बिहार में सुशांत केस बनेगा चुनावी मुद्दा? यादव-फडणवीस की जोड़ी क्या कर पाएगी कमाल?

महाराष्ट्र के पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस को सौंपी बिहार चुनाव की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी, भूपेंद्र यादव और फडणवीस की जोड़ी करेगी बीजेपी की जीत की रणनीति को अमलीजामा पहनाने का काम

Devendra Fadanvis-BhupendraYadav-Sushant Singh Rajput
Devendra Fadanvis-BhupendraYadav-Sushant Singh Rajput

PoliTalks.news/Bihar. लगता है बीजेपी सुशांत सिंह राजपूत सुसाइड मामले और सीबीआई जांच में क्रेडिट लेने को बिहार विधानसभा चुनाव में जमकर खपाने वाली है. बिहार चुनाव में सुशांत का मामला पहले से ही हॉट चैप्टर है और करीब करीब सभी राजनीतिक दल इसे खुदका चुनावी मुद्दा बना रहे हैं. ऐसे में बीजेपी भी इस मुद्दे पर दांव खेल रही है. इसी के चलते महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस को बिहार चुनाव का प्रभारी बनाया गया है. देवेंद्र फडणवीस बिहार प्रभारी भूपेन्द्र यादव के साथ बिहार चुनाव की रणनीति बनाएंगे. महाराष्ट्र के बाहर देवेन्द्र फडणवीस को पहली बार बड़ी जिम्मेदारी दी गई है.

अब पहला सवाल तो ये निकल कर आ रहा है कि आखिर देवेंद्र फडणवीस ही क्यों? जवाब है फडणवीस ही महाराष्ट्र के वो पहले इकलौते नेता थे जिन्होंने सुशांत मामले को सीबीआई से जांच कराने की मांग पुरजोर से उद्धव सरकार के समक्ष रखी, न केवल रखी, इस पर जमकर बवाल भी मचाया. उसके बाद नारायण राणे ने आगे आते हुए इस मामले में उद्धव सरकार और मंत्री आदित्य ठाकरे पर गंभीर आरोप भी लगाए.

खैर… वो कहानी अलग है लेकिन देवेन्द्र फडणवीस को बिहार चुनाव का प्रभारी बनाए जाने के बाद माना जा रहा है कि अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत डेथ केस बिहार में चुनावी मुद्दा बन सकता है और इसका असर भी दिखेगा. यही कारण है कि बीजेपी ने इस मुद्दे को हवा दे रही है और इस मामले में अगुवाई कर चुके देवेंद्र फडणवसी को बिहार के चुनावी रण में उतारा है.

देवेंद्र फडणवीस को बिहार के चुनावी समर में उतारने की एक बड़ी वजह ये भी रही कि भूपेंद्र यादव और देवेंद्र फडणवीस की जोड़ी महाराष्ट्र में बेहतर नतीजे लाने में सफल रही है. दोनों की आपसी समझ काफी एकराय है. ऐसे में महाराष्ट्र के बाद ये जिताउ जोड़ी बिहार में भी बीजेपी की जीत की रणनीति को अमलीजामा पहनाने का काम करेगी.

यह भी पढ़ें: ‘बीजेपी ने तय किया है राजस्थान में सरकार को गिरा कर रहेंगे और मैं भी तय कर चुका हूं कि गिरने नहीं दूंगा’- गहलोत

इस जोड़ी को महाराष्ट्र से निकाल बिहार में भेजने की एक वजह ये भी रही कि हालांकि बिहार में बड़ी पार्टी होने के बावजूद अब तक ​बीजेपी सरकार बनाने में सफल नहीं हो पाई है. बीजेपी हमेशा ही छोटे भाई की भूमिका में रही है. यहां जेडीयू के मुखिया नीतीश कुमार हमेशा ही बड़े भाई की भूमिका में रहे हैं. वर्तमान में भी यहां जेडीयू और बीजेपी की गठबंधन सरकार चल रही है और बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी सरकार में डिप्टी सीएम है.

हालांकि बीजेपी पिछले दो बार से नीतीश कुमार की सहयोगी पार्टी के तौर पर सरकार में साझेदार है लेकिन पूर्ण बहुमत सरकार बनाने की बीजेपी की मंशा सीएम नीतीश कुमार से भी छिपी नहीं है. महाराष्ट्र में लंबे समय से गठबंधन सरकार ही चली है. ऐसे में इस तरह की रणनीति को भला भूपेंद्र यादव और देवेंद्र फडणवीस से बेहतर और कौन समझ सकता है. अभी तक फडणवीस महाराष्ट्र तक ही सीमित रहे थे, लेकिन अब पहली बार उन्हें राज्य से बाहर जिम्मेदारी सौंपी गई है.

वहीं सूत्र ये भी बताते हैं कि अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में महाराष्ट्र और बिहार पुलिस के बीच चल रही तनातनी के बाद ही देवेंद्र फड़नवीस को चुनाव में लगाया गया है. भाजपा का मानना ​​है कि अभिनेता के असामयिक निधन की जांच आगामी चुनावों में एक प्रमुख बनेगा. बिहार के क्षेत्रीय दल पहले से ही सुशांत को ‘बिहारी गौरव’ बताकर जांच की मांग कर रहे हैं. बढते दबाव को देखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सुशांत मामले की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश की हैं जिसे रिया चक्रवर्ती ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है.

यह भी पढ़ें: विधायक विजय मिश्रा को पुलिस ने लिया हिरासत में, कल ही कहा था ‘ब्राह्मण हूं, हो जाएगा एनकाउंटर’

2014 और 2019 के बीच महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य करने वाले देवेंद्र फड़नवीस के लिए राष्ट्रीय मंच पर यह पहली बड़ी जिम्मेदारी होगी. 2019 में राज्य का नेतृत्व करने का उनका दूसरा प्रयास केवल तीन दिनों तक चला, इससे पहले कि वह इस्तीफा देने के लिए मजबूर थे.

दिलचस्प बात ये भी है कि फडणवीस महाराष्ट्र के चौथे नेता हैं, जो बिहार राजनीति में उतरेंगे. इससे पहले मधु लिमये, जॉर्ज फर्नांडिस और मुकुल वासनिक जैसे नेताओं ने बिहार चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.

Leave a Reply