Poiltalks.News/Rajasthan. 10 कांग्रेस जिलाध्यक्षों को बीस सूत्री कार्यक्रम क्रियान्वन समिति का जिला उपाध्यक्ष बनाए जाने पर घिरी कांग्रेस ने बीच का रास्ता निकाल लिया है. पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा (Govind Singh Dotasara) ने आज बयान दिया है कि अब जो भी कांग्रेस (Congress) का जिलाध्यक्ष होगा वह बीसूका भी उपाध्यक्ष होगा, लेकिन अब ये बात गले नहीं उतर रही है. 13 जिलों में बीसूका जिला उपाध्यक्ष की नियुक्ति के बाद सियासी गलियारों में चर्चा थी कि क्या कांग्रेस एक व्यक्ति एक पद का सिद्धांत भूल गई है? लेकिन अब कांग्रेस में संगठन में बैठे नेताओं पर एक व्यक्ति एक पद का सिद्धांत लागू नहीं होगा. कांग्रेस जिलाध्यक्षों के साथ संगठन के बाकी पदाधिकारियों को राजनीतिक नियुक्तियां (political appointment) मिलने पर फैसला हो चुका है. प्रदेश में अभी कांग्रेस के 13 ही जिलाध्यक्ष हैं. 25 से ज्यादा जिलाध्यक्षों के पद पर नियुक्तियां होना बाकी है. अब यह तय कि इन 25 सीटों के लिए लॉबिंग तेज हो जाएगी. वहीं ऐसे में ये भी तय माना जा रहा है कि बीसूका की राज्य स्तरीय समिति का उपाध्यक्ष पीसीसी चीफ डोटासरा को बनाया जाएगा, जिससे डोटासरा भी कैबिनेट मंत्री का दर्जा पाकर बैठक में शामिल हो सकेंगे.
वहीं, कांग्रेस जिलाध्यक्षों की बीसूका की जिला कमेटियों में उपाध्यक्ष की नियुक्ति पर विपक्ष के वार और मीडिया में हुई खिंचाई के बाद कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि, ‘यह पद प्रशासन के साथ सत्ताधारी पार्टी के जिलाध्यक्ष का समन्वय बनाने का एक माध्यम है. अब तो यह गाइडलाइन बन गई है कि सभी जिलों के कांग्रेस जिलाध्यक्ष बीस सूत्री कार्यक्र्म की जिला समिति के उपाध्यक्ष भी बनेंगे. हालांकि जिन जिलों में 2 या 3 जिलाध्यक्ष हैं, वहां सभी जिलाध्यक्ष बीसूका उपाध्यक्ष नहीं बन सकेंगे, उनके लिए अलग रास्ता निकालकर एडजस्ट किया जाएगा‘.
यह भी पढ़ें- सैंपलिंग की ढिलाई पर CM ने जताई नाराजगी, वैक्सीनेशन के लिए दी डेडलाइन, मंत्री बोले- बंद हों स्कूल
कांग्रेस में एक व्यक्ति एक पद फार्मूले को खारिज करने के सवाल पर प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि, ‘यह पद नहीं है, जो पार्टी का जिलाध्यक्ष होगा वह प्रशासन के साथ संवाद स्थापित कर सके इसलिए बीसूका जिला समिति में उपाध्यक्ष बनाया है. प्रशासन के साथ चर्चा करके उनकी समस्याओं का समाधान करने के लिए यह जरूरी था. यह काम कई सालों पहले हो जाना चाहिए था’. डोटासरा ने कहा कि, ‘जिस पार्टी की सरकार होती है उसका जिलाध्यक्ष कलेक्टर की मीटिंग में नहीं जा सकता तो फिर वह किस तरीके से जनता की बात को प्रशासन के सामने रखेगा. प्रभारी मंत्री मीटिंग नहीं ले पाते हैं तो उनकी जगह जिला अध्यक्ष बीसूका उपाध्यक्ष के तौर पर मीटिंग ले सकेंगे’.
जिलाध्यक्ष बनने के लिए तेज होगी लॉबिंग
प्रदेश कांग्रेस संगठन की ओर से अभी केवल 13 जिलाध्यक्ष ही बने हैं. बाकी बचे 25 हुए जिलों में जिलाध्यक्षों की नियुक्ति बाकी है. कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष की ताजा घोषणा के बाद अब जिलाध्यक्ष के लिए लॉबिंग तेज होगी. बीसूका जिला समिति उपाध्यक्ष बनाने के फैसले से अब कांग्रेस में जिलाध्यक्ष के लिए नेताओं की लंबी कतार लगना तय है.
क्या काम होगा बीसूका उपाध्यक्ष का?
बीसूका जिला उपपाध्यक्ष जिले के सभी अफसरों की बैठक लेकर समय-समय पर रिव्यू करेगा. जिले का प्रभारी मंत्री इस समिति का अध्यक्ष होता है. जिले के प्रशासन पर पकड़ बनाने के लिए बीसूका जिला उपाध्यक्ष का काफी अहम रोल रहेगा.
यह भी पढ़ें- मेरे खिलाफ खूब अभियान चलाया, मैंने बुरा नहीं माना, लोकतंत्र में सबको बात कहने का अधिकार- गहलोत
…तो डोटासरा होंगे बीसूका राज्य समिति के उपाध्यक्ष?
जिलाध्यक्षों को बीसूका की जिला समिति का उपाध्यक्ष बनाने की गाइडलाइन के बाद आगे चलकर इसे कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष के लिए भी लागू किया जा सकता है. आगे अगर प्रदेश स्तर पर इसी फार्मूले को लागू किया गया तो गोविंद सिंह डोटासरा को बीसूका की राज्य समिति का उपाध्यक्ष बनाया जा सकता है. इस पद पर वरिष्ठ नेताओं को ही मौका मिलता आया है. राज्य समिति उपाध्यक्ष को कैबिनेट मंत्री का दर्जा मिलता है.