Politalks.News/Rajasthan. राजस्थान (Rajasthan) के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट (Sachin Pilot) के नाम पर नौकरी लगाने के नाम पर 16 लाख रुपये की ठगी का मामला सामने आने से हड़कंप मंच गया है. आरोप है कि उत्तराखंड यूकेपीएससी में कॉलेज व्याख्याता के पद पर इंटरव्यू में (In The Name Of Getting Selected For The Post Of Lecturer In Uttarakhand PSC) सलेक्शन कराने का झांसा देकर ठगी की गई है. सरकारी नौकरी में सलेक्शन नहीं करवा पाने पर अब आरोपी पैसे लेकर फरार है. गंभीर बात यह है कि परीक्षा परिणाम में सफलता नहीं मिलने पर पीड़ित द्वारा पैसे वापस करने की मांग की गई तो उन्हें जान से मारने तक की धमकी दी गई है. इस संबंध में धौलपुर के बाड़ी में मामला दर्ज हुआ है. सियासी गलियारों में इस मामले को लेकर चर्चाओं का दौर शुरू हो चुका है. पायलट हमेशा अपने भाषणों और इंटरव्यू में लोगों से अपनी किस्मत और मेहनत पर भरोसा रखने की बात कहते रहे हैं. दूसरी तरफ लोग पायलट के नाम पर शातिर ठगों का शिकार हो जाते हैं. आपको बता दें कि पहले भी जयपुर में पायलट के नाम पर नौकरी लगवाने को लेकर करधनी मामले में लाखों की ठगी का मामला दर्ज हुआ था.
UKPSC के इंटरव्यू में पास करवाने का दिया था झांसा
धौलपुर के बाड़ी निवासी पीड़ित ठाकुरदास बंसल ने बताया कि, ‘उनके यहां किराए पर साल 2008 से 2010 तक विनोद आबड़ पुत्र निहाल सिंह गुर्जर निवासी संडपुरा रहता था. वह खुद को तत्तकालीन उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट का बेहद करीबी बताता था. उसने कई बार उनके आगे फोन पर सचिन पायलट से बात करने का झांसा भी दिया. कुछ समय बाद बंसल के दामाद अनिल कुमार ने उत्तराखंड लेक्चरर-2018 की परीक्षा दी. इस बात की जानकारी आरोपी विनोद को थी. लिखित परीक्षा पास होने के बाद आरोपी विनोद ने ठाकुरदास से कहा कि, ‘वह उनके दामाद को इस इंटरव्यू में पास करवा सकता है. उसकी सचिन पायलट से सीधी जान-पहचान है’. आरोपी विनोद ने कई बार ऐसे स्वांग भी रचे, जिससे पीडि़त व उसके परिजनों को उसकी गहरी पहचान सचिन पायलट के साथ होने का विश्वास हो गया.
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18 लाख मांगें थे शातिर ने, 16 में तय हुआ सौदा
ठगी के शिकार हुए ठाकुरदास ने बताया कि, ‘शातिर आरोपी विनोद द्वारा उन्हें उनके दामाद अनिल को इंटरव्यू में पास कराने के लिए 18 लाख की मांग रखी गई. जिस पर 16 लाख में सौदा तय हुआ. एक दिन विनोद ने फोन कर जल्द से जल्द 16 लाख रुपए पहुंचाने की मांग की. जिस पर एक बार में 6 लाख तथा दूसरी बार में 10 लाख रुपए बंसल अपने दो सहयोगियों सत्येंद्र तथा हरिचंद के साथ मिलकर आरोपी के गांव संडपुरा में नकद पहुंचाए’. पीडि़त ने बताया कि, ’16 लाख रुपए उसके द्वारा दो किस्तों में 2020 को आरोपी को दिए थे’. बंसल का आरोप है कि, ‘पायलट की पीए छाया शर्मा द्वारा उत्तराखंड पीएससी के अध्यक्ष को फोन कराकर सिलेक्शन कराने की बात कही थी’
सलेक्शन नहीं होने पर मांगें पैसे तो जान से मारने की दी धमकी
पैसे लेने के बाद आरोपी पीड़ित परिवार को आश्वासन देता रहा कि उनका काम हो जाएगा. जैसे ही परीक्षा परिणाम घोषित हुआ तो उसमें उनके दामाद का नाम नहीं था. जिस पर आरोपी से बात की गई तो उसने कहा कि, ‘आपका काम हो गया है. कोई तकनीकी खराबी है. मैं बात करता हूं’. ऐसे करते-करते उसने लंबे समय तक परिवार को टाला, लेकिन जब पीडि़त परिवार द्वारा उनके पैसे वापस करने की मांग दबाव के साथ की गई तो उसने पीडि़त को नौकरी करना भुलाने तथा जान से मारने की धमकी दी. कहा कि, ‘मेरे पास कोई भी पैसे नहीं है’.
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वरिष्ठ अध्यापक के पद पर कार्यरत हैं पीड़ित, दामाद के लिए दिया था पैसा
आपको बता दें कि पीड़ित ठाकुरदास बंसल राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय में वरिष्ठ अध्यापक पद पर कार्यरत हैं. पीड़ित ठाकुरदास बंसल पुत्र रामजीलाल बंसल निवासी गली नंबर-8 हौद मोहल्ला बाड़ी थाना बाड़ी जिला ने बाड़ी न्यायालय एसीजेएम नंबर-3 में इस्तगासा पेश किया. इस्तगासा के जरिए 20 जनवरी को बाड़ी सदर थाने में आरोपी विनोद कुमार पुत्र निहाल सिंह गुर्जर निवासी गांव संडपुरा थाना सदर बाड़ी के खिलाफ मामला दर्ज कराया है. पुलिस ने इस्तगासा के जरिए प्राप्त हुए परिवाद पर आरोपी के खिलाफ धारा 420,406,506 आईपीसी में दर्ज कर जांच शुरू कर दिया गया है. मामले को लेकर पीडि़त पुलिस अधीक्षक शिवराज मीणा से भी व्यक्तिगत मिले, जिन्होंने जल्द ही आरोपी की गिरतारी एवं मामले को सुलझाने की बात कही. पुलिस द्वारा मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
पहले भी जयपुर में दर्ज हो चुका है ऐसा ही मामला
मजे की बात यह है कि इससे पहले भी कई बार ऐसे मामले सामने आ चुके हैं. जुलाई 2021 में जयपुर में भी ऐसी ही ठगी हो चुकी है. जयपुर के करधनी थाने में सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर 4 लोगों से 11 लाख की ठगी हुई थी. इस मामले में भी ना तो पीड़ितों को नौकरी मिली ना ही पैसे.