Politalks.News/Rajasthan/Delhi. राजस्थान के 13 जिलों के लिए प्रस्तावित ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट का मामला आज राज्यसभा में उठा. राज्यसभा में सांसद डॉ. किरोड़ीलाल मीणा ने मंगलवार को उच्च सदन में मामला उठाते हुए मांग की कि ईस्टर्न कैनाल परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना घोषित की जाए और इस परियोजना से वंचित क्षेत्रों को भी जोड़ा जाए. डॉ किरोड़ी मीणा में इससे जुड़ी कई अन्य समस्याओं को उठाते हुए कहा कि इस महत्वाकांक्षी परियोजना से उनका भावनात्मक जुड़ाव है और जिस दिन यह पूरी होगी, उस दिन उन्हें जिंदगी की बड़ी खुशी मिलेगी.
अपने सम्बोधन में सांसद डॉ किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि राजस्थान एक ऐसा प्रदेश है, जहां देश के कुल भूभाग का 10.41 प्रतिशत यानी 3.42 लाख वर्ग किलोमीटर भू-भाग है. यहां सिर्फ एक प्रतिशत बारिश होती है, जबकि देश के जल संसाधनों का मात्र 1 प्रतिशत हिस्सा ही राजस्थान को प्राप्त है. उसमें भी देश की संपूर्ण फ्लोराइड आबादी प्रभावित आबादी में से 53 प्रतिशत राजस्थान में रहती है. इसके कारण राज्य सरकार ने केंद्र को करीब 13 जिलों की सिंचाई एवं पेयजल के लिए महत्वपूर्ण परियोजना ईआरसीपी प्रस्तावित की है, जिसमें दौसा, करौली, टोंक, सवाई माधोपुर, जयपुर ग्रामीण, भरतपुर, अलवर के महत्वपूर्ण बांधों को नहीं जोड़ा गया है. जिसके कारण ये जिले पूरी तरह लाभान्वित नहीं हो पाएंगे.
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डॉ किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि केंद्र सरकार से आग्रह है कि इस संबंध में अंतरराज्यीय नियंत्रण मंडल की 13वीं बैठक की पालना कराई जाए और राजस्थान सरकार से कहा जाए कि प्रोजेक्ट के संबंध में खुद की लागत राशि तय करे. डॉ किरोडी मीणा ने आगे कहा कि इस परियोजना के संबंध में पुन: इसका सर्वे किया जाए ताकि वंचित क्षेत्रों को भी जोड़े जा सके.