Politalks.News/Haryana. कोरोना में महासंकट के बीच केन्द्र के कृषि कानूनों के खिलाफ 140 दिनों से दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का आंदोलन जारी है. अब इसको वोटबैंक खिसकने का डर कहें या किसानों के प्रति जागी सह्रदयता हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर आंदोलन कर रहे किसान सगंठनों के साथ एक बार फिर से बातचीत शुरू करने का आग्रह किया है. चौटाला ने कहा है कि, ‘केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए तीन नए कृषि कानूनों को लेकर हमारे ‘अन्नदाता‘ दिल्ली की सीमा पर सड़कों पर बैठे हैं, यह चिंता का विषय है कि सौ से भी अधिक दिनों से इस तरह के आंदोलन चल रहे हैं. मैं वास्तव में यह मानता हूं कि हर समस्या का एक समाधान आपसी चर्चा के माध्यम से निकल सकता है.’ चौटाला ने प्रधानमंत्री से आंदोलनकारी किसानों के साथ बातचीत करने के लिए तीन से चार कैबिनेट सदस्यों की एक कमेटी बनाने की बात भी कही है.
‘बातचीत’ से ही बनेगी ‘बात’- चौटाला
उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने अपने पत्र में कहा है कि केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच पहले की वार्ता ने संयुक्त मोर्चा द्वारा जताई गई चिंताओं के लिए कुछ समाधान निकाले हैं. इस संबंध में, तीन से चार वरिष्ठ कैबिनेट मंत्रियों को मिलाकर बनाई गई एक टीम किसानों के साथ बात फिर से शुरू करने और एक सौहार्दपूर्ण निष्कर्ष तक पहुंचने के लिए प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर सकती है. चौटाला ने उल्लेख किया है कि हरियाणा देश का एकमात्र राज्य है, जहां गेहूं, सरसों, दलहन, चना, सूरजमुखी और जौ सहित कुल छह फसलें एमएसपी में खरीदी जाती हैं. चौटाला ने कहा कि मुझे यकीन है कि केंद्र सरकार के सहयोग से हरियाणा में एमएसपी पर किसानों की फसलों की खरीद भविष्य में भी इसी तरह जारी रहेगी.
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गृह मंत्री अनिल विज ने भी जताई थी चिंता
आपको बता दें कि, चौटाला से पहले हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने देशभर के साथ ही हरियाणा में भी एक बार फिर तेजी से बढ़ते कोरोना के मामलों के बीच यहां चल रहे किसान आंदोलनों को लेकर गंभीर चिंता जताई थी. अनिल विज ने कहा था कि आज जब एक बार फिर कोरोना बहुत तेजी से फैल रहा है ऐसे में हरियाणा की सीमाओं पर किसानों का इतना बड़ा जमावड़ा लगा हुआ है. मुझे जनता के साथ ही किसानों को भी कोरोना संक्रमण से बचाना है. विज ने कहा था कि इस स्थिति से निपटने के लिए मैं केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को पत्र लिखने वाला हूं, जिससे कि किसानों के साथ बातचीत का सिलसिला दोबारा शुरू किया जा सके.
बीते साल 26 नवंबर से जारी है आंदोलन
गौरतलब है कि केन्द्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ बीते साल 26 नवंबर से हजारों की तादाद में किसान दिल्ली और हरियाणा की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं. कृषि कानूनों को रद्द कराने पर अड़े किसान इस मुद्दे पर सरकार के साथ आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर चुके हैं. किसानों ने सरकार से जल्द उनकी मांगें मानने की अपील की है. वहीं सरकार की तरफ से यह साफ कर दिया गया है कि कानून वापस नहीं होगा, लेकिन संशोधन संभव है.
बता दें कि आंदोलन कर रहे किसान हाल ही बनाए गए 3 नए कृषि कानूनों – द प्रोड्यूसर्स ट्रेड एंड कॉमर्स (प्रमोशन एंड फैसिलिटेशन) एक्ट, 2020, द फार्मर्स ( एम्पावरमेंट एंड प्रोटेक्शन) एग्रीमेंट ऑन प्राइस एश्योरेंस एंड फार्म सर्विसेज एक्ट, 2020 और द एसेंशियल कमोडिटीज (एमेंडमेंट) एक्ट, 2020 का विरोध कर रहे हैं. केन्द्र सरकार सितंबर में पारित किए तीनों कृषि कानूनों को कृषि क्षेत्र में बड़े सुधार के तौर पर पेश कर रही है, वहीं प्रदर्शन कर रहे किसानों ने आशंका जताई है कि नए कानूनों से एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) और मंडी व्यवस्था खत्म हो जाएगी और वे बड़े कॉरपोरेट पर निर्भर हो जाएंगे.
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खिसकते वोटबैंक ने बड़ाई दुष्यंत चौटाला की मुश्किल
अभय चौटाला पहले भी पीएम से मिलकर किसानों के प्रति चिंता जता चुके हैं. हरियाणा में किसान संगठनों की ओर से लगातार दुष्यंत चौटाला और उनकी जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) पर भाजपा की गठबंधन सरकार से समर्थन वापसी का दबाव डाला जा रहा है. लेकिन बीजेपी और जेजेपी के नेताओं ने सभी अटकलों को विराम देते हुए कहा था कि बीजेपी-जेजेपी सरकार अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी. दुष्यंत चौटाला पहले भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को किसान आंदोलन के प्रभाव का फीडबैक दे चुके हैं.
चौटाला ने कहा कि किसानों की मुख्य मांग एमएसपी को लेकर है. हरियाणा सरकार ने किसानों को आश्वासन दिया है कि एमएसपी पर किसी तरह की आंच नहीं आने दी जाएगी. केंद्र सरकार के स्तर से भी एमएसपी को लेकर ठोस आश्वासन किसानों को मिलना चाहिए, ताकि उनकी शंकाएं दूर हों. सूत्रों के मुताबिक दुष्यंत चौटाला ने प्रधानमंत्री मोदी से कहा कि सियासी गलियारे में भले ही तमाम अटकलें लग रही हों लेकिन उनकी पार्टी खट्टर सरकार का समर्थन जारी रखेगी.