पॉलिटॉक्स ब्यूरो. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में चुनावी महाभारत में 5 दिन बचे हैं. ऐसे में चुनावी चौसर में मोहरे बिछ चुके हैं और पासे फेंके जा चुके हैं. चूंकि अब प्रचार कार्य केवल अगले चार दिन यानि सोमवार से गुरुवार तक किया जा सकता है, ऐसे में सभी पार्टियों के कई बड़े दिग्गज़ अपने तेजस्वी भाषण के साथ मैदान-ए-दिल्ली की जंग में उतरने के लिए तैयार हैं. बीजेपी की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को कड़कड़डूमा से अपनी चुनावी सभा की शुरुआत कर रहे हैं. आगामी चार दिनों तक उनकी 6 से ज्यादा सभाएं रखी गई हैं. वहीं कांग्रेस की तरफ से पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी भी इन्हीं 4 दिनों में चुनावी समर में उतरेंगे.
दिल्ली चुनाव में बीजेपी की ओर से पीएम मोदी के अलावा करीब करीब तमाम बड़े नाम मैदान-ए-जंग में उतर चुके हैं. यहां तक कि गृहमंत्री अमित शाह खुद प्रचार की कमान थामे हुए हैं. वहीं बीजेपी के नव नियुक्त अध्यक्ष जेपी नड्डा से लेकर दर्जनों केंद्रीय मंत्री और योगी आदित्यनाथ सहित कई राज्यों के मुख्यमंत्री चुनावी रैलियों में वयस्त हैं. वहीं कांग्रेस के स्टार प्रचारकों की अनुपस्थिति में दिल्ली के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष चोपड़ा और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन ने चुनावी बागड़ोर संभाली.
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लेकिन रविवार से कांग्रेस के स्टार प्रचारकों की फौज ने मोर्चा संभाल लिया है. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पीसीसी चीफ सचिन पायलट सहित अन्य नेता दिल्ली रवाना हो चुके हैं. आज या कल में सोनिया एवं राहुल गांधी की रैलियों का आयोजन भी होगा, ये निश्चित है. प्रियंका गांधी वाड्रा की रैली और रोड शो की योजना भी बन रही है. इधर जेडीयू और लोजपा के स्टार प्रचार भी आज कल में चुनावी प्रचार में उतरेंगे. राजद की ओर से 4 सीटों पर लंबी स्टार प्रचारकों की सूची है जिन्होंने चुनावी प्रचार शुरु कर दिया है.
वहीं सत्ताधारी आम आदमी पार्टी की ओर से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पिछले करीब 10 दिनों से लगातार चुनावी रैलियां कर रहे हैं. मनीष सिसोदिया भी उनसे कमतर नहीं हैं और लगातार प्रचार में पसीना बहा रहे हैं.
इन चार दिनों में चुनाव प्रचार के मुद्दों पर भी एक नजर डालना जरूरी है. अब तक भाजपा का प्रचार कश्मीर, धारा 370, राम मंदिर, तीन तलाक और नागरिकता कानून तक टिका हुआ था लेकिन बीते कुछ दिनों से प्रचार धूमकर शाहीन बाग और जामिया पर केंद्रित होता जा रहा है. जामिया और शाहीन बाग में बीते तीन दिनों में तीन बार फायर होने से घमासान मचा हुआ है. वहीं आम आदमी पार्टी का चुनावी प्रचार स्थानीय और विकास के मुद्दों पर टिका है. वहीं कांग्रेस शीला दीक्षित के 15 साल के कार्यकाल और उस दौरान होने वाले विकास कार्यों को भुनाने की तैयारी में है. कांग्रेस ने युवाओं के लिए बेरोजगारी भत्ते का एक बार फिर कार्ड खेला है.
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आज होने वाली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुनावी रैली पर भी नजर रहेगी कि पीएम मोदी अपने पुराने मुद्दों पर ही जनता को खींचने की कोशिश करेंगे या फिर इन मुद्दों की पुरानी सूची में कोई नया नंबर या नई बात जोड़ेंगे.