क्या आप जानते हैं देश में ग्रीन जोन के मामले में मध्यप्रदेश तीसरे तो उत्तरप्रदेश हैं पांचवे नंबर पर

रेड और ऑरेंज में पहले पायदान पर है यूपी तो चौथे नंबर पर है एमपी ऑरेंज जोन में, 4 मई से शुरू होगा लॉकडाउन का तीसरा चरण, पहले के मुकाबले ज्यादा रहेगी सख्ती

Green Zone On India
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पॉलिटॉक्स न्यूज. देशभर में सोमवार से अगले 14 दिनों के लिए लॉकडाउन फेज 3.0 हो रहा है. हालांकि सरकार ने स्पष्ट किया है कि 14 दिन तक देश के 130 रेड जोन जिलों में कोई राहत नहीं दी जाएगी. हां, कोरोना संक्रमणों की संख्या के आधार पर पिछले लॉकडाउन के मुकाबले थोड़ी बहुत छूट जरूर दी गई है. इसके लिए स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना मामलों की संख्या, डबलिंग रेट और टेस्ट के हिसाब से देश के राज्यों के अलग-अलग जिलों को रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोन में बांटा है. ये भी माना जा रहा है कि 3 मई के बाद जैसे ही लॉडाउन 3.0 चालू होगा, पहले के मुकाबले सख्ती ज्यादा हो सकती है.

देश में सभी जगह रेड जोन की बात हो रही है जो कि होनी भी चाहिए, लेकिन क्या आप जानते हैं कि रेड जोन में पहले नंबर पर आने वाला उत्तर प्रदेश ग्रीन जोन में टॉप 5 में शामिल है. इसी प्रकार मौतों के आंकड़ों में टॉप 3 में आने वाला मध्य प्रदेश ग्रीन जोन में तीसरे स्थान पर है. अजीबो गरीब बात है लेकिन जो भी है, सच है. बात करें ग्रीन जोन की तो इस सूची में असम (30) पहले नंबर पर है. अरूणाचल प्रदेश और छत्तीसगढ़ 25-25 जिलों के साथ दूसरे और मध्य प्रदेश (24) तीसरे, ओडिसा (21) चौथे और उत्तर प्रदेश (20) पांचवें नंबर पर है. ऐसा क्यों है, ये प्रश्न उठना लाजमी है.

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बात करें मध्य प्रदेश की तो यहां के 9 जिले रेड, 19 जिले आॅरेंज और 24 जिले ग्रीन जोन में हैं. यहां कुल जिलों की संख्या 52 है. फिलहाल कोरोना के मरीजों की संख्या के हिसाब से एमपी देश में चौथे और मौत के आंकड़ों में तीसरे नंबर पर है. अब बात करें प्रदेश के ग्रीन जोन में तीसरे नंबर पर आने की तो कोरोना के मरीजों की संख्या 2715 और 145 मौते जरूर हुई हैं लेकिन दो हजार से अधिक मरीज केवल इंदौर और भोपाल में है. दोनों सहित तीन शहरों में मौत का आंकड़ा 112 है. दोनों शहरों को निकाल दिया जाए तो तीन संख्या में केवल उज्जैन शहर है जहां 147 संक्रमित मरीज हैं. अन्य 49 जिलों में कोरोना के मरीज 100 से काफी नीचे है.

मध्य प्रदेश में रेड जोन में इंदौर, भोपाल, उज्जैन, जबलपुर, धार, बड़वानी, पूर्वी निमाड़, देवास और ग्वालियर है.
ग्रीन जोन में रीवा, अशोक नगर, राजगढ़, शिवपुरी, अनूपपुर, बालाघाट, भिंड, छतरपुर, दमोह, दतिया, गुना, झाबुआ, कटनी, मंडिया, नरसिंहपुर, नीमच, पन्ना, सतना, सीहोर, सिवनी, सीधी, उमरिया, सिंगरौली और निवाड़ी है.
ऑरेंज जोन में खरगोन, रायसेन, होशंगाबाद, रतलाम, आगर मालवा, मंदसौ, सागर, शाजापुर, छिंदवाड़ा, अलीराजपुर, टीकगढ़, शहडोल, श्योपुर, डिंडोरी, बुरहानपुर, हरदा, बैतूल, विदिशा और मुरैना हैं.

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01अब बढ़ते हैं यूपी की ओर, जिसके ग्रीन जोन में 20 जिले हैं और वो 58वें नंबर पर है. इसकी एक वजह तो ये है कि प्रदेश में 75 जिले हैं. जितने जिलों के साथ यूपी का टॉप पर रहना स्वभाविक है. यही वजह है कि यूपी रेड और आॅरेंज दोनों जोन में टॉप पर है. दूसरी वजह ये है कि प्रदेश के बड़े शहरों में ही कोरोना के मरीजों की संख्या अधिक है. छोटे शहरों में संक्रमितों की संख्या काफी कम है और उनमें भी ठीक होने वालों की संख्या अधिक. इस वजह से प्रदेश के 20 जिले ग्रीन जोन में शामिल हैं.

उत्तर प्रदेश के बाराबंकी, खेडी, हाथरस, महाराजगंज, शाहजहांपुर, अंबेडकर नगर, बलिया, चंदोली, चित्रकूट, देवरिया, फर्रूखाबाद, फतेहपुर, हमीरपुर, कानपुर देहात, कुशी नगर, ललितपुर, महोबा, सिद्धार्थ नगर, सोनभद्र और अमेठी ग्रीन जोन में हैं. वहीं आगरा, लखनउ, सहारनपुर, कानपुर, मुरादाबाद, फिरोजाबाद, गौतम बुद्ध नगर, बुलंद शहर, मेरठ, रायबरेली, वाराणसी, बिजनौर, अमरोहा, संत कबीर नगर, अलीगझ़, मुजफ्फर नगर, रामपुर, मथुरा और बरेली रेड जोन में हैं.

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केंद्रीय मंत्रालय की शुक्रवार को हुई बैठक में स्वास्थ्य मंत्रालय ने देश के हर राज्य को तीन जोन में बांट दिया. कोरोना संकट की विकट परिस्थितियों को देखते हुए ऐसा किया गया है. रेड जोन में देश के 130 जिलों को रखा गया है. यहां कोरोना के मरीज भी अधिक हैं और मरने वालों की संख्या भी. ग्रीन जोन के 319 जिलों में कोरोना के मरीजों की संख्या या तो कम है या फिर नियंत्रण में है. इस जोन में पिछले 21 दिनों से कोई कोरोना मरीज नहीं मिला है. देश के 284 जिलों वाले आॅरेंज जोन में पिछले 14 दिनों से कोई कोरोना मरीज नहीं मिला है. ऐसे में ग्रीन और आॅरेंज जोन में रेड जोन के मुकाबले कुछ रियायतें दी गई हैं.

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जैसा कि बताया जा चुका है, देश के 130 जिले को रेड जोन में शामिल किया गया है. उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक 19 जिले रेड जोन में शामिल हैं. दूसरे नंबर पर महाराष्ट्र (14) और तीसरे नंबर पर तमिलनाडू (12) है. पश्चिम बंगाल के 10 शहरों को इस केटेगिरी में शामिल किया है. हालांकि ममता सरकार ने आपत्ति जताते प्रदेश में केवल 4 जिलों को रेड जोन में होने का दावा किया है. राजस्थान के 8 जिले रेड जोन में हैं.

आॅरेंज जोन की सूची में 284 शहरों को शामिल किया गया है जिसमें भी उत्तर प्रदेश ने बाजी मारी है. यूपी 36 जिलों के साथ पहले नंबर पर है. तमिलनाडू (24) दूसरे और बिहार (20) तीसरे नंबर पर है. गुजरात, मध्य प्रदेश, राजस्थान 19 जिलों के साथ चौथे और हरियाणा व तेलंगाना 18 राज्यों के साथ पांचवें स्थान पर है.

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