मैं हूं फादर ऑफ टोल टैक्स- गडकरी ने सदन में सुनाया किस्सा, कहा- जो भी रोड मांगने आता है कर देता हूँ सेंक्शन

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने राज्यसभा में 1990 की घटना का किया जिक्र करते हुए कहा कि सौभाग्य या दुर्भाग्य से पर मैं इस टोल का जनक हूं, साथ ही गडकरी ने कहा कि मैं बताना चाहता हूं कि NHAI की आर्थिक हालत बहुत मजबूत है, मैं हाउस के रिकॉर्ड पर बता रहा हूं कि मैं पांच लाख करोड़ के रोड हर साल बना सकता हूं, 2024 तक अमेरिका जैसी सड़कें होंगी देश में

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Politalks.News/Delhi/NitinGadakari. बीते रोज बुधवार को राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान विपक्ष के एक सवाल के जवाब के दौरान उस समय सब अचंभित रह गए जब केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि वह देश में एक्सप्रेसवे पर ‘टोल टैक्स के पिता (Father of Toll Tax)’ हैं. इस दौरान गडकरी ने 1990 के दशक की एक घटना का जिक्र करते हुए कहा कि क्योंकि 90 के दशक में महाराष्ट्र कैबिनेट का सदस्य होने के दौरान उन्होंने महाराष्ट्र में ऐसी सड़क का निर्माण कराया था, जिससे गुजरने पर लोगों को टोल टैक्स देना पड़ता था. इसके साथ ही नितिन गडकरी ने आगे कहा कि भारत में 2024 तक अमेरिकी जैसी सड़कें होंगी. गडकरी ने बताया कि हम देशभर में 26 ग्रीन एक्सप्रेस बना रहे हैं जिनका निर्माण 2024 से पहले पूरा कर लिया जाएगा.

दरअसल, राज्यसभा में विपक्ष के कुछ सदस्यों ने शहर की सीमा के अंदर एक्सप्रेसवे पर टोल प्लाजा स्थापित करने पर चिंता व्यक्त की थी, जिसके कारण स्थानीय आबादी को शहर के भीतर आने-जाने पर भी टोल का भुगतान करना पड़ता है. इस पर सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने सदस्यों को आश्वासन दिया कि इस मुद्दे को ठीक किया जाएगा. साथ ही ये दावा भी किया कि समस्या यूपीए शासन के दौरान लिए गए फैसलों के कारण उत्पन्न हुई है. गडकरी ने कहा कि साल 2014 से पहले, जब यूपीए सरकार थी, तब शहर क्षेत्र के पास टोल प्लाजा स्थपित किया गया, जिस कारण तब से अब तक सभी को इसका भुगतान करना पड़ रहा है. यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण और गैरकानूनी है. इस दौरान नितिन गडकरी ने कहा कि “सौभाग्य या दुर्भाग्य से, मैं इस टोल का जनक हूं क्योंकि इस देश में पहली बार, मैंने टोल सिस्टम शुरू किया और बीओटी (बिल्ड-ऑपरेट-ट्रांसफर) की पहली परियोजना महाराष्ट्र में ठाणे थी.”

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इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने यह भी बताया कि अब जो नई व्यवस्था शुरू होने जा रही है, उसमें हम ये ध्यान रखेंगे कि शहर के इलाकों में स्थापित टोल प्लाजा खत्म हो जाएं और लोगों से कोई शुल्क नहीं लिया जाए. अक्सर शहर के लोग एक्सप्रेसवे रोड के केवल 10 किमी का उपयोग करते हैं. लेकिन उन्हें 75 किमी के लिए टोल का भुगतान करना पड़ता है. गडकरी ने कहा, “यह बिल्कुल गलत है. लेकिन यह हमारे कार्यकाल के दौरान उत्तपन्न हुई समस्या नहीं है. यह पिछली सरकार के दौरान हुआ था. हम इसे सुधारेंगे.”बगौरतलब है कि 1995 और 1999 के बीच महाराष्ट्र सरकार में पीडब्ल्यूडी मंत्री के रूप में गडकरी के कार्यकाल के तहत, अपनी तरह की पहली मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे परियोजना ली गई थी.

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इसके साथ ही नितिन गडकरी ने कांग्रेस सांसद राजीव शुक्ला के एक सवाल के जवाब में यह भी बताया कि NHAI की आर्थिक हालत बेहद मजबूत है और उसके पास पैसे की कोई कमी नहीं है. केंद्रीय मंत्री गडकरी ने दावा किया कि NHAI हर साल पांच लाख करोड़ की सड़कें बनाने की क्षमता रखता है. गडकरी ने कहा कि जो भी मेंबर ऑफ पार्लियामेंट हैं, उनसे पूछो- जो मुझसे रोड मांगने आता है. उसका मैं सेशन कर देता हूं.

यही नहीं केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी ने यह भी बताया कि ग्रीन एक्सप्रेस-वे राजमार्गों के निर्माण से यात्रा के समय में काफी कमी आएगी. एक बार राजमार्ग बन जाने के बाद, दिल्ली से देहरादून, दिल्ली से हरिद्वार, दिल्ली से जयपुर तक की यात्रा में केवल 2 घंटे लगेंगे. दिल्ली से चंडीगढ़ में 2.30 घंटे लगेंगे, दिल्ली से अमृतसर 4 घंटे में और दिल्ली से मुंबई 12 घंटे में यात्रा पूरी होगी.

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