पॉलिटॉक्स न्यूज़/बूंदी-कोटा. केंद्रीय जलशक्ति मंत्री और जोधपुर सांसद गजेन्द्र सिंह शेखावत ने रविवार को बूंदी के विकास नगर में मेज नदी हादसे में मृतकों के परिवार के सदस्यों को पहले बूंदी और फिर कोटा स्थित उनके घर जाकर ढांढस बंधाया. इस दौरान मंत्री गजेन्द्र सिंह ने कहा कि राज्य सरकार से मुआवजा राशि बढ़ाए और जिन परिवारों में सिर्फ बच्चे ही बचे हैं उनके पोषण की पृथक से व्यवस्था करे. इसके बाद कोटा पहुंचे केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह ने चंबल पर बने बांधों सहित देश के पुराने बांधों की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई. प्रेस कांफ्रेंस में केन्द्रीय मंत्री ने कहा, देश में ऐसा आयोग बनना चाहिए जो बांधों की सुरक्षा की चिंता करें. इसके साथ ही नागरिकता कानून पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशान साधते हुए मंत्री गजेन्द्र सिंह ने कहा कि सीएए के विरोध में मुख्यमंत्रियों ने खुद मोर्चे निकाले और समाज को बांटने काम किया, आने वाली पीढ़ी इनसे सवाल करेगी.
मेज नदी में गिरी बस हादसे में मृतकों के परिजनो से मिलने बूंदी पहुंचे केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत से एक परिवार में सिर्फ नौ वर्षीय बच्ची जिया बची जो मंत्री से लिपटकर फफक पड़ी. मंत्री शेखावत बच्ची को दुलार कर ढांढस बंधाया और देर तक परिजनों के साथ घर पर बैठे और पूरी घटना को सुना. इस दौरान केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि हादसे पर जितनी चिंता व्यक्त की जाए, कम है. ऐसी घटना दुबारा नहीं हो इसके लिए प्रदेश सरकार ठोस कदम उठाए. साथ ही सरकार दुर्घटना में मारे गए सभी लोगों के लिए दी जा रही मुआवजा राशि को बढ़ाया जिन परिवारों में सिर्फ बच्चे ही रह गए उनके पोषण के लिए सरकार को चाहिए कि पृथक से घोषणा करे.
इसके बाद कोटा पहुंचे केंद्रीय मंत्री शेखावत ने एक प्रेस कांफ्रेंस को सम्बोधित करते हुए कोटा में बाढ़ के समय चंबल के बांधों की स्थिति को लेकर कहा कि, पिछली बारिश में बहुत चिंताजक हालात सामने आए. जब गांधी सागर के सभी गेट खोले गए और पानी तेजी से बढ़ा उस समय वे वायु मार्ग से दिल्ली आने वाले थे, तभी उन्हें सूचना मिली कि गांधी सागर टूट सकता है. उस समय दिल्ली पहुंचने तक का दो घंटे का समय बहुत चिंता में निकला. दिल्ली पहुंचते ही मध्यप्रदेश और राजस्थान सरकार से इस बारे में बात की. वे खुद महसूस करते हैं कि बांधों की सुरक्षा पर बहुत ध्यान देने की जरूरत है. देश में छोटे-बड़े 5 हजार 800 से ज्यादा बांध हैं.
केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि, 70 के दशक के अंत में गुजरात के मोरवी में हुए बांध हादसे के बाद देश में इस तरह का प्रोटोकॉल बनना जरूरी हो गया है कि जिससे बांधों की सुरक्षा हो. बांधों की आयु बढ़ रही है, 20 प्रतिशत से ज्यादा बांध 70 साल से ज्यादा पुराने हैं और 50 प्रतिशत बांध ऐसे हैं जिनकी आयु 50 साल से ज्यादा हो गई है. बांधों की सुरक्षा के लिए प्रोटोकॉल बने यह अत्यंत आवश्यक है.
वहीं प्रेस कांफ्रेंस में सीएए को लेकर केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह ने कोटा में कहा कि किसी भी भारतीय नागरिक का इस कानून से कोई संबंध नहीं है. संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों ने भ्रम फैलाकर जिस तरह झूठ को पांव पर चलाने का प्रयास किया है ये अच्छा नहीं है. सीएए के विरोध में मुख्यमंत्रियों ने खुद मोर्चे निकाले और समाज को बांटने काम किया, आने वाली पीढ़ी इनसे सवाल करेगी.
मंत्री शेखावत ने बताया कि केवल 2014 तक जो शरणार्थी भारत आ गए उन्हें 11 साल के बजाय 5 साल में नागरिकता दी जा रही है. अकेले जोधपुर में 25 हजार लोग रहते हैं, उन्हें वापस जाने की कहते हैं मेरे घर पर आकर रोते हैं, कहते हैं आप चाहे तो फांसी चढ़ा दो पर नरक में वापस मत भेजो. सिंह ने कहा, पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के हिंदू, सिख, बौद्ध अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने लिए यह कानून लाया गया है. इन तीन देशों के अल्पसंख्यक प्रताडि़त हो रहे हैं, उनके साथ अन्याय हुआ है, उन्हें राहत देने के लिए यह कानून लाया गया है.