लोकसभा चुनाव 2024 में भारतीय जनता पार्टी को सत्ता तो हासिल हो रही है लेकिन उसका स्वाद फीका सा लग रहा है. ऐसा लगा रहा है मानो बीजेपी के स्वादिष्ट व्यंजन में किसी ने नमक मिला दिया हो. एग्जिट पोल के नतीजों के बाद जहां बीजेपी खेमे में खुशी के ढोल बज रहे थे, वहीं वास्तविक परिणाम ने जीत की खुशी अधुरी सी छोड़ दी. इसी कड़ी में यूपी की वाराणसी संसदीय क्षेत्र से जीत कर रह नरेंद्र मोदी भी अपने आपको ठगा सा महसूस कर रहे होंगे. हालांकि काशी की पुण्य धरा पर नरेंद्र मोदी ने जीत की हैट्रिक जमाई है लेकिन इस बार जिस तरह का प्रदर्शन उनका रहा, या यूं कहें कि जनता ने जिस तरह से उन्हें अधुरा आशीर्वाद दिया, नरेंद्र मोदी विरोधियों से जीत गए लेकिन लग रहा है कि यहीं की जनता से ही हार गए.
मोदी की इस हारी हुई बाजी की वजह है सीट पर जीत-हार का मार्जिन. नरेंद्र मोदी की राजनीतिक जीत की यह सबसे छोटी जीत है. मोदी ने वाराणसी संसदीय सीट पर कांग्रेस के अजय रॉय को हराया है. हालांकि मोदी की जीत सुनिश्चित थी लेकिन जब हार जीत का अंतर सामने आया तो शायद खुद नरेंद्र मोदी को भी यकीन नहीं हुआ होगा कि काशी की जनता से उन्हें इस तरह का आशीर्वाद भी मिल सकता है. नरेंद्र मोदी को इस बार 6,12,970 वोट मिले, जबकि अजय राय को 4,60,457 वोट. दोनों की जीत हार का अंतर केवल 1,52,513 मतों का था. मोदी के मत शेयर में भी 9.38 फीसदी की गिरावट आयी है जो बीजेपी के लिए चिंता का विषय हो सकता है.
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पिछले दो आम चुनावों के आंकड़ों पर नजर डालें तो 2019 के लोकसभा चुनावों में नरेंद्र मोदी को 674,664 वोट मिले थे. दूसरे नंबर पर रही सपा की शालिनी यादव को 195,159 और कांग्रेस के अजय राय को महज 152,548 वोट मिले. अजय राय को मिले वोट इस बार के मोदी-अजय राय के बीच हार जीत के अंतर वाले मतों की संख्या के बराबर है. 2019 में मोदी को 63.62 वोट शेयर हासिल हुए थे. यहां मोदी और दूसरे नंबर पर रही शालिनी यादव के बीच जीत हार का मार्जिन 479,505 का रहा था.
वहीं बात करें 2014 की, जहां नरेंद्र मोदी को 581,022 वोट प्राप्त हुए. यहां उनका मुकाबला आम आदमी पार्टी के संयोजक और तत्कालीन दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से हुआ था. केजरीवाल को महज 209,238 वोट हासिल हुए. यह कुल वोट शेयर का केवल 20.30 प्रतिशत था. मोदी को 56.37 फीसदी वोट शेयर प्राप्त हुआ. कांग्रेस के अजय राय को 75,614, बसपा के विजय प्रकाश जयसवाल को 60,579 और सपा के कैलाश चोरसिया को 45,291 वोट मिले. मोदी और दूसरे नंबर पर रहे अरविंद केजरीवाल के बीच जीत हार का मार्जिन 371,784 का रहा था.
इसी तरह से 2024 के आम चुनाव पर एक नजर डालें तो यहां मोदी और अजय राय के बीच जीत हार का मार्जिन अब तक का सबसे कम रहा है. एक तरफ जहां प्रधानमंत्री पद के दावेदार और सीटिंग पीएम नरेंद्र मोदी के वोट शेयर में 9.38 फीसदी की गिरावट देखी गयी. वहीं सपा और कांग्रेस गठबंधन के उम्मीदवार अजय राय के वोट शेयर में 26.36 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. जबकि पिछले दोनों आम चुनावों में नरेंद्र मोदी ने एक तरफा जीत हासिल की है.
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वहीं मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी उम्मीदवार शिवराज सिंह चौहान ने विदिशा लोकसभा सीट पर कांग्रेस के प्रताप भानू शर्मा को 8 लाख के करीब वोटों से शिख्स्त दी. गांधीनगर से अमित शाह ने भी कांग्रेस उम्मीदवार को 5 लाख वोटों से हराया है. इस लिहाज से नरेंद्र मोदी की जीत काफी छोटी नजर आ रही है. वहीं अजय राय वाराणसी सीट से लगातार चौथी बार चुनाव में उतरे थे और हर बार अपना पिछला प्रदर्शन सुधार रहे हैं. वे 2009 में बसपा के टिकट पर चुनावी मैदान में उतरे थे और तीसरे नंबर पर रहे.
वाराणसी पर तीन दशकों से बीजेपी का कब्जा
यूपी की वाराणसी संसदीय सीट पर 1991 से बीजेपी का कमल खिल रहा है. बीच में केवल एक बार 2004 कांग्रेस के राजेश मिश्रा ने यह सीट जीती थी. उसके बाद 2009 में बीजेपी के मुरली मनोहर जोशी ने यहां फिर से कमल खिलाया. 2014 से नरेंद्र मोदी यहां जीत हासिल कर रहे हैं. पिछले दो चुनावों में उन्होंने एक तरफा जीत हासिल की थी लेकिन इस बार ऐसा करने से चूक गए. वाराणसी में अब तक हुए 17 लोकसभा चुनावों में सपा और बसपा यहां से जीत नहीं पायी है. यहां जनता दल और सीपीएम उम्मीदवार को एक एक बार जीत हासिल हुई है.