Politalks.News/Corona. देश में कोरोना महाविस्फोट हुआ है. पिछले 24 घंटे में कोरोना संक्रमण के 2 लाख से ज्यादा मामले सामने आए हैं. कोरोना के बढ़ते संक्रमण को लेकर विपक्ष लगातार मोदी सरकार को घेर रहा है. कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि सरकार कोरोना महामारी को लेकर गंभीर नहीं है. देशभर में कोरोना के रिकॉर्ड तोड़ मामलों ने आम लोगों के साथ-साथ सरकारों को भी हैरान कर दिया है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केन्द्र सरकार पर जोरदार हमला बोला है.
देश में कोरोना संकट के कारण हाल बेहाल है और हर जगह त्राहिमाम मचा है. इस बीच कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है. राहुल गांधी ने ट्वीट कर लिखा कि ना टेस्ट हैं, ना हॉस्पिटल में बैड, ना वेंटिलेटर हैं, ना ऑक्सीजन, वैक्सीन भी नहीं है, बस एक उत्सव का ढोंग है. PM Cares?. कांग्रेस नेता की ओर से एक बार फिर पीएम केअर्स पर सवाल उठाए गए हैं, लगातार राहुल इस मसले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घेरते आए हैं. कोरोना को लेकर राहुल गांधी की ओर से हर दिन सरकार को घेरा जा रहा है. हाल ही में जब देश के कई हिस्सों में वैक्सीन की शॉर्टेज हुई, तब राहुल गांधी ने पैरवी करते हुए कहा था कि सरकार को विदेशी वैक्सीन निर्माताओं को मंजूरी देनी चाहिए.
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वहीं राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर गंभीर चिंता जाहिर की है और वैक्सीन और वैक्सीनेशन को लेकर दिए गए बयान पर केन्द्रीय मंत्री डॉ. हर्षवर्धन को आड़े हाथ लिया है.सीएम गहलोत ने सोशल मीडिया पर लिखा है कि ”मैं केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन जी से यह उम्मीद नहीं करता था कि वो ‘राज्यों में पर्याप्त वैक्सीन उपलब्ध होने’ जैसा असत्य बयान देंगे.“ स्वास्थ्य मंत्री द्वारा राज्यों पर मिस मैनेजमेंट का आरोप लगाना एक दम गलत है. राजस्थान सरकार ने केन्द्र सरकार की गाइडलाइंस का पालन करते हुए मेहनत कर प्रतिदिन वैक्सीनेशन की रफ्तार 5.81 लाख टीके प्रतिदिन तक पहुंचाई और राजस्थान देश में प्रथम स्थान पर पहुंचा.
मुख्यमंत्री गहलोत ने आगे कहा कि केन्द्र सरकार ने 10% वैक्सीन के खराब होने की छूट दी थी लेकिन राजस्थान में वैक्सीन के वेस्टेज का प्रतिशत सिर्फ 7% है. राजस्थान में पूरे देश में सर्वाधिक वैक्सीनेशन हुआ है. शुरुआत में मेडिकल फर्टिनिटी तक भी वैक्सीन लगवाने को लेकर आशंकित थी लेकिन हमने सभी के अंदर कॉन्फिडेंस पैदा कर आमजन को वैक्सीनेशन के लिए प्रोत्साहित किया और लोग बड़ी संख्या में आगे आए हैं. लेकिन केन्द्र सरकार राजस्थान, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, ओडिशा, आंध्रप्रदेश, पंजाब, दिल्ली, झारखंड, उत्तराखंड और असम में वैक्सीन की नियमित आपूर्ति करने में विफल रही है जिसके कारण इन राज्यों में कई जगह वैक्सीनेशन सेंटर बंद करने पड़े हैं.
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सीएम गहलोत ने लिखा है कि केन्द्र सरकार द्वारा ये मानने में कोई बुराई नहीं थी कि देश में वैक्सीन की उपलब्धता कम है और राज्य सरकारों को उसी के अनुसार वैक्सीनेशन का कार्यक्रम बनाना चाहिए. मेरा यह भी मानना है कि केन्द्र सरकार को इस बारे में गलतबयानी करने की जगह आधिकारिक तौर पर एडवायजरी जारी कर कहना चाहिए था कि वैक्सीन उपलब्ध होने में थोड़ा समय लगेगा जिससे भविष्य में लोगों में कन्फ्यूजन की स्थिति ना बने और लोगों का वैक्सीन में विश्वास बना रहे. सीएम गहलोत ने लिखा है कि मैं उम्मीद करता हूं कि केन्द्रीय मंत्री कोरोना संक्रमण और वैक्सीनेशन पर गलतबयानी करने की बजाय आमजन के हित में सत्य सामने रखकर काम करेंगे.
आपको बता दें कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन कहा कि देश में कोरोना वैक्सीन की कोई कमी नहीं है. सभी राज्यों को भरपूर मात्रा में आपूर्ति की जा रही है. उन्होंने कहा कि राज्यों की जिम्मेवारी बनती है कि टीकाकरण केंद्रों पर समयबद्ध तरीके से टीकाकरण सुनिश्चित करें. स्वास्थ्य मंत्री का बयान ऐसे समय में आया था जब कई राज्य कोरोना वैक्सीन के वितरण पर केंद्र पर भेदभाव का आरोप लगा रहे थे. स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि न तो देश में कोरोना वैक्सीन की कमी है और न ही कोरोना के गंभीर लक्षणों वाले मरीजों के इलाज में इस्तेमाल होने वाला रेमडेसिविर दवा की कोई कमी है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा था कि Covid -19 महामारी के संदर्भ में कुछ राज्य सरकार के पदाधिकारियों के कई गैर जिम्मेदाराना बयान दिए हैं.
बता दें कि देश में आज कोरोना महाविस्फोट हुआ है. स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, भारत में 24 घंटे में सामने आए 2,00,739 कोरोना मामले सामने आए हैं और 24 घंटे में 1038 मरीजों की जान गई है. जो कि कोरोना महामारी की शुरुआत से लेकर अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है.