वो चाहेंगे तो भी कुछ नहीं कर सकते. यदि मकसद सिर्फ चुनाव जीतकर आना है और फिर पार्टी छोड़कर किसी और का साथ देना है तो यह बेहद गलत है. इसके लिए राजनीति दलों को सख्ती से सोचना होगा.‘ वहीं कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में निकाली जा रहे भारत जोड़ो यात्रा में शामिल नहीं होने पर सिंहदेव ने प्रोटोकॉल का हवाला दिया.
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टीएस सिंहदेव ने कहा कि ‘वहां पर मुख्यमंत्री और PCC चीफ को ही बुलाया गया था. दिल्ली में मैंने कई मीटिंग अटैंड की है. राहुल गांधी के साथ अभी 117 लोग चल रहे हैं. कन्याकुमारी से कश्मीर तक सिर्फ 117 लोग ही चलेंगे. जिस राज्य से यात्रा गुजरेगी वहां के लोग शामिल होंगे. यदि सब जगह से लोग यात्रा में शामिल होंगे तो अव्यवस्था हो जाएगी.’ वहीं पार्टी छोड़ने के सवाल सिंहदेव ने कहा कि, ‘मैं कभी बीजेपी में नहीं जाऊंगा. जिस तरह से महाराष्ट्र, गोवा में नेता अपनी पार्टी बदल कर जा रहे हैं यह जनमत का अपमान है.’ बता दें सूबे के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी अपने बयान में कहा था कि, ‘कांग्रेसी विधायकों को बीजेपी में आने के ऑफर आते रहते हैं.’ इससे साफ पता चलता है कि देश के कई राज्यों में बीजेपी का ऑपरेशन लॉटस मिशन ऑन है.