सुभाष चंद्र बोस की मूर्ति लगवाना है एक दिखावा, बीजेपी-RSS करती है अफवाह फैलाने का काम- गहलोत

भाजपा-आरएसएस पूरे देश को गुमराह करते रहते हैं, देश के नौजवानों को गुमराह कर रहे हैं. इतिहास को तोड़ना- मरोड़ना जानते हैं, जवाहर लाल नेहरू और सुभाष चंद्र बोस के बीच आत्मीय संबंध था, महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता की उपाधि सुभाष चंद्र बोस ने ही दी थी, सुभाष चंद्र बोस को याद करने के लिए ही हर कांग्रेस नेता बोलता है जयहिंद

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Politalks.News/Rajasthan. बीते रोज रविवार को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125 वीं जंयती के उपलक्ष्य में आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बीजेपी और RSS को जमकर आड़े हाथ लिया. पीएम मोदी द्वारा नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मूर्ति अनावरण पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि सुभाष चंद्र बोस की मूर्ति लगवाना केवल एक दिखावा है, इससे काम नहीं चलता. पीएम मोदी को विचारधारा की बात करनी चाहिए और सुभाष चंद्र बोस की विचारधारा कांग्रेस की विचारधारा थी.

सीएम गहलोत ने कहा कि हम बचपन से सुनते आ रहे हैं कि महात्मा गाधी, पंडित जवाहलाल नेहरू और सुभाष चंद्र बोस में मतभेद थे. सीएम ने कहा कि पहले के जमाने के नेताओं में मतभेद होते थे, लेकिन मनभेद नहीं होते थे. सभी का ही एक ही लक्ष्य था अपने देश भारत को आजाद कराने का. दोनों महान पुरुषों के बारे में भाजपा-आरएसएस ने निराधार अफवाहें फैलाई. सीएम गहलोत ने कहा कि भाजपा-आरएसएस के लोग अपराध बोध से ग्रसित हैं, आजादी की लड़ाई में इनकी कोई भूमिका नहीं रही.
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नेताजी की 125वीं जयंती पर आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आगे कहा कि भाजपा-आरएसएस पूरे देश को गुमराह करते रहते हैं, देश के नौजवानों को गुमराह कर रहे हैं. इतिहास को तोड़ना- मरोड़ना जानते हैं. सीएम ने कहा कि आज देश को शांति, सद्भावना और प्यार-मोहब्बत की जरूरता है. भावना से ही हम देश को अखंड और मजबूत बना सकते हैं. सीएम गहलोत ने कहा कि जहां शांति है, वहां विकास होता है. इस दौरान सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि नेहरू जब जेल में थे तो उनकी पत्नी कमला नेहरू बीमार हो गई थी, तब सुभाष चंद्र बोस टीबी का इलाज कराने के लिए कमला नेहरू को जर्मनी लेकर गए थे. यही नहीं जवाहर लाल नेहरू सुभाष चंद्र बोस के घर रुकते थे. यहां तक की फारवर्ड ब्लाक अलग पार्टी बना ली थी, तब भी दोनों नेताओं के बीच आत्मीय संबंध था. सीएम गहलोत ने कहा कि महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता की उपाधि सुभाष चंद्र बोस ने ही प्रदान की है, सुभाष चंद्र बोस को याद करने के लिए हर कांग्रेस नेता जयहिंद बोलता है.

कार्यक्रम के दौरान भाजपा और आरएसएस पर बड़ा हमला बोलते हुए मुख्यमंत्री गहलोत में कहा कि अफवाह फैलाने के अलावा बीजेपी और RSS के पास और कोई बात ही नहीं है. सीएम गहलोत ने कहा कि वीर सावरकर के बारे में तो कहते हैं कि जब अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई चल रही थी, उस उस वक्त वह अंग्रेजों के लिए मुखबिरी किया करते थे. अब आजकल तो भाजपाई गोड़से की मूर्ति लगाने लग गए और उनकी पूजा करने लग गए. सीएम ने कहा कि भाजपा को देश के नौजवानों को गुमराह करने का क्या अधिकार है.

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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आगे कहा कि आरएसएस अपने नागपुर मुख्यालय पर तिरंगा झंडा नहीं लगाते थे. आरएसएस पहले तिरंगे झंडे के स्वीकार नहीं करती थी, अब जाकर स्वीकर करने लगे हैं. अब जाकर गांधीजी को मानने लगे हैं. सीएम गहलोत ने कहा कि लोकतंत्र में हर असहमति का सम्मान करना चाहिए, लोकतंत्र का मतलब ही यही होता है कि असहमति का सम्मान करना. अपनी आलोचना करने वालों की बातों को भी ध्यान से सुनना चाहिए. आज देश में असहमति व्यक्त करने पर देशद्रोही बन जाते हैं. सुभाष चंद्र बोस की मूर्ति लगवाना दिखावा है, इससे काम नहीं चलता. पीएम मोदी को विचारधारा की बात करनी चाहिए और सुभाष चंद्र बोस की विचारधारा कांग्रेस की विचारधारा थी. कांग्रेस के अंदर भी नरम दल और गरम दल थे. आज देश में तनाव और हिंसा का माहौल है, देश का लोकतंत्र खतरे में है.

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